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दिल्ली के आठ निजी अस्पताल आयुष्मान भारत योजना में शामिल

दिल्ली उन चुनिंदा राज्यों में शामिल है, जिसने आयुष्मान भारत से जुड़ने से इनकार दिया है।

By Manish NegiEdited By: Updated: Thu, 27 Dec 2018 10:12 PM (IST)
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दिल्ली के आठ निजी अस्पताल आयुष्मान भारत योजना में शामिल
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। अब दिल्ली के अस्पतालों में भी उत्तर प्रदेश और बिहार के गरीबों को मुफ्त और कैशलेस इलाज की सुविधा मिलेगी। नाभ (नेशनल एक्रीडिटेशन बोर्ड फार हास्पीटल एंड हेल्थकेयर) से मान्यता प्राप्त दिल्ली के आठ निजी अस्पताल आयुष्मान भारत से जुड़ गए है। वहीं स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने अरविंद केजरीवाल सरकार से दिल्ली के गरीबों को इस सुविधा का लाभ देने के लिए आयुष्मान भारत से जुड़ने की अपील की।

दरअसल, दिल्ली उन चुनिंदा राज्यों में शामिल है, जिसने आयुष्मान भारत से जुड़ने से इनकार दिया है। इस कारण दिल्ली के गरीबों को सालाना पांच लाख रुपये तक कैशलेस व मुफ्त इलाज की सुविधा नहीं मिल रही है। इसी कारण दिल्ली के निजी और सरकारी अस्पताल भी इस योजना से नहीं जुड़े थे। लेकिन उत्तर प्रदेश और बिहार में सुपरस्पेशलियटी अस्पतालों का अभाव को देखते हुए नेशनल हेल्थ एजेंसी ने दिल्ली के निजी अस्पतालों को आयुष्मान भारत से जुड़ने की अपील की थी।

ताकि बिहार और उत्तर प्रदेश से आने वाले गरीबों को उच्च स्तरीय इलाज मुफ्त उपलब्ध कराया जा सके। जबकि इन दो राज्यों में लगभग पौने दो करोड़ परिवार आयुष्मान भारत के तहत आते हैं। बिहार में ऐसे परिवारों की संख्या 81 लाख 27 हजार है, वहीं उत्तर प्रदेश में लगभग 93 करोड़ परिवार इसके तहत आते हैं। एक परिवार में पांच सदस्यों को भी मान लें, तो लगभग नौ करोड़ लोगों को आयुष्मान भारत के तहत इलाज हो सकता है।

नेशनल हेल्थ एजेंसी की अपील के बाद दिल्ली के कई निजी अस्पतालों ने आयुष्मान भारत से जुड़ने में दिलचस्पी दिखाई, जिनमें आठ अस्पतालों के साथ गुरूवार को समझौता हो गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि दिल्ली सरकार के आयुष्मान भारत में नहीं शामिल होने के बावजूद दिल्ली के निजी अस्पतालों को आयुष्मान भारत के तहत भुगतान की कोई समस्या नहीं होगी।

दरअसल, इस योजना के तहत गरीबों के इलाज पर होने वाले खर्च का 60 फीसदी राशि केंद्र सरकार और 40 फीसदी राज्य सरकार वहन करती है। दिल्ली के निजी अस्पतालों में इस योजना के तहत गरीबों के इलाज पर आने वाले खर्च का भुगतान संबंधित राज्य सरकारें करेंगी। यदि उत्तरप्रदेश के मरीज का इलाज हुआ कि भुगतान उसके खाते से होगा और यदि बिहार के मरीज का इलाज हुआ तो भुगतान बिहार के खाते से होगा।