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ठक-ठक गिरोह का सरगना गिरफ्तार

दिल्ली में ठक-ठक गिरोह का आतंक भी कम नहीं है। तकरीबन रोज दिल्ली के विभिन्न इलाकों में सड़कों पर चलने वाले वाहन चालक ठक-ठक गिरोह के शिकार होते हैं। गिरोह किसी न किसी बहाने वाहन चालकों के ध्यान बंटा कर उनके डेसबोर्ड पर रखे पर्स व मोबाइल अथवा सीट पर रखे अन्य

By JagranEdited By: Updated: Sat, 30 Mar 2019 08:48 PM (IST)
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ठक-ठक गिरोह का सरगना गिरफ्तार

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : दिल्ली-एनसीआर में कार चालकों के लिए आतंक का पर्याय बन चुके ठक-ठक गिरोह के सरगना को पुलिस ने दबोच लिया है। तीस हजारी कोर्ट चौकी पुलिस ने आरोपित को उस समय दबोच लिया, जब वह सब्जीमंडी इलाके में एक कार से मोबाइल लूटकर भाग रहा था। हालांकि, दो बदमाश भागने में सफल रहे। पुलिस का दावा है कि पकड़े गए बदमाश से चोरी के पांच मामले सुलझ गए हैं।

डीसीपी नुपूर प्रसाद के मुताबिक गिरफ्तार बदमाश कुलदीप कुमार (27) ठक-ठक गिरोह का सरगना है। वह मोहल्ला मुकरबा, अब्बू घोसियान, मेरठ, उत्तर प्रदेश का रहने वाला है। पूछताछ में उसने बताया कि वह कई सालों से गिरोह के सदस्यों के साथ दिल्ली-एनसीआर में वाहनों से चोरी की वारदात को अंजाम दे रहा है। शुक्रवार को वह दो अन्य साथियों के साथ वारदात करने के लिए दिल्ली आया था। यहां पहले उन्होंने इंदिरापुरम में फिर सीमापुरी में वारदात को अंजाम दिया। इसके बाद तीनों तीस हजारी कोर्ट के पास आ गए। यहां एक कार सवार का ध्यान बंटाकर मोबाइल लेकर भागने लगे। इसी बीच गश्त कर रहे संजय भारद्वाज व चौकी प्रभारी जितेंद्र जोशी के नेतृत्व में पुलिस टीम ने कुलदीप को कार समेत दबोच लिया। जबकि, दो अन्य बदमाश भागने में कामयाब हो गए। फरार दोनों बदमाश भी मेरठ के रहने वाले हैं, जिनकी पुलिस तलाश कर रही है। कुलदीप की कार से सात मोबाइल बरामद हुए। वारदात में इस्तेमाल होने वाली सेंट्रो कार फरार आरोपितों में से एक की है, पुलिस जांच कर रही है कि कार भी कहीं चोरी की तो नहीं है।

इस तरह देते हैं वारदात को अंजाम

गिरोह में तीन अथवा उससे अधिक सदस्य होते हैं। गिरोह के सदस्य सड़क पर शिकार की तलाश में घूमते रहते हैं। रेड लाइट या किसी व्यस्त बाजार में इनका एक सदस्य चालक की तरफ आकर दरवाजा खटखटाता है। इसके बाद उन्हें टायर में हवा कम होने या फिर पंक्चर होने की सूचना देता है। यही नहीं कभी-कभी कुछ सामान गिराकर उन्हें बताते हैं कि यह आपका है। चालक जैसे ही कार से नीचे उतरता, इनका नाबालिग साथी मोबाइल, पर्स या अन्य कीमती सामान लेकर फरार हो जाता। इस बीच इनके साथी बाइक अथवा कार से आसपास खड़े रहते हैं, जो उन्हें बैठाकर फरार हो जाते हैं।

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