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राजीव गांधी सुपरस्पेशियलिटी अस्पताल में खुलेगा इंस्टीट्यूट

ताहिरपुर स्थित राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के कायाकल्प की तैयारी शुरू हो गई है। हाल ही में स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने यहां पर कई सुविधाओं की शुरुआत की थी। उन्होंने अस्पताल में 150 से ज्यादा बिस्तरों का भी शुभारंभ किया था। इसके बाद यहां पर मरीज के बिस्तरों की संख्या 200 पहुंच गई लेकिन डॉक्टरों की कमी के कारण बिस्तरों के अनुपात में मरीजों को भर्ती नहीं किया जा रहा था। अब डॉक्टरों के साथ पैरा मेडिकल स्टाफ और नर्सिग अर्दलियों की भर्ती प्रक्रिया तेजी से शुरू कर दी गई है। इसके अलावा अपने अस्तित्व में आने के बाद से पहली बार अस्पताल ने प्रोफेसरों की भी भर्ती शुरू कर दी है। अब तक यहां सहायक प्रोफेसर ही रखे जा रहे थे। बताया जा रहा है अब अस्पताल में एक इंस्टीट्यूट शुरू करने की तैयारी चल रही है। इसमें पीजी डिप्लोमा और सुपर स्पेशियलिटी कोर्स कराए जाएंगे। इस वजह से बड़ी संख्या में प्रोफेसरों की भर्ती की तैयारी है।

By JagranEdited By: Updated: Thu, 28 Feb 2019 06:44 PM (IST)
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राजीव गांधी सुपरस्पेशियलिटी अस्पताल में खुलेगा इंस्टीट्यूट

स्वदेश कुमार, पूर्वी दिल्ली

ताहिरपुर स्थित राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के कायाकल्प की तैयारी शुरू हो गई है। हाल ही में स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने यहां पर कई सुविधाओं की शुरुआत की थी। उन्होंने अस्पताल में 150 से ज्यादा बिस्तरों का भी शुभारंभ किया था। इसके बाद यहां पर मरीज के बिस्तरों की संख्या 200 पहुंच गई, लेकिन डॉक्टरों की कमी के कारण बिस्तरों के अनुपात में मरीजों को भर्ती नहीं किया जा रहा था। अब डॉक्टरों के साथ पैरा मेडिकल स्टाफ और नर्सिग अर्दलियों की भर्ती प्रक्रिया तेजी से शुरू कर दी गई है। इसके अलावा अपने अस्तित्व में आने के बाद से पहली बार अस्पताल ने प्रोफेसरों की भी भर्ती शुरू कर दी है। अब तक यहां सहायक प्रोफेसर ही रखे जा रहे थे। बताया जा रहा है अब अस्पताल में एक इंस्टीट्यूट शुरू करने की तैयारी चल रही है। इसमें पीजी डिप्लोमा और सुपर स्पेशियलिटी कोर्स कराए जाएंगे। इस वजह से बड़ी संख्या में प्रोफेसरों की भर्ती की तैयारी है।

बुधवार को अस्पताल प्रशासन ने एक साथ छह प्रोफेसर, पांच एसोसिएट व 23 सहायक प्रोफेसर के साथ कुछ सीएमओ पद के लिए रिक्तियां निकालीं। इसके लिए पांच मार्च को साक्षात्कार होंगे। इससे अस्पताल के सीनियर रेजीडेंट्स डॉक्टरों में उत्साह है, क्योंकि इनमें से कई इन पदों पर आवेदन करने वाले हैं।

गौरतलब है कि फिलहाल हृदय विभाग ही यहां सुचारू रूप से चल पा रहा है। अन्य विभागों में डॉक्टरों की काफी कमी है। पिछले साल नवंबर में दो सहायक प्रोफेसरों के अचानक पद छोड़ने से यूरोलॉजी विभाग ठप हो गया था। इस विभाग में आने वाले मरीजों को दूसरे अस्पताल में भेजा जा रहा था। अस्पताल के सूत्रों ने बताया कि फिलहाल एनस्थीसिया, कार्डियोलॉजी, गैस्ट्रोंटरलॉजी, नेफ्रोलॉजी, पुल्मोलॉजी और रेडियोलॉजी में प्रोफेसर पद के लिए रिक्तियां निकाली गई हैं। अगले चरण में करीब चार और विभागों में प्रोफेसर रखे जाएंगे। इसी तरह एसोसिएट और सहायक प्रोफेसरों के पदों की संख्या भी बढ़ेगी। सूत्रों ने यह भी बताया कि पैरा मेडिकल स्टाफ और नर्सिंग अर्दलियों के लिए भी रिक्तियां दो दिन के भीतर निकाल दी जाएंगी। यह सब तैयारी अस्पताल को सुचारू रूप से चलाने के साथ इंस्टीट्यूट की आधारशिला रखने के लिए है। योजना है कि यहां एमबीबीएस कर पहुंचने वाले डॉक्टरों को आगे की पढ़ाई कराई जाए और उनकी सेवाएं भी ली जाएं। फिलहाल इन सभी की नियुक्ति एक साल के लिए एडहॉक पर होगी, लेकिन इसे आगे पांच साल तक कर दिया जाएगा। डॉ. बीएल शेरवाल ने पिछले साल ही यहां निदेशक के रूप में कार्यभार संभाला है। इसके बाद से वह अस्पताल को मजबूत करने के लिए लगातार कदम उठा रहे हैं। कोट

हमें उम्मीद है कि इस साल के अंत तक यहां पर इंस्टीट्यूट की शुरुआत हो जाएगी। इसके साथ अस्पताल की क्षमता भी ढाई सौ बिस्तर करने की योजना है। इसके लिए हमें डॉक्टर, प्रोफेसर और पैरा मेडिकल स्टाफ की जरूरत होगी। अच्छी बात यह है कि सरकार से भी पूरा सहयोग मिल रहा है।

- डॉ. बीएल शेरवाल, निदेशक

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