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DMRC कम करें किराया, मौजूदा समय में यह बहुत ज्यादा है : सिसोदिया

मनीष सिसोदिया ने कहा डीएमआरसी ने मेट्रो नेटवर्क के निर्माण में अपने हुनर का नमूना दिखाया उसी तरह किराया कम करने के लिए भी तरीका निकाला जाना चाहिए।

By Edited By: Updated: Mon, 31 Dec 2018 08:17 PM (IST)
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DMRC कम करें किराया, मौजूदा समय में यह बहुत ज्यादा है : सिसोदिया

नई दिल्ली, जेएनएन। पिंक लाइन के लाजपत नगर-मयूर विहार कॉरिडोर के उद्घाटन समारोह में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने मेट्रो विस्तार के लिए दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) की इंजीनियरिंग और तकनीक की तारीफ की। वहीं दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) को राजधानी की अनियोजित विकास के लिए जिम्मेदार ठहराया। साथ ही मेट्रो के भारी भरकम किराये पर कहा कि मेट्रो शौक नहीं बल्कि दिल्ली की जरूरत है। इसलिए यहां के लोगों की प्रति व्यक्ति आय को ध्यान में रखकर किराया तय होना चाहिए।

मनीष सिसोदिया ने एक बार फिर किराया कम करने की मांग की। उन्होंने कहा कि दिल्ली का खूब विकास हुआ। कुछ डीडीए की प्लानिंग से विकास हुआ तो कुछ उसकी लापरवाही से अनधिकृत विकास हुआ। दिल्ली में 70 फीसद अनधिकृत कॉलोनियां व झुग्गी बस्तियां हैं। ऐसे में मेट्रो नेटवर्क का निर्माण कोई आसान बात नहीं थी, लेकिन शास्त्री भवन के नीचे से लेकर करोल बाग, पहाड़गंज जैसे इलाकों के नीचे जिस तरह से मेट्रो निकाली गई, वास्तव में यह डीएमआरसी की इंजीनियरिंग का नमूना है।

फेज तीन की परियोजनाएं पूरी होने पर दिल्ली सरकार ने फेज चार को भी मंजूरी दी है। हमारे समाने सबसे बड़ी चुनौती किराये की है। किराये की बात होती है तो कहा जाता है कि दुनिया के दूसरे शहरों की मेट्रो में किराया अधिक है। हो सकता है कि विदेशों की तुलना में दिल्ली मेट्रो का किराया कम हो पर यह भी देखा जाना चाहिए कि उन देशों में प्रति व्यक्ति आय क्या है और यहां क्या है।

यहां न्यूनतम वेतनमान में बढ़ोतरी के बाद भी मजदूर करीब 13,000 रुपये कमा पाते हैं। इसलिए किराया निर्धारण के दौरान दिल्ली के लोगों की आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखा जाना चाहिए, क्योंकि मौजूदा समय में वह मानते हैं कि दिल्ली मेट्रो का किराया बहुत ज्यादा है।

जिस तरह डीएमआरसी ने मेट्रो नेटवर्क के निर्माण में अपने हुनर का नमूना दिखाया उसी तरह किराया कम करने के लिए भी तरीका निकाला जाना चाहिए। विकसित देशों के मेट्रो किराये के आधार पर दिल्ली मेट्रो में किराया तय करना उचित नहीं है। किराया इतना हो कि लोगों की जेब पर भारी न पड़े और न्यूनतम वेतन कमाने वाला मजदूर भी मेट्रो में सफर कर सके।

यदि ऐसा नहीं हुआ तो कम कमाने वाले लोग यातायात के दूसरे साधनों का चयन करेंगे। 25-30 हजार कमाने वाले लोग मोटरसाइकिल से चलेंगे। ऐसी स्थिति में प्रदूषण कम करने का लक्ष्य हासिल करना मुश्किल हो जाएगा।

मनीष सिसोदिया ने कहा कि पिंक लाइन के निर्माण के लिए डीएमआरसी ने पूर्वी दिल्ली के गरुण अपार्टमेंट के पार्क की जमीन को अपने कब्जे में लिया था। मेट्रो का काम पूरा होने के बाद पार्क को अब तक विकसित नहीं कराया गया। उन्होंने डीएमआरसी से इस पार्क को विकसित करने की मांग की।

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