खुशखबरी : दिल्लीवासियों को घर से महज आधा किमी के दायरे में मिलेगी बस, जानें कैसे
सरकार ने सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने के दिशा में एक मजूबत कदम बढ़ा दिया है। सरकार डीटीसी की बसों के सर्वोत्तम इस्तेमाल के लिए वैज्ञानिक तरीके से बस रूट रेशनलाइजेशन कर रही है।
By Edited By: Updated: Sat, 23 Feb 2019 08:09 AM (IST)
नई दिल्ली, जेएनएन। दिल्ली में निजी वाहनों के दबाव को कम करने के लिए सरकार ने सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने के दिशा में एक मजूबत कदम बढ़ाया है। सरकार डीटीसी की बसों के सर्वोत्तम इस्तेमाल के लिए वैज्ञानिक तरीके से बस रूट रेशनलाइजेशन (बस रूटों का पुर्नर्निधारण) लागू करने जा रही है। इसमें फीडर बस, फटफट और ग्रामीण सेवा को भी जोड़ा जाएगा।
दिल्लीवासियों को फायदा
सरकार का दावा है कि इसके बाद दिल्ली के किसी भी इलाके में घर से महज 5 सौ मीटर के दायरे में 15 मिनट के अंतराल पर बस मिल सकेगी। कनेक्ट दिल्ली नाम की इस योजना के पहले फेज की शुरुआत शनिवार को नजफगढ़ इलाके से जाएगी।
सरकार का दावा है कि इसके बाद दिल्ली के किसी भी इलाके में घर से महज 5 सौ मीटर के दायरे में 15 मिनट के अंतराल पर बस मिल सकेगी। कनेक्ट दिल्ली नाम की इस योजना के पहले फेज की शुरुआत शनिवार को नजफगढ़ इलाके से जाएगी।
परिवहन मंत्री ने दी जानकारी
शुक्रवार को सचिवालय में प्रेस वार्ता कर परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने इस योजना की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इससे पहले भी कई सरकारों ने अलग-अलग समय पर इस तरह का अध्ययन कराने की शुरुआत की। लेकिन, न कोई अध्ययन पूरा हुआ और न लागू किया गया। यह पहली बार है, जब अध्ययन पूरा भी हो रहा है और इसे लागू भी किया जा रहा है। अभी राजधानी के 35 फीसद इलाके में नहीं है बस सुविधा
इस अध्ययन के अनुसार, अभी भी राजधानी के 35 फीसद इलाकों में बस की सुविधा नहीं है। जबकि, 30 फीसद दिल्ली वाले ही परिवहन के लिए बसों का इस्तेमाल करते हैं। उनका कहना है कि व्यस्त समय में बसों की भीड़ और सड़कों पर जाम की वजह से बहुत सारे लोग इसका इस्तेमाल नहीं करते हैं।
शुक्रवार को सचिवालय में प्रेस वार्ता कर परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने इस योजना की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इससे पहले भी कई सरकारों ने अलग-अलग समय पर इस तरह का अध्ययन कराने की शुरुआत की। लेकिन, न कोई अध्ययन पूरा हुआ और न लागू किया गया। यह पहली बार है, जब अध्ययन पूरा भी हो रहा है और इसे लागू भी किया जा रहा है। अभी राजधानी के 35 फीसद इलाके में नहीं है बस सुविधा
इस अध्ययन के अनुसार, अभी भी राजधानी के 35 फीसद इलाकों में बस की सुविधा नहीं है। जबकि, 30 फीसद दिल्ली वाले ही परिवहन के लिए बसों का इस्तेमाल करते हैं। उनका कहना है कि व्यस्त समय में बसों की भीड़ और सड़कों पर जाम की वजह से बहुत सारे लोग इसका इस्तेमाल नहीं करते हैं।
