लाइफस्टाइल: फैशन को नए आयाम दे रही है स्मार्ट क्लोदिंग
स्मार्ट फोन गैजेट स्मार्ट ज्वेलरी सब बीते कल की बातें हो गई हैं। अब नए जमाने में नए प्रयोगों के बाद फैशन के क्षेत्र में भी स्मार्टनेस आ रही है।
गुरुग्राम [प्रियंका दुबे मेहता]। स्मार्ट फोन, गैजेट, स्मार्ट ज्वेलरी सब बीते कल की बातें हो गई हैं। अब नए जमाने में नए प्रयोगों के बाद फैशन के क्षेत्र में भी स्मार्टनेस आ रही है। इसी का नमूना है कॉग्निटिव या स्मार्ट ड्रेसेस। हालांकि इसका नमूना अमिताभ बच्चन (फिल्म याराना), मिथुन चक्रवर्ती (डिस्को डांसर) और ऋषि कपूर (कर्ज) की फिल्मों में काफी हद तक आठवें दशक में ही देखने को मिल गया था, लेकिन अब नए प्रयोगों के साथ आ रही इस तरह की ड्रेसेज का वैश्विक फैशन इंडस्ट्री ने खुली बांहों से स्वागत किया है।
क्या है कॉग्निटिव या स्मार्ट ड्रेसेस?
स्मार्ट ड्रेसेज को किसी भी फैब्रिक में एलईडी लाइटों व टेक्नोलॉजी के साथ तैयार किया जाता है। इस तरह की ड्रेस में लाइट तो जलती ही है, साथ ही समय समय पर यह रंग भी बदल लेती है। फिलहाल फैशन डिजाइनर्स के लिए यह प्रयोग आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। कुछ समय पहले डिजाइनर गौरव गुप्ता और फाल्गुनी शेन पीकॉक ने भी इसपर काम किया जिससे उन्हें काफी सराहना मिल रही है।
ऐसे हुई शुरुआत
आइबीएम ने कुछ समय पहले आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) के जरिए डिजाइनर्स के सहयोग से कॉग्निटिव ड्रेसेज डिजाइन की थी। फैशन के क्षेत्र में इस अनूठे ट्रेंड को वैश्विक सराहना मिली और फैशन इंडस्ट्री को नए आयाम। विदेशी डिजाइनर्स ने तो इस पर काम किया ही, इसकी लोकप्रियता के बाद भारतीय डिजाइनर्स ने भी इस तरह के प्रयोग किए। भारतीय डिजाइनर गौरव गुप्ता और फाल्गुनी एंड शेन पीकॉक जैसे लोगों ने इस पर काम किया है।
टेक्नोलॉजी और फैशन को एक साथ लाने के लिए उन्होंने काम भी किया जिसमें उन्हें सफलता मिली। उनका कहना है कि इस तरह के प्रयोग फैशन बार को बढ़ा देंगे। मजबूत भविष्य का इशारा फैशन डिजाइनर्स का कहना है कि इस तरह के फैशन को वाहवाही मिल रही है। डिजाइन सिल्की नंदा का कहना है कि फैशन प्रयोगों का नाम है, जितने प्रयोग व अनूठापन होगा, उतनी सराहना मिलेगी। ऐसे में इस तरह का ट्रेंड जल्द ही लोगों के बीच आम हो जाएगा। उनका कहना है कि इस तरह के परिधान अभी शो व पार्टियों में नजर आते हैं, जल्द ही आम लोगों की पसंद भी बनेंगे। काफी हद तक इसपर काम हो भी रहा है।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
सौरभ एंड शीना कुटियोर की शीना अग्रवाल का कहना है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस फैशन जगत को प्रभावित कर रहा है। अब स्मार्ट क्लोदिंग की दिशा में काम किया जा रहा है। लोगों को यह प्रयोग बेहद पसंद आ रहा है। अभी डिजाइनर इस पर छोटे स्तर पर काम कर रहे हैं लेकिन जल्दी ही यह मेनस्ट्रीम फैशन में शामिल होने की काबिलियत रखता है।
फैशन डिजाइनर निधि यादव का कहना है कि इस तरह का फैशन सोशल मीडिया को भी आकर्षित कर रहा है। ऐसे में डिजाइनर्स को प्रयोग करने की प्रेरणा मिल रही है। कुछ भारतीय डिजाइनर्स ने इस क्षेत्र में विश्व के सामने अपनी प्रतिभा दिखाई है। फैशन और टेक्नोलॉजी संगम फैशन जगत को नए आयाम देगा। इस पर काफी काम हो रहा है।