Move to Jagran APP

आर्मी में कैप्टन जयंता कुमार ने सरकारी घर में की आत्महत्या, सुसाइट नोट ने घोला राज

जांच की कड़ी में पुलिस को उनके शव के पास से एक सुसाइड नोट भी मिला है जिससे लग रहा है कि वह ऑफिस की किसी परेशानी की वजह से तनाव में थे।

By JP YadavEdited By: Updated: Sun, 24 Feb 2019 07:46 AM (IST)
Hero Image
आर्मी में कैप्टन जयंता कुमार ने सरकारी घर में की आत्महत्या, सुसाइट नोट ने घोला राज
नई दिल्ली, जेएनएन। सेना के कैप्टन ने शुक्रवार दोपहर वसंत विहार थाना क्षेत्र स्थित सरकारी आवास में फांसी लगाकर जान दे दी। उनका शव पंखे से बंधी चादर से लटकता मिला। मौके से सुसाइड नोट बरामद हुआ है। पुलिस के मुताबिक, उन्होंने कामकाज के चलते तनाव में होने और इसी के कारण खुदकशी करने की बात लिखी है। डीसीपी दक्षिणी-पश्चिम देवेंद्र आर्या ने घटना की पुष्टि की है। पुलिस के अनुसार, सेना के कैप्टन जयंत कुमार एम (46) की आत्महत्या करने की जानकारी मिली।

शनिवार दोपहर पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया। इसके बाद परिजन शव लेकर बेंगलुरु रवाना हो गए। मैं सेना के लिए फिट नहीं.. डीसीपी के मुताबिक, कैप्टन जयंत कुमार एम ने लिखा है कि लोगों ने मेरी मासूमियत का दुरुपयोग किया। मैं ईमानदार और निर्दोष हूं। लोगों ने मेरा मिसयूज किया लेकिन मैं उन्हें अब और गलत नहीं करने दूंगा। मुझे वरिष्ठ अधिकारियों ने भी राह नहीं दिखाई। मैं सेना के लिए फिट नहीं हूं।

पुलिस मौके पर पहुंची तो सरकारी आवास 71/4 में उनका शव पंखे से बंधी चादर के फंदे से लटकता मिला। साथ में अंग्रेजी में लिखा सुसाइड नोट भी बरामद हुआ। जयंत मूल रूप से बेंगलुरु के रहने वाले थे और यहां क्वार्टर में अकेले रहते थे। क्राइम ब्रांच और फिंगर प्रिंट विशेषज्ञ की टीम मौके पर बुलाई गई। इसके बाद वीडियोग्राफी कराई गई। शव को फंदे से उतारकर सफदरजंग अस्पताल स्थित पोस्टमार्टम हाउस भेजा गया। खबर पाकर परिजन शुक्रवार को ही बेंगलुरु से दिल्ली पहुंच गए।

जांच की कड़ी में पुलिस को उनके शव के पास से एक सुसाइड नोट भी मिला है, जिससे लग रहा है कि वह ऑफिस की किसी परेशानी की वजह से तनाव में थे। मूल रूप से बेंगलुरू (कर्नाटक) के रहने वाले जयंता दिल्ली के इस घर में अकेले ही रहते थे।

 दिल्ली-एनसीआर की महत्वपूर्ण खबरों को पढ़ने के लिए यहां करें क्लिक

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।