Move to Jagran APP

क्‍या केजरीवाल दिल्‍ली को दिला पाएंगे पूर्ण राज्‍य का दर्जा, 1 मार्च से शुरू होगा आमरण अनशन

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का कहना है कि आम आदमी पार्टी की सरकार दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर नाटक कर रही है।

By JP YadavEdited By: Updated: Sun, 24 Feb 2019 07:44 AM (IST)
Hero Image
क्‍या केजरीवाल दिल्‍ली को दिला पाएंगे पूर्ण राज्‍य का दर्जा, 1 मार्च से शुरू होगा आमरण अनशन
नई दिल्ली, जेएनएन। दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा मिलना चाहिए या नहीं, अब यह बहस का बड़ा मुद्दा बन गया है। आम आदमी पार्टी (AAP) तकरीबन हर चुनाव में इसे मुद्दा बनाती रही है। लोकसभा चुनाव 2019 में भी AAP इसे मुद्दा बनाएगी, यह एलान पहले ही हो चुका है। यही वजह है कि इस कड़ी में पिछले कुछ दिनों से दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल रैलियों के दौरान इस मुद्दे को उठा भी रहे हैं। इस बीच शनिवार को सीएम केजरीवाल ने कहा है कि दिल्ली को पूर्ण राज्य के मुद्दे पर वह एक मार्च से धरने पर बैठेंगे। कहा जा रहा है कि यह धरना अनिश्चिकालीन होगा। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, अरविंद केजरीवाल पूर्ण राज्य की मांग को लेकर आंदोलन भी शुरू करेंगे। इसे आमरण अनशन बताया जा रहा है।

इस बाबत अरविंद केजरीवाल ने खुद भी ट्वीट किया है- 'मैं दिल्ली वालों का कर्ज कभी भी नहीं उतार सकता हूं। यह मेरे लिए गर्व की बात होगी कि मैं दिल्ली के लोगों के अधिकारों के लिए लड़ूं। दिल्ली के लोग पूर्ण राज्य का दर्जा पाने के हकदार हैं और यह उन्हें मिलना ही चाहिए।'

इससे पहले शनिवार को मुख्यमंत्री केजरीवाल ने विधानसभा के बजट सत्र के दौरान कहा कि अब पूरी दिल्ली में आंदोलन की जरूरत है। इस बार आंदोलन दिल्ली को पूर्ण राज्य बनाए जाने के बाद ही समाप्त होगा। इस दौरान केजरीवाल ने अपने भाषण में उन्होंने केंद्र सरकार पर भी निशाना साधा।  उन्होंने कहा कि जनता ने हमें 70 में से 67 सीटें दीं, लेकिन हम दिल्ली के लिए अपना कर्तव्य पूरा नहीं कर पा रहे हैं। हम दिल्ली के लिए अपना बलिदान तक दे सकते हैं। आजादी के बाद से अब तक दिल्ली के साथ ही अन्याय हुआ है। एक चुनी हुई सरकार दिल्ली के लोगों के लिए काम नहीं कर सकती। क्या यहां के लोगों के वोट की कीमत दूसरे राज्यों से कम है? दिल्ली पुलिस, एमसीडी और डीडीए पर केंद्र का अधिकार है। ऐसे में जनता क्यों अपराध, गंदगी और विकास नहीं होने की परेशानी झेले। अब सिर्फ आंदोलन ही एक रास्ता है।

AAP सरकार ने विधानसभा में प्रस्ताव किया था
केजरी सरकार ने पिछले साल 6-8 जून तक दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने की मांग के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर प्रस्ताव पास किया था। इसके बाद यह केंद्र के पास भेजा गया था, लेकिन इस पर मुहर नहीं लग पाई। आम आदमी पार्टी ने 2013 और 2015 के चुनावी घोषणापत्र में दिल्ली को पूर्ण राज्य बनाने का वादा किया था, पर तीन साल पहले आप सरकार द स्टेट ऑफ दिल्ली बिल, 2016 जारी करके जनता की राय मांगने से आगे नहीं बढ़ पाई।

यहां पर बता दें कि आम आदमी पार्टी (AAP) ने पिछली बार जब 49 दिनों की सरकार बनाई थी, तो उनकी एक शिकायत यह भी थी कि पुलिस उनकी बात नहीं मानती, क्योंकि वो केंद्र सरकार के अधीन है। पुलिस दिल्ली के मुख्यमंत्री के अधीन तभी आ सकती है, जब दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा मिले। ऐसे में केजरीवाल ने सबसे पहले दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने का मुद्दा उठाया है।

वहीं, भाजपा का कहना है कि आम आदमी पार्टी की सरकार दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर नाटक कर रही है। भाजपा नेताओं के मुताबिक, सरकार को अपने चुनाव घोषणापत्र के अनुसार 500 नए स्कूल व 20 डिग्री कॉलेज बनाने हैं, अस्पतालों में 30 हजार अतिरिक्त बिस्तरों की व्यवस्था करनी है, नौ सौ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खोलने हैं, दो लाख सार्वजनिक शौचालय बनाने हैं, दूषित पानी को यमुना में जाने से रोकने के लिये सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित करने हैं, दिल्ली का अपना पावर स्टेशन बनाना है, सारी दिल्ली में फ्री वाई-फाई उपलब्ध कराना है, दस हजार डीटीसी बसें खरीदनी हैं। ऐसे में यह सब ध्यान भटकाने के लिए हैं।

दिल्ली-एनसीआर की महत्वपूर्ण खबरों को पढ़ने के लिए यहां करें क्लिक

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।