कनेक्ट दिल्ली के तहत नजदीक होगा बस स्टॉप
कनेक्ट दिल्ली के तहत बस, फीडर, फटफट सेवा, ग्रामीण सेवा और ऑटो आदि का ऐसा रूट बनाया जाएगा, जिससे सभी को उसके घर से आधा किमी की दूरी पर सार्वजनिक परिवहन मिल जाए। 17 रूट किए गए हैं शामिल
परिवहन मंत्री ने बताया कि इस योजना के पहले चरण में नजफगढ़ के 17 रूट लिए गए हैं। इनमें से खैर गांव से इंद्रलोक, नजफगढ़ से मोरी गेट और नजफगढ़ से नेहरू प्लेस के तीन रूटों को ट्रंक रूट के तौर पर चिन्हित किया गया है।पांच से 10 मिनट में मिलेगी बस
इन रूटों पर पांच से 10 मिनट के अंतराल पर बस मिलेगी। वहीं आठ रूटों को प्राइमरी रूट के तौर पर चिन्हित किया गया है, जिन पर 10 से 20 मिनट में बसें मिला करेंगी। वहीं छह रूटों को फीडर रूट के तौर चिन्हित किया गया है, जिन पर 20 से 35 मिनट में बसें मिलेंगी। इसके लिए इन रूटों पर 70 अतिरिक्त बसें उतारी जाएंगी। उन्होंने बताया कि इन रूटों पर पायलट प्रोजेक्ट भी चलाया जा चुका है, जो 90 फीसद तक सफल रहा है। गहलोत की मानें तो इस योजना को पूरी दिल्ली में लागू करने के लिए पहले से मंगवाई गई तीन हजार बसों के अलावा 2500 छोटी (नौ मीटर से छोटी) बसों की जरूरत होगी। उनका कहना है कि कनेक्टिविटी की सबसे ज्यादा परेशानी तंग रास्तों पर होती है। छोटी बसों से यह परेशानी दूर हो जाएगी। योजना से फिलहाल ई-रिक्शा को बाहर रखा गया है।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।कनेक्ट दिल्ली के तहत बस, फीडर, फटफट सेवा, ग्रामीण सेवा और ऑटो आदि का ऐसा रूट बनाया जाएगा, जिससे सभी को उसके घर से आधा किमी की दूरी पर सार्वजनिक परिवहन मिल जाए। 17 रूट किए गए हैं शामिल
परिवहन मंत्री ने बताया कि इस योजना के पहले चरण में नजफगढ़ के 17 रूट लिए गए हैं। इनमें से खैर गांव से इंद्रलोक, नजफगढ़ से मोरी गेट और नजफगढ़ से नेहरू प्लेस के तीन रूटों को ट्रंक रूट के तौर पर चिन्हित किया गया है।पांच से 10 मिनट में मिलेगी बस
इन रूटों पर पांच से 10 मिनट के अंतराल पर बस मिलेगी। वहीं आठ रूटों को प्राइमरी रूट के तौर पर चिन्हित किया गया है, जिन पर 10 से 20 मिनट में बसें मिला करेंगी। वहीं छह रूटों को फीडर रूट के तौर चिन्हित किया गया है, जिन पर 20 से 35 मिनट में बसें मिलेंगी। इसके लिए इन रूटों पर 70 अतिरिक्त बसें उतारी जाएंगी। उन्होंने बताया कि इन रूटों पर पायलट प्रोजेक्ट भी चलाया जा चुका है, जो 90 फीसद तक सफल रहा है। गहलोत की मानें तो इस योजना को पूरी दिल्ली में लागू करने के लिए पहले से मंगवाई गई तीन हजार बसों के अलावा 2500 छोटी (नौ मीटर से छोटी) बसों की जरूरत होगी। उनका कहना है कि कनेक्टिविटी की सबसे ज्यादा परेशानी तंग रास्तों पर होती है। छोटी बसों से यह परेशानी दूर हो जाएगी। योजना से फिलहाल ई-रिक्शा को बाहर रखा गया है।