नगर निगमों में भ्रष्टाचार जस का तस : आप
ली आम आदमी पार्टी (आप) ने भ्रष्टाचार को लेकर भाजपा पर आरोप लगाया है कि नए चेहरे नई उड़ान के नाम पर भाजपा ने नगर निगमों में नए कलेक्शन एजेंट लगाए हैं। न ही भाजपा शासित तीनों नगर निगमों में व्यवस्था सुधरी है और न ही भ्रष्टाचार कम हुआ है। डीडीयू मार्ग स्थित पार्टी मुख्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में आप के उत्तरी पूर्वी दिल्ली लोकसभा प्रत्याशी दिलीप पांडेय ने कहा
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली :
आम आदमी पार्टी (आप) ने भ्रष्टाचार को लेकर भाजपा पर आरोप लगाया है कि नए चेहरे नई उड़ान के नाम पर भाजपा ने नगर निगमों में नए कलेक्शन एजेंट लगाए हैं। न ही भाजपा शासित तीनों नगर निगमों में व्यवस्था सुधरी है और न ही भ्रष्टाचार कम हुआ है। पत्रकार वार्ता में आप के उत्तरी-पूर्वी दिल्ली लोकसभा प्रत्याशी दिलीप पांडेय ने कहा कि भाजपा ने बीते निगम चुनावों में नए चेहरे नई उड़ान का नारा दिया था, परंतु नए चेहरे नई उड़ान की आड़ में भाजपा ने तीनों नगर निगमों में नए-नए कलेक्शन एजेंटों की तैनाती कर दी है। उन्होंने कहा कि डीएमसी एक्ट 1957 की धारा 32 (3) के मुताबिक पूरी दिल्ली में कहीं भी कोई कचरा पड़ा है तो उसको उठाने की जिम्मेदारी दिल्ली नगर निगम की है। मगर क्या भाजपा दिल्ली को साफ सुथरा बना देने के अपने वादे पर खरी उतरी है? क्या उन वादों के बाद दिल्ली साफ सुथरी हो पाई है? पांडेय ने भाजपा सांसद मनोज तिवारी को घेरते हुए कहा कि निगम चुनाव से पहले उन्होंने दिल्ली की जनता से वादा किया था कि हम तीन महीने के अंदर पूरी दिल्ली को साफ करके दिखाएंगे। निगम में भाजपा की सरकार बने हुए सालों बीत चुके हैं। मगर हालात जस के तस हैं। स्वच्छ भारत अभियान के तहत हाल ही में किए गए एक सर्वे के अनुसार दिल्ली की पूर्वी नगर निगम 240वें पायदान पर आया है, उत्तरी नगर निगम 282वें पायदान पर आया है और दक्षिणी नगर निगम 138वें पायदान पर आया है। प्रधानमंत्री के अभियान का भाजपा शासित निगम बंट्टा लगा रहा है। शीला जी मेरी दादी की उम्र की : दिलीप पांडेय
दिलीप पांडेय ने दिल्ली सरकार में मंत्री राजेंद्र पाल गौतम व इमरान हुसैन की उपस्थिति में कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को सोमवार को पार्टी में शामिल कराया। इस मौके पर पूछे गए सवाल पर पांडेय ने कहा कि कांग्रेस की प्रत्याशी शीला दीक्षित उनकी दादी की उम्र की हैं। अगर वह उन्हें मिल जाएंगी तो वह उन्हें प्रणाम करेंगे। उनके बेहतर स्वास्थ्य की कामना करते हैं। मगर वह भाजपा की बी-टीम की तरह काम कर रही हैं। गठबंधन न होने देने में शीला दीक्षित सबसे बड़ी रोड़ा रही हैं। वह अपने बयानों में अपनी पार्टी के नेता डॉ. मनमोहन सिंह से बेहतर वह मोदी जी को प्रधानमंत्री बता चुकी हैं। इससे साफ जाहिर हो रहा है कि वह भाजपा को लाभ पहुंचाने का अभियान चला रही हैं।