Move to Jagran APP

मिशन 2019 के लिए AAP की अहम बैठक शुरू, कुमार विश्वास-अलका लांबा की 'नो एंट्री'

इस अहम बैठक में आगामी लोकसभा चुनाव-2019 की रणनीति बनाने के साथ संगठन के विस्तार पर भी गहन मंत्रणा होगी। साथ ही इसमें कई अहम प्रस्ताव भी आ सकते हैं।

By JP YadavEdited By: Updated: Sat, 29 Dec 2018 12:16 PM (IST)
Hero Image
मिशन 2019 के लिए AAP की अहम बैठक शुरू, कुमार विश्वास-अलका लांबा की 'नो एंट्री'
नई दिल्ली, जेएनएन। वर्ष-2015 में एतिहासिक जीत के साथ दिल्ली की सत्ता पर काबिज होने वाली आम आदमी पार्टी (AAP) आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारी में अभी से जुट गई है। इस बाबत मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय परिषद की बैठक शुरू हो चुकी है। तीन राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में रही पार्टी की स्थिति और आगामी लोकसभा चुनाव इस बैठक का अहम एजेंडा है।

वहीं, बैठक में AAP नेता कुमार विश्वास, विधायक अलका लांबा आमंत्रित नहीं हैं। अलका और विश्वास ने कहा कि उन्हें बैठक होने की सूचना ही नहीं दी गई है। अलका ने कहा है कि उन्हें पार्टी के सभी व्हाट्सएप ग्रुप से निकाला जा चुका है, इसलिए भी उन्हें बैठक के बारे में जानकारी नहीं है। बिना बुलाए बैठक में जाना मैंने उचित नहीं समझा, इसलिए नहीं जा रही हूं।

इस बैठक को लोकसभा चुनाव को देखते हुए महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इसमें लोकसभा चुनाव और दूसरे राज्यों में संगठन का विस्तार मुख्य रूप से दो मुद्दे हैं। बैठक में इस बात की भी समीक्षा होगी कि तीन राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव परिणाम को लेकर कहां कमी रही? और भविष्य को लेकर क्या रणनीति होनी चाहिए? कुछ अन्य मामलों को लेकर भी प्रस्ताव आने की उम्मीद है। बता दें कि राष्ट्रीय परिषद ही पार्टी की संवैधानिक व्यवस्था को तय करती है।

इस अहम बैठक में आगामी लोकसभा चुनाव-2019 की रणनीति बनाने के साथ संगठन के विस्तार पर भी गहन मंत्रणा होगी। कहा जा रहा है कि शनिवार को होने वाली बैठक में पार्टी के संविधान संशोधन को लेकर भी प्रस्ताव भी आ सकता है।

पार्टी सूत्रों ने बताया कि AAP के संविधान में संशोधन किए जाने की संभावना है, जिससे एक व्यक्ति के अधिकतम दो बार पार्टी पदाधिकारी रहने के प्रावधान को बदला जा सके।

इसका मतलब यह है कि AAP के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल हमेशा के लिए पार्टी प्रमुख बने रह सकते हैं। केजरीवाल अप्रैल, 2016 में तीन साल के लिए दूसरी बार AAP के संयोजक चुने गए थे। सूत्रों ने बताया कि अगले साल अप्रैल में पार्टी के राष्ट्रीय परिषद की बैठक बुलाए जाने की संभावनाएं कम हैं, क्योंकि पार्टी कार्यकर्ता चुनाव प्रचार में व्यस्त होंगे।

आपको बता दें कि इससे पहले जब 2016 में पार्टी के संविधान में संशोधन किया गया था उसके बाद पार्टी के कुछ बागी नेताओं ने दबी जुबान से इसका विरोध किया था। पार्टी संविधान के अनुसार कोई भी सदस्य पार्टी पदाधिकारी के रूप में एक ही पद पर तीन-तीन साल के लिए लगातार दो बार से ज्यादा नहीं रह सकता है। 

केजरीवाल-कुमार विश्वास में दूरी बढ़ी

यहां पर बता दें कि कभी अरविंद केजरीवाल के सबसे करीबी रहे डॉक्टर कुमार विश्वास अब अरविंद केजरीवाल के साथ नहीं हैं। राजनीतिक दुश्मनी ने दोनों को अलग-अलग कर दिया है। जब से इस दोस्ती में दरार आई तब ही से कई मौकों पर कुमार विश्वास दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल पर तंज कसते रहे हैं।

दिल्ली-एनसीआर की महत्वपूर्ण खबरों को पढ़ने के लिए क्लिक करें

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।