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जानें- क्यों दिल्ली-NCR के लिए अहम है फरवरी, आएंगे देश-दुनिया के 1 लाख से अधिक लोग

फरीदाबाद में हस्तशिल्प कला और सांस्कृतिक विरासत से रूबरू कराने को 33 वां सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेला भी लोगों के लिए शुरू हो जाएगा।

By JP YadavEdited By: Updated: Thu, 31 Jan 2019 04:50 PM (IST)
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जानें- क्यों दिल्ली-NCR के लिए अहम है फरवरी, आएंगे देश-दुनिया के 1 लाख से अधिक लोग

नई दिल्ली, जेएनएन। दिल्ली-एनसीआर के लिए एक फरवरी के साथ पूरा महीना ही बेहद अहम है। इस तारीख यानी एक फरवरी को दिल्ली में जहां एशिया का सबसे बड़ा रंग महोत्सव भारत रंग महोत्सव (भारंगम) शुरू होगा। वहीं, फरीदाबाद में हस्तशिल्प कला और सांस्कृतिक विरासत से रूबरू कराने को 33 वां सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेला भी लोगों के लिए शुरू हो जाएगा। दोनों ही आयोजनों में देश-दुनिया के एक लाख से ज्यादा लोग शिकरत करेंगे। वहीं, एक फरवरी से ही लाल किला में याद-ए-जलियां संग्रहालय भी लोगों के लिए खोल दिया जाएगा।

सबसे पहले बात भारंगम की। 21 दिनों तक चलने वाले इस महोत्सव में 111 से अधिक नाटकों का मंचन होगा। दिल्ली समेत छह शहरों में 9 से अधिक पारंपरिक प्रस्तुतियों के अलावा थियेटर जगत के धुरंधर अभिनय की बारीकियां बताएंगे। इस बार यहां उर्दू और भोजपुरी के नाटकों का मंचन देखने को नहीं मिलेगा। हालांकि मैथिली में पहली बार नाटक का मंचन होगा। महोत्सव में 15 विदेशी नाट्य समूह भाग ले रहे हैं।

छह शहरों में होगा मंचन
राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (एनएसडी) के पदाधिकारियों ने बताया कि भारतीय भाषाओं में नाटकों के मंचन के लिए 869 प्रविष्टियां विदेशी भाषाओं में 90 प्रविष्टियां आयी थीं। महोत्सव में 69 भारतीय एवं 15 विदेशी नाटकों का मंचन होगा। इसके अलावा 9 पारंपरिक प्रस्तुति, एनएसडी के छात्रों द्वारा 5 नाटक, एनएसडी के सिक्किम केंद्र द्वारा एक नाटक प्रस्तुत किया जाएगा।

इन शहरों में होगा नाटकों का मंचन

दिल्ली में 89 नाटक मंचित होंगे, जिसमें 25 नाटक हिंदी में होंगे। दिल्ली के अलावा वाराणसी, डिब्रूगढ़, मैसूर, राजकोट और रांची में नाटकों का मंचन होगा। महोत्सव में बांग्लादेश, पोलैंड, रूस, श्रीलंका, चेक रिपब्लिक, इटली, नेपाल, रोमानिया और ङ्क्षसगापुर के अंतरराष्ट्रीय प्रोडक्शन भी शामिल होंगे।

गांधी पर आधारित होंगे चार नाटक
महात्मा गांधी की 150वीं पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में उनके आदर्शों, जीवन, धारणा, सिद्धांतों पर आधारित चार नाटकों का भी मंचन होगा। इनमें समीर विश्वास निर्देशित बापू, एम के रैना निर्देशित स्टेयेट अ व्हाइल, देवेन्द्र राज अंकुर निर्देशित सत्य के प्रयोग एवं अर्जुन देव चारण द्वारा लिखित एवं निर्देशित हिंद स्वराज शामिल हैं। ये चारों नाटक दिल्ली में ही होंगे।

