राजधानी में हर साल बढ़ रहा नाबालिगों से अपराध का ग्राफ
- सात साल में 2018 में दर्ज हुई नाबालिगों से अपराध की सर्वाधिक घटनाएं - नवंबर 2018 तक दर्ज ह
By JagranEdited By: Updated: Fri, 28 Dec 2018 10:39 PM (IST)
- सात साल में 2018 में दर्ज हुई नाबालिगों से अपराध की सर्वाधिक घटनाएं
- नवंबर 2018 तक दर्ज हुए कुल 165 आपराधिक मामले विनीत त्रिपाठी, नई दिल्ली : सत्ता के केंद्र में रहने वाली दिल्ली में भले ही मासूमों को सुरक्षित रखने के कानून को मंजूरी मिलती हो, लेकिन आंकड़े गवाह हैं कि राजधानी में मासूमों के साथ होने वाले अपराध की संख्या साल-दर-साल बढ़ती जा रही है। गत सात वर्षो के आंकड़ों पर नजर डालें तो वर्ष 2018 में बच्चों के खिलाफ अलग-अलग धाराओं में अपराध के सर्वाधिक 165 मामले दर्ज हुए। वहीं, ऐसी घटनाओं की संख्या भी कम नहीं है, जिसमें या तो पीड़ित सामने नहीं आए या उसकी कहीं सुनवाई नहीं हुई। केंद्रीय कैबिनेट ने शुक्रवार को पॉक्सो एक्ट के तहत 12 साल से कम उम्र की लड़कियों के साथ दुष्कर्म और हत्या के मामलों में दोषी को फांसी की सजा के प्रावधान को मंजूरी दे दी। राजधानी में नाबालिगों से दुष्कर्म, छेड़छाड़ और अपहरण की घटनाएं सामान्य हो चुकी हैं। नाबालिग घर के बाहर ही नहीं, स्कूल से लेकर घर के भीतर तक असुरक्षित हैं। दिल्ली पुलिस की मानें तो नाबालिगों के साथ दुष्कर्म के मामले में रिश्तेदार या फिर नजदीकी ही होते हैं। वहीं, स्कूल के अंदर भी नाबालिग के साथ अपराध की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं। लुटियंस दिल्ली के मंदिर मार्ग थाना क्षेत्र स्थित सरकारी स्कूल में बिजलीकर्मी द्वारा बच्ची से दुष्कर्म की वारदात सामने आई थी। इसके अलावा भी कई स्कूलों में छेड़छाड़ और दुष्कर्म की रिपोर्ट दर्ज हुई हैं। दिल्ली पुलिस के ही आंकड़ों पर गौर करें तो राजधानी में 30 नवंबर 2018 तक फिरौती के लिए बच्चों के अपहरण के कुल 19 मामले दर्ज किए गए थे, जबकि वर्ष 2017 में 14 मामले दर्ज किए गए थे।
वर्ष 2012 में वसंत विहार में चलती बस में युवती से हुई सामूहिक दुष्कर्म की दर्दनाक घटना के बाद दिल्ली में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर तमाम इंतजाम किए गए। कई कड़े और प्रशासनिक कदम उठाए गए, लेकिन इसका नतीजा सिफर ही रहा। वर्ष दर्ज मामले
2012 1
2013 136 2014 107 2015 86 2016 75 2017 85 2018 165 नोट- दिल्ली पुलिस द्वारा दर्ज किए ये सभी आंकड़े 30 नवंबर 2018 तक के हैं।
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