जानिए- दिल्ली के 'रईस' का यूपी के गरीब से लिंक, खुलासा हुआ तो पुलिस रह गई दंग
मां के मुताबिक बच्चे के लौटने के बाद भी बदमाशों ने फोन कर कहा कि आप आराम से रहिए हमने आपका घर तो देखा ही है। अब हम लोग टच में रहेंगे।
By Edited By: Updated: Sat, 23 Feb 2019 10:34 AM (IST)
गाजियाबाद, जेएनएन। दिल्ली से सटे गाजियाबाद के राजनगर से 10 फरवरी को लापता हुए और 15 फरवरी को लौटे 14 वर्षीय किशोर का अपहरण हुआ था। परिजनों ने 10 लाख रुपये की फिरौती देकर किशोर को छुड़वाया था। कविनगर पुलिस ने शुक्रवार तड़के हापुड़ चुंगी के पास पांच आरोपितों को गिरफ्तार कर उनसे अपहरण में प्रयोग की कार, आठ लाख रुपये, चोरी की बाइक, लूट का मोबाइल और किशोर के आइकार्ड समेत अन्य सामान बरामद किया है। बताया जा रहा है कि सबसे पहले उन्होंने दिल्ली के अमीर का अपहरण करने का प्रयास किया और कामयाबी नहीं मिलने पर 7वीं के छात्र का अपहरण कर लिया।
एसपी सिटी श्लोक कुमार ने बताया कि गिरफ्तार आरोपित फीरोजाबाद निवासी प्रमोद कुमार जैन, दिल्ली के पांडवनगर निवासी प्रदीप उर्फ दीपू व पवन कुमार और नंदग्राम निवासी प्रमोद यादव व सोनू कुमार हैं। अधिक डराने के चक्कर में पकड़े गए राजनगर के सेक्टर-3 में रहने वाले टूर एंड ट्रैवल्स कंपनी के संचालक का 14 वर्षीय इकलौता बेटा 10 फरवरी की शाम को अचानक लापता हो गया था। वह पॉलिटिकल मैप खरीदने गया था और कुछ देर बाद परिजन उसे ढूंढ़ने निकले तो पास से ही उसकी चप्पलें बरामद हुई थीं।
पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर बच्चे की तलाश शुरू कर दी थी। 15 को देर शाम परिजन कविनगर थाने पहुंचे और बताया कि बच्चे का अपहरण हुआ था और उन्होंने 10 लाख रुपये देकर उसे छुड़ाया है। मां के मुताबिक बच्चे के लौटने के बाद भी बदमाशों ने फोन कर कहा कि आप आराम से रहिए, हमने आपका घर तो देखा ही है। अब हम लोग टच में रहेंगे। यह कॉल परिजनों को अधिक डराने के लिए की गई थी ताकि वे पुलिस के पास न जाएं। वहीं भविष्य में बच्चे और परिवार को फिर से खतरे की आशंका हुई तो परिजन पुलिस के पास पहुंचे।
'रईसों' से गुस्सा था मास्टर माइंड
सीओ सेकेंड आतिश कुमार सिंह ने बताया कि मास्टरमाइंड प्रमोद जैन था, जो पहले टैक्सी चलाता था और फिलहाल अपने स्वर्गीय मामा की गाड़ी टैक्सी के रूप में चलाता था। उसने नौकरी इसीलिए छोड़ी थी कि मालिक उसकी सैलरी देने में आनाकानी करता था। इसी गुस्से के कारण अमीर बनने के लिए अपहरण करने का प्लान बनाया। गिरफ्तार सभी आरोपित चालक ही हैं जो एक दूसरे को जानते हैं। बच्चे के अपहरण से पहले उन्होंने नोएडा से बाइक चुराई और बिसरख से मोबाइल लूटा। इसी फोन से उन्होंने फिरौती के लिए कॉल की थी। प्रमोद व उसके साथियों ने दिल्ली में एक युवक के अपहरण का प्रयास किया था, लेकिन कामयाबी नहीं मिली। राजनगर में बच्चे को लावारिस हालत में देखकर उसका अपहरण कर लिया। आरोपितों ने 10 फरवरी की रात और 11 के पूरे दिन बच्चे को भूखा रखा और पीटा भी। 12 फरवरी को उसे खाना खिलाया। दो तरफ से मांगी गई फिरौती
