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अब स्थानीय निकायों को दिल्ली सरकार अपनी आय का देगी 12.5 फीसद हिस्सा

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : दिल्ली सरकार राजधानी के सभी स्थानीय निकायों को पाचवें दिल्ली वित्त

By JagranEdited By: Updated: Thu, 03 Jan 2019 11:09 PM (IST)
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अब स्थानीय निकायों को दिल्ली सरकार अपनी आय का देगी 12.5 फीसद हिस्सा

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : दिल्ली सरकार राजधानी के सभी स्थानीय निकायों को पाचवें दिल्ली वित्त आयोग की सिफारिशों के तहत अपनी आय से 12.5 फीसद हिस्सा उपलब्ध कराएगी। आयोग ने सरकार को 171 सुझाव दिए थे, जिसमें से सरकार ने 88 सुझावों को मान लिया है, जबकि 29 सुझावों को मानने से साफ मना कर दिया।

विधानसभा में पाचवें दिल्ली वित्त आयोग की सिफारिशों को रखते हुए शहरी विकास मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि आयोग की तरफ से 171 सुझाव सौंपे गए थे, जिनमें से 88 सुझावों को मान लिया गया है। 21 सुझावों में कुछ संसोधन कर उन्हें स्वीकार किया गया, 13 सुझावों को स्थानीय निकायों पर छोड़ दिया गया है। 17 सुझावों के लिए एक समिति का गठन किया गया है, जबकि 29 सुझावों को सरकार ने मानने से साफ मना कर दिया है। उन्होंने कहा कि अभी तक स्थानीय निकायों को तीसरे और चौथे वित्त आयोग की सिफारिशों के तहत 10.5 फीसदी हिस्सा उपलब्ध कराया जा रहा था। सरकार ने पाचवें वित्त आयोग की सिफारिशों को मानते हुए इसे बढ़ाकर 12.5 फीसद कर दिया है। इस बजट के दो हिस्से होंगे। इसमें 6 फीसद कर से संबंधित होगा, जो जनरल ब्राच में दिया जाएगा। इसमें से 6 फीसद के दो हिस्से ए और बी होंगे। इसमें 3 फीसद में से पूर्वी दिल्ली नगर निगम को 65 फीसद व उत्तरी नगर नगर निगम को 35 फीसद अनुदान दिया जाएगा। अन्य तीन फीसद में से सभी पाचों निकायों, जिसमें तीनों नगर निगम, नई दिल्ली नगरपालिका परिषद व दिल्ली छावनी एरिया शामिल हैं उन्हें अनुदान दिया जाएगा। अन्य 6.5 फीसद बजट सरकार शिक्षा, स्वास्थ्य सहित अन्य मदों में अनुदान के रूप में देगी। यह बजट एक अप्रैल 2016 से लागू होगा।

गौरतलब है कि दिल्ली में तीनों नगर निगमों के अलावा नई दिल्ली नगर पालिका परिषद और दिल्ली छावनी बोर्ड को दिल्ली सरकार जनगणना के आधार पर फंड उपलब्ध कराती है।

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केंद्र ने नहीं किया स्वीकार

सत्येंद्र जैन ने कहा कि केंद्र सरकार ने चौथे वित्त आयोग के लिए दिल्ली सरकार की ओर से रखी गई सिफारिशों को मानने से मना कर दिया था। दिल्ली सरकार ने सिफारिश की थी कि दिल्ली को भी अन्य राज्यों की तरह केंद्रीय करों में हिस्सेदारी देनी चाहिए। डीडीए दिल्ली सरकार के अधीन किया जाए। नगर निगमों के आयुक्तों को नियुक्त करने का अधिकार दिल्ली सरकार के पास हो। चौथे वित्त आयोग की कार्रवाई रिपोर्ट (एक्शन टेकन रिपोर्ट) सदन में रखते हुए उन्होंने कहा कि इसके तहत यदि दिल्ली को केंद्रीय करों की हिस्सेदारी में 10 फीसद भी मिलता तो काफी फंड की व्यवस्था हो जाती।

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