मौत से बचने के लिए ली थी शरण, जिंदगी हो गई नरक
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : अंतरधार्मिक और अंतरजातीय विवाह करने वाले प्रेमी जोड़ों को संरक्षण देने क
By JagranEdited By: Updated: Thu, 31 Jan 2019 09:57 PM (IST)
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : अंतरधार्मिक और अंतरजातीय विवाह करने वाले प्रेमी जोड़ों को संरक्षण देने का दावा करने वाले स्वयंसेवी संगठन लव कमांडो का पहाड़गंज स्थित शेल्टर होम किसी यातना गृह से कम नहीं है। यहां से दिल्ली महिला आयोग द्वारा मुक्त कराए गए चार जोड़ों ने जो कुछ बताया है, उससे तो यही पता चलता है। अलग धर्म और जाति में विवाह करने के बाद झूठी शान की खातिर हत्या (ऑनर कि¨लग) से डरे युवाओं ने यहां यह सोचकर ली थी कि उन्हें मौत का भय नहीं रहेगा, लेकिन यहां तो उनकी ¨जदगी ही नरक जैसी हो गई।
इन जोड़ों ने बताया कि शेल्टर होम में कुत्तों की भी हालत इनसे अच्छी थी। इन्हें कुत्तों से खराब खाना दिया जाता था और उनसे भी खराब व्यवहार किया जाता था। प्रेमी जोड़ों ने दिल्ली महिला आयोग की टीम को बताया है कि शेल्टर होम के कुत्तों को चिकन, दूध, अंडे और ताजा भोजन मिलता था, जबकि वहां शरण लेने वाले युवाओं को कई-कई दिन का बासी खाना। अगर किसी ने बासी खाना खुद न खाकर कुत्तों के सामने डाल दिया तो सभी प्रेमी जोड़ों के सामने उसके साथ जमकर गाली-गलौज की जाती थी। कर्मचारी कराते थे अपने घर के काम शेल्टर होम में शरण लेने वाले युवाओं से वहां के तो काम कराए ही जाते थे, उन कर्मचारियों के घरों के भी काम करने पड़ते थे, जो यहां काम करते हैं। युवाओं को उन्हें जबरन शराब पिलाना पड़ता था और स्वयंसेवी संगठन के पदाधिकारियों के हाथ-पैर दबाने पड़ते थे। कई बार तो उनकी मालिश भी करनी पड़ती थी। कोई भी प्रेमी जोड़ा इस बात का विरोध करता था, तो उस पर कुत्ते छोड़ दिए जाते थे। यह स्थिति तब थी, जबकि इन युवाओं से यहां रहने के एवज में एकमुश्त 40 से लेकर 55 हजार रुपये तक लिए गए हैं। युवतियों के अंतर्वस्त्रों की जांच करते हैं पुरुष युवाओं ने बताया कि शेल्टर होम में कोई महिला कर्मचारी नहीं है। ऐसे में लड़कियों के कपड़ों और अंतर्वस्त्रों की जांच भी पुरुष ही करते हैं। कई लड़कियों ने इस दौरान छेड़छाड़ किए जाने का आरोप लगाया और जबरन हाथ-पैर दबवाने की बात भी कही है। -------------
आरोपों को बताया निराधार
लव कमांडो के चीफ कोऑर्डिनेटर हर्ष मल्होत्रा के बेटे मानव ने प्रेमी जोड़ों द्वारा लगाए गए आरोपों को निराधार बताया है। उनका कहना है कि पैसे लिए जाने, कुत्तों से कटवाने की बात गलत है। शराब पीने के लिए नए साल की पार्टी में यहां रहने वाले युवकों ने ही जिद की थी और वही लेकर आए भी थे। खाने-पीने की किसी भी प्रकार की कोई कमी नहीं होती थी। इनसे बाबा और पापा इसलिए कहलवाया जाता था कि ताकि ये परिवार की तरह यहां रह सकें।
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