सीपीआइ व जेएनयूएसयू ने दिया आप को समर्थन
वामपंथी दलों ने दिल्ली के लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को पूर्ण रूप से समर्थन दिया है। इसमें सीपीआइ (एमएल) श्रमिक संगठन एआइसीटीयू व छात्र संगठन आइसा शामिल हैं। इस बारे में सीपीआइ (एमएल) की सीसी सदस्य सुचेता डे जेएनयु छात्र संघ के अध्यक्ष एन साईं बालाजी एआइसीटीयू के के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष संतोष राय
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली :
वामपंथी दलों ने दिल्ली के लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को पूर्ण रूप से समर्थन दिया है। इसमें सीपीआइ (एमएल), श्रमिक संगठन एआइसीटीयू व छात्र संगठन आइसा शामिल हैं। इस बारे में सीपीआइ (एमएल) की सीसी सदस्य सुचेता डे, जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष एन साई बालाजी, एआइसीटीयू के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष संतोष राय व आइसा की प्रदेश अध्यक्ष कंवलप्रीत कौर ने बुधवार को आप मुख्यालय पहुंचकर अपने-अपने संगठनों की ओर से आप को समर्थन देने की घोषणा की। इन लोगों ने आप मुख्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में कहा कि मोदी को हराने के लिए हमें एकजुट होना जरूरी है। दिल्ली में आम आदमी पार्टी मोदी को हरा सकती है इसलिए वे इसे अपना समर्थन देते हैं।
बुधवार को पार्टी मुख्यालय में प्रेसवार्ता कर आप के उत्तर-पूर्वी दिल्ली से लोकसभा प्रत्याशी दिलीप पांडेय ने कहा कि पिछले एक साल में दिल्ली के अंदर बहुत सारे संगठनों ने आम आदमी पार्टी को समर्थन दिया है। उसी कड़ी में आज इन महत्वपूर्ण संगठनों ने उनकी पार्टी को पूर्ण रूप से समर्थन दिया है। उन्होंने कहा कि यह समर्थन केवल मौखिक नहीं होगा। यह सभी संगठन और इनसे जुड़े हुए सभी लोग दिल्ली में अपने-अपने स्तर पर पदयात्रा, जनसंपर्क अभियान, नुक्कड़ सभाएं एवं अन्य सभी प्रकार के माध्यमों के द्वारा दिल्ली की जनता को समझाने का काम करेंगे और आम आदमी पार्टी के लिए समर्थन मांगेंगे। इस मौके पर पूछे जाने पर कि जेएनयू छात्र संगठन के वामपंथी नेताओं को लेकर विवाद रहा है। कुछ देशद्रोह के भी आरोपी हैं। ऐसे में इन नेताओं को अपने मंच पर लाने का आप पर क्या गलत असर नहीं पड़ेगा? इस पर दिलीप पांडेय ने कहा कि कोई असर नहीं पड़ेगा। तमाम संगठन हमें समर्थन दे रहे हैं। सभी का एक ही मकसद है कि मोदी जीे को हराना है। सभी संस्थानों को मोदी जी ने बर्बाद किया है। देश के हर वर्ग में मोदी जी के प्रति गुस्सा है।
इस मौके पर एन साई बालाजी ने कहा कि मोदी सरकार ने इस देश के छात्रों व युवाओं का दमन किया है। जिसने भी छात्रों के हित की बात की है उसे देशद्रोही बता दिया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालयों को देशद्रोही घोषित करके बंद करने की कोशिश की गई है। एक तरफ सीबीआइ विपक्ष के नेताओं के यहां छापेमारी कर रही है वहीं जेएनयू के छात्र नजीब को तीन साल बाद भी ढूंढ नहीं पाई है।