बॉक्सर को लगाना होगा दमदार पंच
नए सूरमा विजेंद्र सिंह ----------------------- -सेलिब्रिटी होने के बावजूद विजेंद्र के लिए जीत की राह नहीं आसान -भाजपा और आप को हराने के लिए करनी होगी जी-तोड़ मेहनत संजीव गुप्ता नई दिल्ली
संजीव गुप्ता, नई दिल्ली
दिल्ली के सियासी रिग में उतरे अंतरराष्ट्रीय बॉक्सर विजेंदर सिंह के लिए राजनीतिक पारी आसान नहीं है। बॉक्सिग रिग में भले ही उन्होंने जितने भी दमदार पंच मारे हों, लेकिन दक्षिणी दिल्ली की पिच पर उनका हर कदम खासा चुनौतीपूर्ण है। इसकी प्रमुख वजह यह कि उनके समक्ष एक ओर भाजपा के कद्दावर नेता और मौजूदा सांसद रमेश बिधूड़ी हैं तो आम आदमी पार्टी (आप) के उम्मीदवार राघव चड्ढा भी लंबे समय से क्षेत्र में प्रचार कर रहे हैं।
33 वर्षीय युवा बॉक्सर विजेंदर सिंह ने राजनीति में पहली बार पदार्पण किया है। किसान परिवार और बस ड्राइवर पिता की संतान विजेंदर मूल रूप से हरियाणा के भिवानी जिले में रहते हैं। वह हरियाणा पुलिस में डीएसपी भी रह चुके हैं। हालांकि उनका एक फ्लैट वसंत कुंज में भी है और स्वयं को वह बाहरी उम्मीदवार नहीं मानते। लेकिन, कड़वा सच यह भी है कि न तो वह अपने संसदीय क्षेत्र से परिचित हैं और न ही वहां के प्रमुख मुद्दों से वाकिफ हैं। चूंकि कांग्रेस ने उन्हें टिकट भी नामांकन की अंतिम तिथि से एक दिन पहले ही दिया था, ऐसे में उनका प्रचार अभियान भी अभी तक जोर नहीं पकड़ पाया है।
दूसरी तरफ विजेंदर को पार्टी के स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं का भी पूरा समर्थन नहीं मिल पा रहा है। प्रदेश कांग्रेस चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा और क्षेत्र के प्रमुख गुर्जर नेता ओमप्रकाश बिधूड़ी तो उनका साथ दे रहे हैं, लेकिन पार्टी सूत्रों के मुताबिक कई गुर्जर नेता परोक्ष रूप से भाजपा का समर्थन कर रहे हैं। यहां तक कि पूर्व सांसद सज्जन कुमार का गुट भी विजेंदर को ऊपर से तो समर्थन दे रहा है, पीछे से नहीं।
इस सबसे परे विजेंदर का सेलेब्रिटी होना उनके लिए खासा मददगार साबित हो रहा है। उनके हर रोड शो और सभा में उनके साथ सेल्फी लेने वालों की होड़ लगी रहती है। राजनीति में प्रियंका वाड्रा को अपना आदर्श मानने वाले विजेंदर कहते हैं, दक्षिणी दिल्ली के मौजूदा भाजपा सांसद से क्षेत्र के लोग काफी नाराज हैं जबकि आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार राघव चड्ढा राजनीति में अभी बच्चे हैं। आप सरकार से भी लोग त्रस्त हैं। इस पार्टी के मुखिया अरविद केजरीवाल को आरोप प्रत्यारोप करने और एसी कमरों में धरना देने के अलावा कुछ नहीं आता। ऐसे में क्षेत्र के मतदाता कांग्रेस की ओर बहुत ही उम्मीद भरी निगाह से देख रहे हैं।
बकौल विजेंदर, दक्षिणी दिल्ली संसदीय क्षेत्र में अनधिकृत कॉलोनियां, सीलिग, पेयजल की किल्लत, अतिक्रमण और छोटे दुकानदारों की समस्याओं सहित अनेक मुद्दे हैं, जिन पर अभी तक ध्यान नहीं दिया गया। इसके अलावा युवाओं के लिए भी बहुत कुछ किए जाने की जरूरत है। फिर वह चाहे रोजगार हो या खेल सुविधाएं। उन्होंने यह भी कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के नेतृत्व में चुनाव लड़ रहे दिल्ली के सभी कांग्रेस उम्मीदवार अनुभवी और सुलझे हुए राजनीतिज्ञ हैं। उनकी जीत भी सुनिश्चित है। वहीं सुभाष चोपड़ा और ओमप्रकाश बिधूड़ी का कहना है कि बेशक विजेंदर सिंह के लिए भाजपा और आप उम्मीदवार को हराना आसान नहीं है, लेकिन बहुत मुश्किल भी नहीं है। मतदाता विजेंदर सिंह को पसंद भी कर रहे हैं और उन्हें अपने भावी सांसद के रूप में भी देख रहे हैं। उनके साथ किसी तरह का कोई विवाद नहीं जुड़ा है, लिहाजा उन्हें वोट भी हर वर्ग के मतदाता का मिलेगा। ऐसे में निस्संदेह उनकी जीत को लेकर निश्चिंत हुआ जा सकता है।