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देश की नामी रियल एस्‍टेट कंपनी ने यूपी में ऐसे बचाया एसडीजेड, मगर अब भी फंसा है पेंच

प्राधिकरण बोर्ड ने पुनर्निर्धारित योजना का लाभ देते हुए उसे 2023 तक किस्तों में बकाया धनराशि भुगतान करने की अनुमति दी थी।

By Prateek KumarEdited By: Updated: Thu, 03 Jan 2019 04:01 PM (IST)
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देश की नामी रियल एस्‍टेट कंपनी ने यूपी में ऐसे बचाया एसडीजेड, मगर अब भी फंसा है पेंच
नोएडा, जेएनएन। दस करोड़ रुपये देकर जेपी समूह ने यमुना प्राधिकरण क्षेत्र स्थित एसडीजेड (स्पेशल डेवलपमेंट जोन) को फिलहाल बचा लिया है। उसे करीब सौ करोड़ रुपये का सोमवार तक प्राधिकरण को भुगतान करना होगा। जेपी समूह ने इसके लिए यमुना प्राधिकरण को लिखित में वादा किया है। सोमवार तक भुगतान न करने पर एक बार फिर एसडीजेड का आवंटन रद होने की तलवार लटक जाएगी।

2010 में आवंटित हुई थी जमीन
यमुना प्राधिकरण ने जेपी समूह की कंपनी जेपी स्पोट्र्स इंटरनेशनल लिमिटेड को 2010 में एसडीजेड के लिए एक हजार हेक्टेयर जमीन आवंटित की थी। इस जमीन पर बुद्ध अंतरराष्ट्रीय परिपथ फामरूला वन, क्रिकेट स्टेडियम बनाया गया है। कुछ जमीन को आवासीय परियोजनाओं के लिए अन्य बिल्डरों को भी बेच दिया गया है। लेकिन, जेपी समूह ने जमीन की मूल किस्तों एवं ब्याज की धनराशि का भुगतान नहीं किया।

पहली किस्‍त भी नहीं हुई जमा
प्राधिकरण बोर्ड ने पुनर्निर्धारित योजना का लाभ देते हुए उसे 2023 तक किस्तों में बकाया धनराशि भुगतान करने की अनुमति दी थी। जेपी समूह पहली किस्त की धनराशि 108 करोड़ का ही समय से भुगतान नहीं कर पाया। उसे सितंबर अंत तक यह धनराशि जमा करानी थी। प्राधिकरण ने उसे मौका देते हुए समय सीमा को 31 दिसंबर तक के लिए बढ़ाते हुए अंतिम नोटिस भी जारी कर दिया था। समय सीमा बीतने के बाद बुधवार को मात्र दस करोड़ रुपये जमा कराए गए हैं।

जेपी समूह ने दस करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया है। किस्त की शेष धनराशि के सोमवार तक भुगतान का वादा किया है। समय से धनराशि भुगतान न करने पर आवंटन रद करने की कार्रवाई की जाएगी।
डॉ. अरुणवीर सिंह, सीईओ यमुना प्राधिकरण

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