पहली बार मैथिली में नाटक का मंचन
पदाधिकारियों ने बताया कि पहली बार मैथिली में नाटक का मंचन होगा। नाटक धूर्तसमागम के निर्देशक प्रकाश झा हैं जबकि लेखक ज्योतिरीश्वर ठाकुर हैं। इस बार उर्दू और भोजपुरी में नाटकों का मंचन नहीं होने के पीछे पदाधिकारियों ने प्रविष्टियां नहीं मिलने का तर्क दिया है। वहीं इस बार प्रयाग राज में अर्धकुंभ के कारण भारत रंग महोत्सव के तहत कुंभ परिसर में नाटकों के मंचन को टाल दिया गया है।

सुरेश शर्मा  (डायरेक्टर इन चार्ज, एनएसडी) ने बताया कि भारत रंग महोत्सव का यह 20वां सत्र है। इसमें 960 नाटकों की इंट्री आयी है। भारत रंग महोत्सव में ही समानांतर महोत्सव का आयोजन डिब्रूगढ़ में 4 से 10 फरवरी तक, वाराणसी में 7 से 13 फरवरी तक, रांची में 9 से 15 फरवरी जबकि मैसूर में 11 से 17 फरवरी एवं राजकोट में 13 से 17 फरवरी तक नाटकों का मंचन होगा।

सूरजकुंड हस्तशिल्प मेला शुरू
वहीं, फरीदाबाद में हस्तशिल्प कला और सांस्कृतिक विरासत से रूबरू कराने को 33 वां सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेला शुक्रवार (एक फरवरी) से शुरू होगा। देश-विदेश के हस्तशिल्पियों के इस महाकुंभ में थीम स्टेट के रूप में महाराष्ट्र की लोक-संस्कृति का नजारा देखने को मिलेगा।

भारतीय लोक कलाकारों के अलावा मेले में सहभागी देश थाईलैंड के लोक कलाकार अपनी अनूठी सांस्कृतिक छटा बिखेरेंगे। एक से 17 फरवरी तक चलने वाले इस मेले का उद्घाटन प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस करेंगे। पूरा मेला परिसर महाराष्ट्र के रंग में रंग गया है। सूरजकुंड मेले में थीम स्टेट महाराष्ट्र में घरों पर दिवाली पर लगाए जाने वाले कंदिल से चौपाल परिसर को सजाया गया है।

मेले में सामाजिक सरोकारों के प्रति जागृति लाने के साथ सांस्कृतिक समृद्धि के दर्शन भी होंगे। हरियाणा पर्यटन निगम की ओर से अपना घर में स्वच्छता, बेटी बचाओ अभियान पर जोर रहेगा तो वीरों की धरती पर स्वतंत्रता संग्राम के नायकों को भी नमन किया जाएगा। ऐसे ही थीम स्टेट महाराष्ट्र के अपना घर से वहां की संस्कृति के दर्शन होंगे।

  • 01 फरवरी : जैमिनी कावा द्वारा शिवाजी महाराज पर कार्यक्रम।
  • 02 फरवरी : बॉलीवुड गायिका अकांक्षा की प्रस्तुति।
  • 03 फरवरी : फैशन शो।
  • 04 फरवरी : थाईलैंड के कलाकारों की प्रस्तुति।
  • 05 फरवरी : राजस्थानी कलाकारों की प्रस्तुति।
  • 06 फरवरी : श्रीलंका का राष्ट्रीय दिवस समारोह व सांस्कृतिक कार्यक्रम।
  • 07 फरवरी : महाराष्ट्र के कलाकारों की प्रस्तुति।
  • 08 फरवरी : प्रसिद्ध लोक गायिका मालिनी अवस्थी की प्रस्तुति।
  • 09 फरवरी : सरदार मनजीत सिंह के संचालन में हास्य कवि सम्मेलन।
  • 10 फरवरी : अनु सिन्हा की शास्त्रीय नृत्य प्रस्तुति।
  • 11 फरवरी : रंजू प्रसाद एंड पार्टी की प्रस्तुति।
  • 12 फरवरी : सरेगामा फेम रिंकू कालिया के सदाबहार नगमे।
  • 13 फरवरी : सदाबहार नगमों की प्रस्तुति।
  • 14 फरवरी : बैंड की प्रस्तुति।
  • 15 फरवरी : अंतरराष्ट्रीय कलाकारों की प्रस्तुति।
  • 16 फरवरी : सुबोध घोष का शास्त्रीय कार्यक्रम।
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