पुलिस के इन जवानों की कहानी पढ़ सैल्यूट करेंगे आप, युवक को मौत के मुंह से खींच निकाला
शुक्रवार आधी रात सूचना मिली थी की दीनपुर गांव में डिस्पेंसरी के समीप एक 28 वर्षीय युवक ने अपने घर में फांसी लगा ली है, मगर पुलिवालों ने बचा लिया।
नई दिल्ली, जेेेेएनएएन। किसी हादसे के समय पीड़ित को घटनास्थल से अस्पताल तक पहुंचाने का काम तो हर पुलिसकर्मी करता होगा, लेकिन इससे एक कदम आगे बढ़कर उसका मौके पर ही उपचार करने और जान बचाने वाले पुलिसकर्मी बिरले ही मिलते हैं।
जांबाजी और सूझबूझ की ऐसी ही मिसाल पेश की है पीसीआर (पुलिस कंट्रोल रूम) में तैनात दो कर्मचारियों ने, जिन्होंने घटनास्थल पर ही पीड़ित को कृत्रिम सांस (सीपीआर) देकर उसको मौत के मुंह में जाने से बचा लिया। बाद में उसे राव तुला राम अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां उसकी स्थिति अब खतरे से बाहर बताई जा रही है।
घटना पश्चिमी दिल्ली के दीनपुर गांव की है। पीसीआर के पुलिस उपायुक्त ने बताया कि शुक्रवार आधी रात सूचना मिली थी की दीनपुर गांव में डिस्पेंसरी के समीप एक 28 वर्षीय युवक ने अपने घर में फांसी लगा ली है। परिजनों ने उसे फंदे से नीचे उतारा।
उधर, इलाके में तैनात पीसीआरकर्मी कांस्टेबल विकास कुमार और ड्राइवर किशन स्वरूप कुछ ही मिनटों में घटनास्थल पर पहुंच गए। उन्होंने देखा कि युवक ने शराब पी रखी है और वह अचेत हो चुका है। वह सांस लेने की कोशिश कर रहा था।
विकास ने जब उसकी कलाई पकड़ी तो नब्ज चल रही थी। ऐसे में उन्होंने बिना समय गंवाये आपात स्थिति में दिए जाने वाले प्राथमिक उपचार को ध्यान में रखते हुए उसे कृत्रिम सांस देनी शुरू की। कुछ ही क्षणों में युवक की सांस वापस आ गई। इसके बाद दोनों ने उसे अस्पताल ले जाकर भर्ती कराया।
इनाम के हकदार
पीसीआर के पुलिस उपायुक्त ने कहा दोनों पीसीआर कर्मचारियों ने जिस तरह से तत्परता दिखाते हुए युवक की जान बचाई वह काबिले तारीफ है। उनका यह प्रयास अन्य पुलिसवालों के लिए भी प्ररेणा का काम करेगा। दोनों पीसीआरकर्मियों को इनाम देने की योजना है। वे वाकई इसके हकदार हैं।