यूपी सरकार ने 51000 फ्लैट मालिकों को दिया था बड़ा तोहफा, अब बिल्डरों ने दिया झटका!
बिल्डरों ने जिलाधिकारी के आदेश को ठेंगा दिखा दिया है। एग्रीमेंट टू सबलीज के लिए बिल्डरों को 30 जनवरी तक समय दिया था। देखना है बिल्डरों पर DM गैंगस्टर की कार्रवाई करते हैं या नहीं।
By Edited By: Updated: Fri, 01 Feb 2019 01:19 PM (IST)
नोएडा, जेएनएन। उत्तर प्रदेश सरकार ने जिला प्रशासन के जरिये नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण के 51000 फ्लैट मालिकों को एक बड़ा तोहफा देते हुए एग्रीमेंट टू सबलीज के तहत रजिस्ट्री कराने का तोहफा दिया था, लेकिन बिल्डरों ने जिलाधिकारी के आदेश को ठेंगा दिखा दिया है। एग्रीमेंट टू सबलीज के लिए जिलाधिकारी ने बिल्डरों को 30 जनवरी तक का समय दिया था, लेकिन सिर्फ 7 फ्लैटों की ही रजिस्ट्री हुई है।
टूटी उम्मीद
बता दें कि ग्रेटर नोएडा में तीस से अधिक बिल्डरों ने साढ़े छह हजार से अधिक फ्लैटों पर कब्जा दिया था। प्रशासन को उम्मीद थी कि एग्रीमेंट टू सबलीज से अरबों रुपये का राजस्व प्राप्त होगा। निर्धारित तिथि समाप्त होने पर महज सात लोगों ने एग्रीमेंट टू सबलीज कराई है। ऐसे में 51000 फ्लैट मालिकों की उम्मीद टूटती दिखाई दे रही है। ऐसे में अब देखना है बिल्डरों पर जिलाधिकारी गैंगस्टर की कार्रवाई करते हैं या नहीं।जिले में 30 से अधिक बिल्डरों ने बिना रजिस्ट्री कराए ही खरीदार को कब्जा दिया हुआ है। इस कारण प्रशासन को करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ। जांच में पाया गया कि जिले में ऐसे 30 से अधिक बिल्डर हैं जिन्होंने लगभग साढ़े छह हजार से अधिक फ्लैट पर बिना रजिस्ट्री के ही कब्जा दे दिया है।
बता दें कि ग्रेटर नोएडा में तीस से अधिक बिल्डरों ने साढ़े छह हजार से अधिक फ्लैटों पर कब्जा दिया था। प्रशासन को उम्मीद थी कि एग्रीमेंट टू सबलीज से अरबों रुपये का राजस्व प्राप्त होगा। निर्धारित तिथि समाप्त होने पर महज सात लोगों ने एग्रीमेंट टू सबलीज कराई है। ऐसे में 51000 फ्लैट मालिकों की उम्मीद टूटती दिखाई दे रही है। ऐसे में अब देखना है बिल्डरों पर जिलाधिकारी गैंगस्टर की कार्रवाई करते हैं या नहीं।जिले में 30 से अधिक बिल्डरों ने बिना रजिस्ट्री कराए ही खरीदार को कब्जा दिया हुआ है। इस कारण प्रशासन को करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ। जांच में पाया गया कि जिले में ऐसे 30 से अधिक बिल्डर हैं जिन्होंने लगभग साढ़े छह हजार से अधिक फ्लैट पर बिना रजिस्ट्री के ही कब्जा दे दिया है।
जिलाधिकारी ने कुछ दिन पूर्व बिल्डर प्रबंधन के साथ वार्ता की थी। बैठक में 15 से अधिक बिल्डर प्रबंधन के प्रतिनिधि शामिल हुए थे। बिल्डरों से एग्रीमेंट टू सबलीज कराने के लिए कहा था। एग्रीमेंट टू सबलीज बिल्डर व खरीदार के बीच होगा। जिसके तहत खरीदार को कुल कीमत का पांच फीसद स्टांप देना था।जिलाधिकारी ने कहा था एग्रीमेंट टू सबलीज न कराने वाले बिल्डरों पर स्टांप अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज होगा और गैंगस्टर की कार्रवाई होगी।
जांच में पाया गया है कि ग्रेटर नोएडा में आम्रपाली लेजर वैली ने 887, एवीजे हाइट्स ने 1500, यूनिटेक होराइजन ने 1100, वृंदा सिटी ने 400, सीनियर सिटीजन सोसायटी में 854, यूनिटेक कासकेड ने 350, महालक्ष्मी ग्रींस मेंसन ने 554, टाटा स्टील ने 48, यूनिटेक हैबीटेक ने 902, सतीलीला सहकारी समिति ने 180, स्वर्ण अपार्टमेंट ने 150 फ्लैट व एमएसएक्स ने 36 दुकानों पर बिना रजिस्ट्री के ही कब्जा दिया हुआ है।अखिलेश दुबे (एआइजी स्टांप द्वितीय) का कहना है कि अभी तक मेसर्स सुपरसिटी बिल्डर के सात खरीदारों ने एग्रीमेंट टू सबलीज कराया है। इससे साढ़े ग्यारह लाख रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है। निर्धारित तिथि के बाद अन्य बिल्डरों के खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई शुरू होगी।
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