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दिल्ली के लोगों का गर्मी ने निकाला पसीना, 8 साल में पहली बार पारा पहुंचा 39.2 डिग्री सेल्सियस

राजधानी में शनिवार यानी 30 मार्च का दिन इस सीजन का ही नहीं बल्कि बीते आठ सालों का सबसे गर्म दिन रहा।

By Edited By: Updated: Sun, 31 Mar 2019 09:22 AM (IST)
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दिल्ली के लोगों का गर्मी ने निकाला पसीना, 8 साल में पहली बार पारा पहुंचा 39.2 डिग्री सेल्सियस

नई दिल्ली, जेएनएन। मार्च में ही गर्मी ने पसीना निकालना शुरू कर दिया है। आलम यह है कि राजधानी में शनिवार यानी 30 मार्च का दिन इस सीजन का ही नहीं बल्कि बीते आठ सालों का सबसे गर्म दिन रहा। हालांकि, शाम को धूल भरी हवा चलने के साथ कहीं कहीं हल्की बूंदाबांदी भी हुई, लेकिन उससे तापमान में कोई कमी नहीं आई।

शनिवार को दिल्लीवासियों को गर्मी का तीखा अहसास हुआ। ज्यादातर हिस्सों में शनिवार को सुबह से ही तेज धूप निकल आई थी। ऐसे में सुबह के समय भी खासी गर्मी का अहसास हुआ। जबकि दिन चढ़ने के साथ-साथ गर्मी और तेज हो गई। दोपहर के समय हवा में भी खासी गर्मी महसूस की गई।

दिन का अधिकतम तापमान 39.2 डिग्री सेल्सियस रहा
मौसम विभाग के मुताबिक, शनिवार को दिल्ली का न्यूनतम तापमान 20.2 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड दर्ज किया गया, जो सामान्य से दो डिग्री ज्यादा है। जबकि दिन का अधिकतम तापमान 39.2 डिग्री सेल्सियस रहा, जो कि सामान्य से सात डिग्री ज्यादा है। अगर थोड़ा सा पीछे मुड़कर देखें तो पश्चिमी विक्षोभ की लगातार सक्रियता के चलते पिछले सप्ताह तक दिल्ली के मौसम में गुलाबी ठंड बनी हुई थी।

मौसम विभाग का अनुमान है कि अभी गर्मी का अहसास बना रहेगा। रविवार को अधिकतम तापमान 36 व न्यूनतम तापमान 19 डिग्री व सोमवार को अधिकतम तापमान 35 व न्यूनतम तापमान 17 डिग्री सेल्सियस बना रह सकता है।

शाम को हुई बूंदाबांदी
दिनभर की तपन के बाद दिल्लीवासियों को शाम के समय थोड़ी राहत मिली। शाम चार बजे के बाद दिल्ली के ज्यादातर हिस्सों में बादल छाने लगे। इसके बाद लोधी रोड, आयानगर, नई दिल्ली आदि क्षेत्रों में तेज हवा के साथ बौछारें पड़ी। इसके चलते दिन भर की गर्मी से परेशान लोगों को थोड़ी राहत मिली।

मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक दिल्ली एनसीआर के साथ-साथ पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश इत्यादि राज्य ‘कोर हीट वेव जोन’ में आते हैं। इन सभी में अप्रैल और मई के बीच तापमान सामान्य से अधिक रहने की संभावना तकरीबन 37 फीसद है। हालांकि, बीच बीच में पश्चिमी विक्षोभ आने से इन राज्यों में लोगों को राहत मिलती रहती है। लेकिन, इस बार इसकी भी बहुत कम संभावना है। मालूम हो कि वर्ष 2018 में भी गर्मी ने लोगों को बेहद परेशान किया था।

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