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विधानसभा ने दिल्ली सरकार के बजट पर लगाई मुहर

दिल्ली सरकार का वर्ष 2019-2020 का बजट बृहस्पतिवार को दिल्ली विधानसभा में ध्वनिमत से पारित हो गया। जीएसटी लागू होने के बाद दूसरे साल में प्रस्तुत किए गए 60 हजार करोड़ की अनुमानित राशि के इस बजट में किसी तरह के किसी कर में कोई वृद्धि नही है। बजट को स्वीकृति मिलने पर सत्ता पक्ष ने

By JagranEdited By: Updated: Thu, 28 Feb 2019 09:32 PM (IST)
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विधानसभा ने दिल्ली सरकार के बजट पर लगाई मुहर

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली :

दिल्ली सरकार का वर्ष 2019-20 का बजट बृहस्पतिवार को दिल्ली विधानसभा में ध्वनिमत से पारित हो गया। प्रस्तुत किए गए 60 हजार करोड़ की अनुमानित राशि के इस बजट में किसी कर में कोई वृद्धि नहीं की गई है। बजट को स्वीकृति मिलने पर सत्तापक्ष ने समर्थन में मेजें थपथपाईं, जबकि विपक्ष सदन में मौजूद नहीं था।

बजट में शिक्षा के लिए 15601 करोड़ की राशि रखी गई है जो कुल बजट का 26 फीसद है। इसके अलावा स्वास्थ्य पर 7485 करोड़, अनधिकृत कॉलोनियों में विकास कार्य के लिए 1600 करोड़ प्रस्तावित किए गए हैं। वहीं सार्वजनिक परिवहन के लिए 1807 करोड़, सामाजिक सुरक्षा व कल्याण के लिए 3429 करोड़ जलापूर्ति व स्वच्छता 2370 करोड़, सड़कों के लिए 1900 करोड़ तथा स्थानीय निकायों को 6380 करोड़ की राशि प्रस्तावित की गई है। इस बजट में भी आउटकम बजट की प्रक्रिया लागू रहेगी। बजट पास किए जाने से पहले चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री अरविद केजरीवाल ने भी बजट पर चर्चा के दौरान वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया की तारीफ की। उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री सिसोदिया ने बेहतरीन बजट पेश किया है। इसमें हर वर्ग का ध्यान रखा गया है। बजट पर चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने आरोप लगाकर बजट में कमियां निकालने की कोशिश की। गुप्ता ने कहा कि आम आदमी पार्टी के सत्ता में आने के बाद से सरकार की आय थम सी गई थी। मगर जीएसटी के लागू होने से दिल्ली सरकार को राजस्व में काफी लाभ हुआ है। इस पर सिसोदिया ने कहा कि गुप्ता जी को बजट में जब कुछ नहीं मिला है तो उल्टे सीधे आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह बजट नौजवान का बजट है। यह बजट महिलाओं का बजट है। यह बजट व्यापारियों और किसानों का बजट है। ये बजट शहीदों के सपनों का बजट है। आज उन जवानों को भरोसा दिलाना हर सरकार का फर्ज है। देश की सीमा पर तैनात जवान को यह भरोसा हो सके कि पूरा समाज, पूरा देश उसके साथ है। देश की सीमा पर जो सैनिक शहीद होता है उसकी जान की कीमत पैसों से नहीं आंकी जा सकती। मगर हमारी सरकार ऐसे शहीद सैनिकों के परिवार के भरण पोषण के लिए को एक करोड़ की राशि देती है। यह भी देश में केवल उनकी सरकार कर रही है। सैनिकों के लिए जिस तरह दिल्ली सरकार कर रही है ऐसा हर राज्य में किया जाना चाहिए। वहीं बजट पर चर्चा के दौरान श्रम मंत्री गोपाल राय, विधायक आदर्श शास्त्री, प्रमिला टोकस, नरेश यादव, ने भी अपनी बात रखी तथा बजट की सराहना की।

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