चुनावी रण में अटल है सियासत के 'अजातशत्रु' की वाणी, सबसे ज्यादा सर्च किए गए वाजपेयी
पिछले एक महीने के दौरान जहां गूगल पर अटल जी की कविताएं सर्च की जा रही हैं वहीं उनके भाषण भी यूट्यब पर खूब देखे जा रहे हैं।
नई दिल्ली [सुधीर कुमार पांडेय]। हिंदुस्तान की सियासत के अजातशत्रु। जन-जन के प्रिय, भारत रत्न। ओजस्वी वाणी और प्रखर वक्ता। हम बात कर रहे हैं राजनीति के सशक्त हस्ताक्षर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की। जिनकी वाक्शैली का पक्ष ही नहीं विपक्ष भी मुरीद था। तभी तो लोकसभा चुनाव के दौरान उनके भाषण गूगल और यूट्यूब पर खूब खंगाले जा रहे हैं।
पिछले एक महीने के दौरान जहां गूगल पर अटल जी की कविताएं सर्च की जा रही हैं, वहीं उनके भाषण भी यूट्यब पर खूब देखे जा रहे हैं। गूगल वेब सर्च पर अटल, अटल बिहारी, अटल पोयम्स, अटल वीडियो की वर्ड से लोगों ने सर्च किया। यूट्यूब में उनको लेकर 100 फीसद उत्सुकता दिखी। लोगों ने अटल वीडियो की वर्ड से सर्च किया। इस दौरान अटल बिहारी वाजपेयी की कविता हिंदू तन-मन, हिंदू जीवन भी देखी गई।
इस एक महीने के दौरान उन्हें सबसे ज्यादा छत्तीसगढ़, दादर एवं नागर हवेली, पश्चिम बंगाल, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, ओडिशा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, नगालैंड, असम, राजस्थान, दिल्ली, तेलंगाना, हरियाणा, गुजरात, महाराष्ट्र में सर्वाधिक सर्च किया गया। वहीं, पिछले सात दिनों में अटल जी सबसे ज्यादा पश्चिम बंगाल और उसके बाद छत्तीसगढ़, दादर एवं नागर हवेली, उत्तर प्रदेश और बिहार में सर्च किए गए।
बोलने और लेखन में अटल जी जैसा कोई नहीं हुआ
अटल बिहारी वाजपेयी के सहयोगी रहे शिव कुमार जी कहते हैं कि अटल जी शब्दों के जादूगर थे। सामने वाला स्रोता कैसा है, वह उसके हिसाब से भाषण देते थे, उसके हिसाब से शब्दों का चयन करते थे। संसद में क्या बोलना है, सभा में क्या बोलना है, छात्रों के बीच क्या बोलना है, वह सब जानते थे। वह सभाओं में कहानियां भी सुनाते थे, और उसके अनुरूप शब्दों का चयन करते थे। उन पर मां सरस्वती की कृपा थी। बोलने और लेखन में उनके जैसा कोई नहीं हुआ और न ही होगा।
शायद ब्रह्मा ने ऐसी मूर्ति खड़ी करने का ढांचा तोड़ दिया है। यदि मूर्ति बन भी गई तो उस मूर्ति में संस्कार अटल जैसे नहीं आएंगे। वह कहते हैं कि अटल जी भाषणों में अक्सर कहते थे यदि तीसरा विश्व युद्ध हुआ तो पानी पर होगा। आने वाला जमाना मशीन और ऋण का है। अब तो मोबाइल फोन भी ईएमआइ पर मिलने लगे हैं।
12 बार सांसद बने
अटल बिहारी वाजपेयी 1951 से भारतीय राजनीति का हिस्सा बने। उन्होंने 1955 में पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ा था, लेकिन हार गए। इसके बाद 1957 में वह सांसद चुने गए। अटल बिहारी वाजपेयी दस बार लोकसभा के सदस्य रहे। वहीं, दो बार 1962 और 1986 में राज्यसभा के सदस्य रहे। इस दौरान अटल जी ने उत्तर प्रदेश, दिल्ली और मध्य प्रदेश से लोकसभा का चुनाव लड़ा और जीते। वहीं गुजरात से राज्यसभा पहुंचे थे।
इंदिरा गांधी के भी भाषण किए जा रहे हैं सर्च
पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के भाषण के वीडियो भी यूट्यूब पर देखे गए। उनके वीडियो को लेकर 74 फीसद उत्सुकता दिखी। वह सर्वाधिक गोवा, उत्तराखंड, मणिपुर, चंडीगढ़, पंजाब, मेघालय केरल, पश्चिम बंगाल, असम कर्नाटक आदि में सर्च की गईं।