रिश्वत के खेल में एक और खुलासा: दिल्ली में मर्सिडीज व जोधपुर में मारुति कार से रजिस्टर्ड है नंबर
परिवहन विभाग के मुताबिक ऐसा नहीं हो सकता है कि एक ही नंबर दो अलग-अलग कंपनी की कार मॉडल से रजिस्टर्ड हो। इसमें कहीं न कहीं गड़बड़ी है।
नोएडा [अर्पित त्रिपाठी]। सेक्टर 20 थाने में आठ लाख रिश्वत लेते पकड़े गए इंस्पेक्टर और तीन पत्रकार के इस खेल में मर्सिडीज गाड़ी भी एक कहानी बयां कर रही है। जिस मर्सिडीज गाड़ी को पत्रकार सुशील पंडित की बताई जा रही है, उस गाड़ी का नंबर दो प्रदेशों के आरटीओ में पंजीकृत है।
गाड़ी नंबर डीएल-9-सीक्यू-0157 दिल्ली के पालम आरटीओ और राजस्थान के जोधपुर आरटीओ में पंजीकृत है। इसमें सबसे हैरानी की जानकारी जो सामने आई है वह यह कि ये नंबर दिल्ली में मर्सिडीज और जोधपुर में मारुति वैगन-आर वाहन में दर्ज है।
परिवहन विभाग के मुताबिक ऐसा नहीं हो सकता है कि एक ही नंबर दो अलग-अलग कंपनी की कार मॉडल से रजिस्टर्ड हो। इसमें कहीं न कहीं गड़बड़ी है।
सेक्टर 20 कोतवाली में खड़ी काले रंग की मर्सिडीज गाड़ी के संदिग्ध होने की जानकारी कार्रवाई होने के दौरान से ही आ रही थी। इसके बाद जब गाड़ी के नंबर की जांच जब भारत सरकार की ओर से शुरू की गई 'वाहन' वेबसाइट पर की गई तो पता चला कि डीएल 9 सीक्यू 0157 राजस्थान के जोधपुर आरटीओ में पंजीकृत है।
इसमें जानकारी दी गई कि वाहन का पंजीकरण मार्च 2007 में हुआ है और निर्माता मारुति कंपनी है व मॉडल वैगन-आर है। वहीं दूसरी जानकारी दिल्ली के पालम आरटीओ की दी हुई है। इसमें वाहन का पंजीकरण नवंबर 2005 में हुआ है। वहीं निर्माता डेमलर इंडिया कमर्शियल वेहिक्ल्स प्राइवेट लिमिटेड है व वाहन का मॉडल मर्सिडीज है।
इन दोनों आरटीओ में वाहन का इंजन नंबर अलग है । वहीं एक आरटीओ में चेसिस नंबर की जानकारी दी गई और दूसरे में नहीं दी गई है। दोनों आरटीओ में वाहनों का स्टेटस एक्टिव है। एक ही नंबर पर दो आरटीओ और दो वाहनों पर होने के बारे में जब परिवहन विभाग से पूछा गया तो बताया गया कि एक ही नंबर दो अलग-अलग कार निर्माता कंपनी के वाहनों को नहीं दिया जा सकता। इसमें कुछ न कुछ गड़बड़ी है।
ये कार आपराधिक गैंग की है या लूट में बरामद हुई या चोरी की है, इसकी जांच कराई जा रही है। जांच होने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
वैभव कृष्ण, एसएसपी, गौतमबुद्ध नगर