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डीडीयू अस्पताल में अब हेपेटाइटिस-सी का इलाज

जनवरी से मिलना शुरू हो जाएगा इलाज। इसके शुरू होने से लोगों को काफी राहत मिलेगी।

By JagranEdited By: Updated: Fri, 28 Dec 2018 08:32 PM (IST)
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डीडीयू अस्पताल में अब हेपेटाइटिस-सी का इलाज

मनीषा गर्ग, पश्चिमी दिल्ली :

नए साल से दीन दयाल उपाध्याय (डीडीयू) अस्पताल में हेपेटाइटिस-सी का इलाज मिलना शुरू हो जाएगा।

वसंत कुंज स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ लिवर एंड बाइलरी साइंसेस (आइएलबीएस) की ओर से डीडीयू अस्पताल में हेपेटाइटिस-सी की जांच के लिए केंद्र खोला जा रहा है। दिल्ली के छह बड़े अस्पतालों में जनवरी से ये जांच केंद्र शुरू हो जाएंगे। हेपेटाइटिस-सी की दवाएं व जांच उपकरण अस्पतालों में आ चुके हैं।

डीडीयू अस्पताल में अभी हेपेटाइटिस-सी के मरीजों को जीबी पंत अस्पताल या आइएलबीएस रेफर किया जाता था। जिसके कारण मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता था। आंकड़ों की मानें तो भारत में हर पांचवें व्यक्ति में से एक शख्स हेपेटाइटिस से ग्रसित है। हेपेटाइटिस-सी को साइलेंट किलर की संज्ञा दी गई है। प्राथमिक स्तर पर इसका पता लगा पाना कठिन है। हेपेटाइटिस-सी के कारण लिवर सिरोसिस व कैंसर की संभावना बनी रहती है। दुनियाभर में लिवर कैंसर से पीड़ित करीब 51 फीसद लोगों की सही समय पर इलाज नहीं मिलने के कारण मौत हो जाती है। वहीं प्रत्येक 100 रोगियों में से एक मरीज का ही समय रहते लिवर ट्रांसप्लांट हो पाता है।

माइक्रोबॉयोलॉजी लैब में शुरू होगा जांच केंद्र

डीडीयू अस्पताल के निदेशक डॉ. एके मेहता ने बताया कि जनवरी से माइक्रोबायोलॉजी लैब में हेपेटाइटिस-सी जांच केंद्र शुरू होगा। आइएलबीएस ने अस्पताल को एक लैब टेक्नीशियन व डाटा एंट्री ऑपरेटर उपलब्ध कराया गया है। प्राथमिक स्तर पर अस्पताल के चिकित्सकों द्वारा ही हेपेटाइटिस-सी के मरीजों की जांच व इलाज किया जाएगा। साथ ही मरीजों को मुफ्त दवा भी उपलब्ध कराई जाएगी। गंभीर मरीजों को जांच के बाद आइएलबीएस या जीबी पंत ही रेफर किया जाएगा। क्या होता है हेपेटाइटिस :

हेपेटाइटिस वायरस से फैलने वाला ऐसा संक्रमण है, जो सीधे तौर पर लिवर को प्रभावित करता है। इसकी वजह से लीवर में सूजन आ जाती है और लिवर ठीक से कार्य नहीं कर पाता है। साथ ही हेपेटाइटिस का ठीक से इलाज नहीं करवाया जाए तो लिवर कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। हेपेटाइटिस का मुख्य कारण अधिक मात्रा में शराब का सेवन, एंटीबायोटिक व दर्द निरोधक दवाओं का सेवन व मोटापा है। हेपेटाइटिस के पांच मुख्य वायरस होते हैं। इनमें ए, बी, सी, डी और ई शामिल हैं। हेपेटाइटिस वायरस ए और ई आमतौर पर दूषित पानी और भोजन के सेवन से होता है। चिकित्सकों के पास इन दोनों वायरस की वैक्सीन उपलब्ध है। वहीं हेपेटाइटिस वायरस बी, सी, और डी संक्रमण के द्वारा फैलता है।

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