दिल्ली में हुई डॉक्टर गरिमा मिश्रा की हत्या में आरोपित रुड़की से गिरफ्तार
मिली जानकारी के मुताबिक गरिमा रंजीत नगर में किराए के मकान में रह रही थी। उसकी हत्या का आरोप दोस्त पर लगा है जो पड़ोस में ही रह रहा था।
नई दिल्ली, जेएनएन। मध्य जिले के रंजीत नगर में महिला डॉक्टर गरिमा मिश्रा की हत्या में आरोपित डॉक्टर चंद्र प्रकाश वर्मा को दिल्ली पुलिस ने रुड़की में गिरफ्तार कर लिया है। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच सेल ने शुक्रवार सुबह ही उसकी गिरफ्तारी की है। बृहस्पतिवार सुबह 9 बजे चंद्र प्रकाश का लोकेशन ऋषिकेश में मिला था, वहां वह एक होटल में छिपा था।
गौरतलब है कि गरिमा मिश्रा की परिचित डॉक्टर चंद्रप्रकाश ने चाकू से गला रेतकर हत्या कर दी थी। दोनों एक ही मकान में किराए पर रहते थे। माना जा रहा है कि आरोपित डॉ. चंद्र प्रकाश वर्मा एकतरफा प्यार करता था पर डॉ. गरिमा नजरअंदाज करती थीं। इसी वजह से उसने हत्या कर दी।
एडिशनल डीसीपी अमित शर्मा के मुताबिक, डॉ. गरिमा ने दो महीने पहले ही करोलबाग स्थित जोशी अस्पताल से नौकरी छोड़ी थी और इन दिनों एमडी (डॉक्टर ऑफ मेडिसिन) की तैयारी कर रही थीं। वह रंजीत नगर के गली नंबर-2 स्थित एक मकान में रहती थीं। एमडी की तैयारी करने वाला डॉ. चंद्र प्रकाश वर्मा भी अपने साथी डॉ. राकेश के साथ उनके बगल वाले कमरे में रहता था। डॉ. राकेश अपोलो अस्पताल, सरिता विहार में कार्यरत हैं।मंगलवार शाम डॉ. राकेश कहीं गए थे। पुलिस को शक है कि उसी दौरान डॉ. चंद्र प्रकाश ने कमरे में घुसकर सब्जी काटने वाले चाकू से डॉ. गरिमा की हत्या कर दी और कमरे में ताला लगा दिया। रात करीब 8.30 बजे डॉ. राकेश घर आए तो डॉ. चंद्र प्रकाश घबराया था। उसने बताया कि वह दोस्त को किताबें देकर लौट आएगा पर नहीं लौटा।
ऐसे पता चला हत्या हुई है
डॉ. गरिमा को मंगलवार रात आठ बजे ममेरे भाई के साथ गोरखपुर जाना था। ममेरे भाई कश्मीरी गेट बस अड्डे पर पहुंचे और कई बार फोन किया। जवाब नहीं मिलने पर रात करीब 10.30 बजे डॉ. गरिमा के कमरे पर आए। यहां डॉ. राकेश से भी उन्हें कोई जानकारी नहीं मिली। तब उन्होंने रोशनदान से झांककर देखा तो लाइट बंद थी और पंखे चल रहे थे। मोबाइल फोन की लाइट जलाकर देखा तो डॉ. गरिमा फर्श पर खून से लथपथ पड़ी थीं। ताला तोड़कर कमरे में जाने पर डॉ. गरिमा मृत मिलीं।
डॉ. गरिमा के पिता बद्रीनाथ मिश्र बैंक से हाल में ही सेवानिवृत्त हुए हैं। डॉ. गरिमा के बड़े भाई बेंगलुरु में इंजीनियर हैं। बहन भी इंजीनियर है। पिता बद्रीनाथ बेटे के पास बेंगलुरु में थे।