एम्स और यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन मिलकर करोड़ों पीड़ित बच्चों की स्माइल के लिए करेंगे शोघ
शोध को बढ़ावा देने के लिए एम्स और यूनीवर्सिटी कॉलेज लंदन यूसीएल ने शुक्रवार को एजुकेशन पार्टनरशिप की है। इसके जरिए बौद्धिक और सांस्कृतिक रूप से और सामाजिक रूप से भी विकसित होंगे।
By Edited By: Updated: Sat, 23 Feb 2019 08:09 AM (IST)
नई दिल्ली, जेएनएन। शोध को बढ़ावा देने के लिए एम्स और यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन (यूसीएल) ने शुक्रवार को एजुकेशन पार्टनरशिप की है। इसके तहत शुक्रवार को एम्स के निदेशक प्रोफेसर रणदीप गुलेरिया और यूसीएल के प्रेसिटेंड प्रोफेसर माइकल आर्थर ने लेटर ऑफ इंटेंट पर साइन किए। इस मौके पर माइकल आर्थर ने कहा कि एम्स के साथ किया गया यह कार्य लंबे समय में विकसित किए गए संबंधों का परिणाम है।
जमीनी स्तर पर होंगे शोध
जमीनी स्तर पर कुछ इस तरह के शोध किए जाएंगे जिससे ऐसी चुनौतियों को खत्म किया जाएगा, जिनका सामना आज समाज को करना पड़ रहा है। इस कार्यक्रम के जरिए दोनों संस्थाओं के बीच बौद्धिक, सांस्कृतिक, सामाजिक रूप से रिश्ते भी विकसित होंगे। कई संभावित क्षेत्रों में है काम की योजना यूसीएल और एम्स मिलकर कई संभावित क्षेत्रों में कार्य करेंगे, जहां अभी तक कोई कार्य नहीं किया गया है।छात्रों को होगा फायदा
परस्परिक सहमति से अनुसंधान और शिक्षा में सहयोग करने के साथ कर्मचारी विनिमय कार्यक्रमों का संभावित विकास, कार्यक्रम और अनुसंधान फेलोशिप कार्यक्रम छात्रों की क्षमता छात्र गतिशीलता के अवसरों का विकास और संयुक्त शैक्षणिक रूप से विकास पर कार्यशालाओं, संगोष्ठियों और सम्मेलनों का आयोजन किया जाएगा।
जमीनी स्तर पर कुछ इस तरह के शोध किए जाएंगे जिससे ऐसी चुनौतियों को खत्म किया जाएगा, जिनका सामना आज समाज को करना पड़ रहा है। इस कार्यक्रम के जरिए दोनों संस्थाओं के बीच बौद्धिक, सांस्कृतिक, सामाजिक रूप से रिश्ते भी विकसित होंगे। कई संभावित क्षेत्रों में है काम की योजना यूसीएल और एम्स मिलकर कई संभावित क्षेत्रों में कार्य करेंगे, जहां अभी तक कोई कार्य नहीं किया गया है।छात्रों को होगा फायदा
परस्परिक सहमति से अनुसंधान और शिक्षा में सहयोग करने के साथ कर्मचारी विनिमय कार्यक्रमों का संभावित विकास, कार्यक्रम और अनुसंधान फेलोशिप कार्यक्रम छात्रों की क्षमता छात्र गतिशीलता के अवसरों का विकास और संयुक्त शैक्षणिक रूप से विकास पर कार्यशालाओं, संगोष्ठियों और सम्मेलनों का आयोजन किया जाएगा।
एम्स के निदेशक ने बताया यह बेहतर अवसर
एम्स के निदेशक प्रोफेसर रणदीप गुलेरिया ने कहा कि यह एक से अधिक पहलुओं पर द्विपक्षीय कार्य-प्रवाह के लिए बेहतर अवसर है। शिक्षकों और शोधकर्ताओं को मिलेगा बेहतर प्रशिक्षण दोनों संस्थानों में छात्रों, शिक्षकों और शोधकर्ताओं के लिए प्रशिक्षण के अवसर और क्षमताओं को और बढ़ाने के लिए क्लिनिकल परीक्षण इकाई की स्थापना भी की जाएगी।न्यूरोमस्कुलर डिजीज के पीड़ित को होगा फायदा
अब एम्स न्यू इंटरनेशनल सेंटर फॉरजिनोमिक मेडिसन इन न्यूरोमस्कुलर डिजीज (आइसीजीएमएन) में शामिल हो गया है। जिसका नेतृत्व यूसीएल करता है। आइसीजीएमएन इस समय पांच देशों के लिए कार्य कर रहा है। इसका उद्देश्य मसल वेस्टिंग न्यूरोमस्कुलर डिसीज के पीड़ित लोगों के लिए आनुवंशिक निदान और चिकित्सा को आगे बढ़ाने का है। आइसीजीएमएन के निदेशक प्रोफेसर माइकल हैना ने कहा कि मैं इसके साथ काम करके बहुत खुश हूं, क्योंकि एम्स रोगियों को एडवांस जेनेटिक डायग्नोसिस और इलाज उपलब्ध करा रहा है। न्यूरोमस्कुलर रोग पूरे विश्व में करीब 17 मिलियन बच्चों को प्रभावित करते हैं।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।एम्स के निदेशक प्रोफेसर रणदीप गुलेरिया ने कहा कि यह एक से अधिक पहलुओं पर द्विपक्षीय कार्य-प्रवाह के लिए बेहतर अवसर है। शिक्षकों और शोधकर्ताओं को मिलेगा बेहतर प्रशिक्षण दोनों संस्थानों में छात्रों, शिक्षकों और शोधकर्ताओं के लिए प्रशिक्षण के अवसर और क्षमताओं को और बढ़ाने के लिए क्लिनिकल परीक्षण इकाई की स्थापना भी की जाएगी।न्यूरोमस्कुलर डिजीज के पीड़ित को होगा फायदा
अब एम्स न्यू इंटरनेशनल सेंटर फॉरजिनोमिक मेडिसन इन न्यूरोमस्कुलर डिजीज (आइसीजीएमएन) में शामिल हो गया है। जिसका नेतृत्व यूसीएल करता है। आइसीजीएमएन इस समय पांच देशों के लिए कार्य कर रहा है। इसका उद्देश्य मसल वेस्टिंग न्यूरोमस्कुलर डिसीज के पीड़ित लोगों के लिए आनुवंशिक निदान और चिकित्सा को आगे बढ़ाने का है। आइसीजीएमएन के निदेशक प्रोफेसर माइकल हैना ने कहा कि मैं इसके साथ काम करके बहुत खुश हूं, क्योंकि एम्स रोगियों को एडवांस जेनेटिक डायग्नोसिस और इलाज उपलब्ध करा रहा है। न्यूरोमस्कुलर रोग पूरे विश्व में करीब 17 मिलियन बच्चों को प्रभावित करते हैं।