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सिख विरोधी दंगे के गवाह की पॉलीग्राफ टेस्ट रिपोर्ट आठ मार्च को होगी पेश

सीबीआइ के अधिवक्ता ने अतिरिक्त मुख्य दंडाधिकारी अमित अरोड़ा के समक्ष कहा कि पॉलीग्राफ रिपोर्ट का पूरा विवरण कनाडा दूतावास के सहयोग से एक सीलबंद लिफाफे में दिया गया है।

By Prateek KumarEdited By: Updated: Fri, 01 Feb 2019 01:36 PM (IST)
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सिख विरोधी दंगे के गवाह की पॉलीग्राफ टेस्ट रिपोर्ट आठ मार्च को होगी पेश

दिल्ली, जेएनएन। कड़कड़डूमा कोर्ट में फिर 1984 के सिख विरोधी दंगे के मामले में गवाह अभिषेक वर्मा की पॉलीग्राफ टेस्ट की रिपोर्ट का मामला आठ मार्च तक के लिए टल गया है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) को बृहस्पतिवार को कड़कड़डूमा कोर्ट में सिख विरोधी दंगे के एक मामले में मुख्य गवाह अभिषेक वर्मा की पॉलीग्राफ रिपोर्ट पेश करनी थी।

सीबीआइ के अधिवक्ता ने अतिरिक्त मुख्य दंडाधिकारी अमित अरोड़ा के समक्ष कहा कि पॉलीग्राफ रिपोर्ट का पूरा विवरण कनाडा दूतावास के सहयोग से एक सीलबंद लिफाफे में दिया गया है। उन्होंने कोर्ट को जानकारी दी कि 18-20 दिसंबर 2018 को ही अभिषेक की पॉलीग्राफ रिपोर्ट का निष्कर्ष निकाला जाना था, लेकिन वैज्ञानिकों के अभाव में ऐसा नहीं हो पाया।

इसलिए उन्होंने कोर्ट में रिपोर्ट पेश करने के लिए कुछ और समय की मांग की। सीबीआइ के अधिवक्ता की बात सुनने के बाद अतिरिक्त मुख्य दंडाधिकारी अमित अरोड़ा ने रिपोर्ट पेश करने की अगली तारीख आठ मार्च दी है।

दरअसल, अभिषेक वर्मा 1984 सिख विरोधी दंगे के एक मामले में सीबीआइ के गवाह हैं। इस मामले में अभिषेक वर्मा ने बयान दिया था कि जगदीश टाइटलर ने अपने रसूख का इस्तेमाल कर अहम गवाह को प्रभावित किया था और उसे कनाडा भेजा।

इस मामले में 4 दिसंबर 2015 को सीबीआइ ने आर्म्स डीलर अभिषेक वर्मा को गवाह बनाया था। 8 फरवरी 2017 को सीबीआइ ने कोर्ट में याचिका लगाई थी कि वह अभिषेक वर्मा का पॉलीग्राफी टेस्ट कराना चाहती है। इस मामले में अभिषेक के बयान के अलावा सीबीआइ के पास दूसरा सुबूत नहीं है। सीबीआइ के लिए अभिषेक वर्मा का पॉलीग्राफी टेस्ट अहम है।

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