दस फरवरी को लापता हुए बच्चे के संबंध में पहली कॉल 12 फरवरी को मिली और एक करोड़ रुपये मांगे गए। बच्चे की मां के मुताबिक कॉलर की आवाज में उर्दू की टोन थी और नंबर भी इंडिया का नहीं था। उन्होंने बच्चे से बात कराने को कहा तो फोन काट दिया। फिर भारतीय नंबर से कॉल आई और उन्होंने दो करोड़ रुपये मांगे। इसके बाद परिजन भ्रमित हो गए। साथ ही डर भी बढ़ गया। मगर भारतीय नंबर से फोन कर फिरौती मांगने वालों ने बच्चे का वीडियो भेजा तो उन्हें यकीन हुआ। मां ने वीडियो कॉल कर अपना घर दिखाया और कहा कि उनके पास इतने रुपये नहीं हैं। बाद में 10 लाख रुपये फिरौती तय हुई। दिल्ली के अक्षरधाम मंदिर के पास बच्चे की मां 14 फरवरी की शाम गाड़ी में रुपये लेकर पहुंची। 15 फरवरी की तड़के पौने तीन बजे परिजनों को डीपीएस, नोएडा के पास से बच्चे को ले जाने के लिए बुलाया। यहां उन्हें बच्चा लावारिस हाल में मिला।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।सीओ सेकेंड आतिश कुमार सिंह ने बताया कि मास्टरमाइंड प्रमोद जैन था, जो पहले टैक्सी चलाता था और फिलहाल अपने स्वर्गीय मामा की गाड़ी टैक्सी के रूप में चलाता था। उसने नौकरी इसीलिए छोड़ी थी कि मालिक उसकी सैलरी देने में आनाकानी करता था। इसी गुस्से के कारण अमीर बनने के लिए अपहरण करने का प्लान बनाया। गिरफ्तार सभी आरोपित चालक ही हैं जो एक दूसरे को जानते हैं। बच्चे के अपहरण से पहले उन्होंने नोएडा से बाइक चुराई और बिसरख से मोबाइल लूटा। इसी फोन से उन्होंने फिरौती के लिए कॉल की थी। प्रमोद व उसके साथियों ने दिल्ली में एक युवक के अपहरण का प्रयास किया था, लेकिन कामयाबी नहीं मिली। राजनगर में बच्चे को लावारिस हालत में देखकर उसका अपहरण कर लिया। आरोपितों ने 10 फरवरी की रात और 11 के पूरे दिन बच्चे को भूखा रखा और पीटा भी। 12 फरवरी को उसे खाना खिलाया। दो तरफ से मांगी गई फिरौती
दस फरवरी को लापता हुए बच्चे के संबंध में पहली कॉल 12 फरवरी को मिली और एक करोड़ रुपये मांगे गए। बच्चे की मां के मुताबिक कॉलर की आवाज में उर्दू की टोन थी और नंबर भी इंडिया का नहीं था। उन्होंने बच्चे से बात कराने को कहा तो फोन काट दिया। फिर भारतीय नंबर से कॉल आई और उन्होंने दो करोड़ रुपये मांगे। इसके बाद परिजन भ्रमित हो गए। साथ ही डर भी बढ़ गया। मगर भारतीय नंबर से फोन कर फिरौती मांगने वालों ने बच्चे का वीडियो भेजा तो उन्हें यकीन हुआ। मां ने वीडियो कॉल कर अपना घर दिखाया और कहा कि उनके पास इतने रुपये नहीं हैं। बाद में 10 लाख रुपये फिरौती तय हुई। दिल्ली के अक्षरधाम मंदिर के पास बच्चे की मां 14 फरवरी की शाम गाड़ी में रुपये लेकर पहुंची। 15 फरवरी की तड़के पौने तीन बजे परिजनों को डीपीएस, नोएडा के पास से बच्चे को ले जाने के लिए बुलाया। यहां उन्हें बच्चा लावारिस हाल में मिला।