यातायात व्यवस्था पर नहीं, चालान पर ज्यादा रहता है दिल्ली पुलिस का ध्यान
यातायात पुलिसकर्मियों की छह-सात सदस्यों की दो-दो टीमें मुस्तैद होकर यातायात नियमों का पालन कराती हैं जबकि चंद कदम की दूरी पर नो पार्किंग में खड़े वाहन नियमों का उल्लंघन करते हैं।
By JP YadavEdited By: Updated: Fri, 22 Feb 2019 02:06 PM (IST)
नई दिल्ली, जेएनएन। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की यातायात पुलिस का पूरा ध्यान सिर्फ वाहनों का चालान करने पर है। व्यस्त और सामान्य समय में जिन सड़कों पर जाम लगता है, वहां पुलिस नदारद रहती है। खाली पड़ी सड़कों पर बैरिकेड लगाने के साथ यातायात पुलिसकर्मी बीच सड़क पर खड़े होकर ऑटो व कार चालकों का चालान करते हैं। जिन सड़कों पर गति सीमा 50 किलोमीटर प्रतिघंटा है और सड़क खाली पड़ी रहती है, वहां यातायात पुलिसकर्मियों की छह-सात सदस्यों की दो-दो टीमें मुस्तैद होकर यातायात नियमों का पालन कराती हैं, जबकि इससे चंद कदम की दूरी पर नो पार्किंग में खड़े वाहन नियमों का खुला उल्लंघन करते हैं।
आलोक कुमार (संयुक्त आयुक्त यातायात, पुलिस दिल्ली) का कहना है कि यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाने में कोई कोताही नहीं बरती जाएगी। जाम के दौरान विभिन्न स्थानों पर अतिरिक्त पुलिसकर्मियों की भी व्यवस्था की जाती है। जहां पर गति सीमा या यातायात संकेतक बोर्ड लोगों को स्पष्ट दिखाई नहीं दे रहे हैं, वहां की बाधाओं को हटवाया जाएगा, ताकि यातायात व्यवस्था बेहतर बन सके और लोगों को सही जानकारी मिल सके। नियमों का उल्लंघन करने पर चालान किए जाते हैं।
पेड़ों के झुरमुट में छिपे हैं गति सीमा के बोर्ड
डॉ. राजेंद्र प्रसाद मार्ग और इसके आसपास गति सीमा के बोर्ड तो हैं, लेकिन पेड़ों के झुरमुट में छिपे हैं। ऐसे में सड़कों से गुजरने वाले वाहन चालकों को गति सीमा का बोर्ड ठीक से दिखाई नहीं देता।
यहां नहीं रहती है यातायात पुलिस
कनॉट प्लेस से आइटीओ के बीच कई स्थानों पर दिन में भी जाम की स्थिति होती है, लेकिन दोपहर में यहां सड़क पर कोई यातायात पुलिसकर्मी दिखाई नहीं देता।
नो पार्किंग में सड़क पर लगती है वाहनों की कतार डॉ. राजेंद्र प्रसाद मार्ग पर जिस स्थान पर यातायात पुलिसकर्मी रहते हैं, उससे चंदकदम की दूरी पर शास्त्री भवन के पास मुख्य सड़क पर नो पार्किंग में वाहनों की कतार लगती है। यहां कार्रवाई के लिए यातायात पुलिस की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं की जाती। इस मार्ग पर ऑटो, टैक्सी, कैब और निजी वाहनों की कतार सड़क के दोनों तरफ लगी होती है। जबकि यहां नो पार्किंग नो स्टें¨डग के बोर्ड भी लगे हैं।
खाली पड़ी सड़कों पर मुस्तैद होती है यातायात पुलिस दोपहर में डॉ. राजेंद्र प्रसाद मार्ग पर आवाजाही कम होती है। इस दौरान पुलिस की मुस्तैदी का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि सड़क के दोनों तरफ यातायात पुलिसकर्मी वाहनों के चालान करने में व्यस्त रहते हैं। इस मार्ग पर गति सीमा 50 किलोमीटर प्रतिघंटा निर्धारित है, इसका पालन कराने के लिए सात पुलिसकर्मियों की टीम खड़ी होती है। इसी मार्ग के दूसरे छोर पर छह यातायात पुलिसकर्मियों की टीम ऑटो की जांच करने के लिए तैयार रहती है। ऑटो चालक को रोकने के लिए एक बेरिकेड बीच सड़क पर होता है और तीन-चार पुलिसकर्मी खड़े होते हैं।
चेकिंग से लगता है जाम नई दिल्ली में लालबत्ती के पास विभिन्न गोल चक्कर पर जाम का कारण चेकिंग बनती है। वाहनों की जांच के लिए लालबत्ती से थोड़ा आगे यातायात पुलिसकर्मी एक लेन को बैरिकेड लगाकर बंद कर देते हैं और एक लेन में खुद खड़े हो जाते हैं। ऐसे में वाहनों को निकलने के लिए काफी कम जगह बचती है, जिससे गोल चक्कर और लालबत्ती के बीच जाम लगता है।
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