लाइफस्टाइल & इंटीरियर : नेचुरल ब्यूटी रुटीन बन रहा है न्यू ईयर रेजल्यूशन
त्वचा विशेषज्ञ व ब्यूटी एक्सपर्ट प्रिया कालरा सलाह देती हैं कि मोबाइव व कंप्यूटर की स्क्रीन लाइट को कम करें, ताकि स्किन से त्वचा को नुकसान न पहुंचे।
गुरुग्राम [प्रियंका दुबे मेहता]। नए साल का नया संकल्प एक ट्रेंड बन गया है। ऐसे में लोग अब तरह तरह केसंकल्प ले रहे हैं। इस बार सबसे ज्यादा असर दिख रहा है डीटॉक्स का। डिजिटल डीटॉक्स के साथ साथ अब ब्यूटी डीटॉक्स व स्किन पॉजिटीविटी का जादू लोगों के सर चढ़कर बोल रहा है। लोग इन चीजों को नए साल के संकल्प के तौर पर अपना रहे हैं। सोशल मीडिया पर इन संकल्पों को लेकर मुहिम सी छिड़ी नजर आ रही है।
स्किन पॉजिटीविटी का दौर
स्किन पॉजिटीविटी का मतलब होता है कि लोगों को अपने असल रंग रूप से ही लगाव हो। ऐसे लोग स्किन पर पिगमेंटेशन व एक्ने जैसी समस्याओं को समस्या न मानकर प्राकृतिक घटना ही समझते हैं। इसके तहत उन महिलाओं का आत्मविश्वास बढ़ रहा है जो अपने रंगरूप को लेकर मानसिक बीमारी जैसे साइकोडर्मेटोलॉजी की चपेट में आ जाती हैं। अब युवा नए तरह के संकल्पों से संकेत दे रहे हैं कि स्किन पॉजिटीविटी नए साल के नए ब्यूटी ट्रेंड के रूप में उभरेगी।
डी-टॉक्सीफिकेशन की चाहत
त्वचा रोग विशेषज्ञ सचिन धवन का कहना है कि लोग अब स्किन पॉजिटीविटी के तहत ही डीटॉक्स को अपना रहे हैं। उनके मुताबिक स्किन को मेकअप से दूर रखने से लेकर कई तरह के नरिशिंग ट्रीटमेंट्स देकर डी-टॉक्स किया जा सकता है। ऐसे में लोगों को सलाह दी जाती है कि स्किन पर सीटीएम यानि कि क्लींजिंग, टोनिंग मोइश्चराइजिंग का रुटीन जरूर अपनाएं। सनस्क्रीन लोशन को लगातार लगाएं।
मोबाइल की स्क्रीन लाइट हो कम
ब्यूटी एक्सपर्ट प्रिया कालरा के मुताबिक स्किन पर कुछ फेशियल जैसे चारकोल, बैंबू, ग्रीन टी, क्ले व आक्सीजन फेशियल स्किन डी-टॉक्सीफिकेशन में मदद करता है। इसके अलावा विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि मोबाइव व कंप्यूटर की स्क्रीन लाइट को कम करें, ताकि स्किन से त्वचा को नुकसान न पहुंचे। इसमें योग व फेशियल योग भी काफी मदद पहुंचाता है व लगातार करने पर ब्लड सर्कुलेशन सुधरने से त्वचा खूबसूरत बनती है।
त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ. सचिन धवन ने बताया कि स्किन पॉजिटीविटी और स्किन डीटॉक्स एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। अब लोग खूबसूरत दिखने के लिए बहुत ज्यादा मेकअप पर भरोसा नहीं करते बल्कि अपनी त्वचा की समस्याओं के प्रति सकारात्मक नजरिया रखने लगे हैं। ऐसी कई सोशल मीडिया पोस्ट आ रही हैं जिसमें लोग स्किन डीटॉक्स की सलाह ले रहे हैं।
अन्य त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ. बिप्लव अग्रवाल के मुताबिक, स्किन पॉजिटीविटी का ट्रेंड विदेश से आया है। लोग अब मेकअप की परतों के पीछे न छिपकर अपने प्राकृतिक लुक को दिखाना चाहते हैं। ऐसे में लोग मेकअप व रसायनों से दूरी बनाते हुए अब प्राकृतिक रूप को ही अपना रहे हैं। नए साल के संकल्प के तौर पर युवा इन चीजों की तरफ रुख कर रहे हैं जो कि सकारात्मक संकेत है।