हनीट्रैप : सेना के सिपाही को लड़की ने किया WhatsApp कॉल, जानें फिर क्या हुआ
पुलिस सूत्रों के मुताबिक गिरफ्तार किए गए आरोपितों के नाम सोमवीर व शाहनवाज खान है। सोमवीर सोनीपत के भैमी महाराजपुर गांव का रहने वाला है और सेना में सिपाही है।
By Edited By: Updated: Fri, 01 Feb 2019 02:04 PM (IST)
नई दिल्ली [राकेश कुमार सिंह]। पाकिस्तानी सुरक्षा एजेंसी आइएसआइ भारतीय सेना के जवान को हनीट्रैप में फंसाकर उससे गोपनीय जानकारी ले रहा था। सेना के जवान को युवती पर शक न हो इसके लिए जामा मस्जिद इलाके से खरीदी गई सिम को कराची से इस्तेमाल किया जा रहा था। राजस्थान एसटीएफ ने इस मामले में सेना के सिपाही समेत जामा मस्जिद इलाके में सिम बेचने वाले दुकानदार को गिरफ्तार किया है।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक गिरफ्तार किए गए आरोपितों के नाम सोमवीर व शाहनवाज खान है। सोमवीर सोनीपत के भैमी महाराजपुर गांव का रहने वाला है और सेना में सिपाही है। उसकी तैनाती बीकानेर में है। शाहनवाज खान मटियामहल का रहने वाला है। उसका जामा मस्जिद इलाके में मोबाइल फोन व सिम की दुकान है। कुछ महीने पहले जम्मू-कश्मीर के रहने वाले एक संदिग्ध फर्जी दस्तावेज पर उससे सिम खरीदा था।शाहनवाज को उसने दस्तावेज फर्जी होने की बात बता दी थी फिर भी उसने अपनी गारंटी पर सिम दे दिया था। उस सिम को संदिग्ध युवक ने जम्मू-कश्मीर ले जाकर आइएसआइ को सौंप दिया। आइएसआइ ने कराची में सिम ले जाकर उसे एक मोबाइल में एक्टिवेट किया और उस नंबर से एक युवती ने सोमवीर को वॉट्सऐप कॉल करना शुरू कर दिया।
युवती खुद को दिल्ली की बताती रही। हनीट्रैप में फंसाने के बाद युवती सोमवीर से भारतीय सेना के बारे में गोपनीय जानकारी व दस्तावेज मांगने लगी। इसके बदले वह सोमवीर को पैसे भी भेजती थी। सोमवीर वॉट्सऐप पर सेना के बारे में कई गोपनीय दस्तावेज भेजे।राजस्थान के एसटीएफ को यह जानकारी मिलने पर पहले सोमवीर को बीकानेर से दबोच लिया गया। एसटीएफ ने जामा मस्जिद पहुंचकर सिम बेचने वाले शाहनवाज खान को भी दबोच लिया। दोनों से पुलिस पूछताछ कर युवती के बारे में पता लगा रही है। साथ ही जम्मू कश्मीर के उस संदिग्ध व्यक्ति के बारे में भी पता लगा रही है जिसने सिम खरीदा था।
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