जामिया ने दिया हर प्रकार के आतंकवाद के विरोध का संदेश
जामिया मिल्लिया इस्लामिया के अंसारी ऑडिटोरियम लॉन में जामिया टीचर्स एसोसिएशन (जेटीए) की तरफ से अपना सालाना कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में करीब
By JagranEdited By: Updated: Sat, 04 May 2019 08:41 PM (IST)
- जेटीए की तरफ से आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए न्यूजीलैंड और श्रीलंका के राजदूत
- सभी ने की आतंकवाद की मुखालफत, कहा इसका कोई जाति-धर्म नहीं होता जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : जामिया मिल्लिया इस्लामिया के अंसारी ऑडिटोरियम लॉन में जामिया टीचर्स एसोसिएशन (जेटीए) की तरफ से सालाना कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें करीब 800 शिक्षकों व अन्य कर्मचारियों ने शिरकत की। इस अवसर पर जामिया की कुलपति प्रो. नजमा अख्तर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हुईं। कार्यक्रम में भारत में न्यूजीलैंड की राजदूत जोआना केम्पकर्स और श्रीलंका के राजदूत ऑस्टिन फर्नान्डो को विशिष्ट अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया। हाल ही में दोनों देशों में आतंकी हमले हुए और दोनों देशों के राजदूतों को आमंत्रित कर यह संदेश देने की कोशिश की गई कि हर प्रकार के आतंकवाद का विरोध किया जाना चाहिए और जामिया से जुड़े सभी लोग दोनों देशों के साथ हैं।
न्यूजीलैंड की राजदूत जोआना केम्पकर्स ने इस मौके पर एक फिर दोहराया कि उनका देश हर तरह के आतंकवाद के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद का कोई धर्म, जाति अथवा समुदाय नहीं होता है। उन्होंने कहा कि किसी भी समुदाय पर हमला उनके देश पर हमला है और उनका देश उस समुदाय की रक्षा के लिए कटिबद्ध है। उन्होंने जामिया का शुक्रिया अदा किया कि वह संकट की घड़ी में उनके देश और श्रीलंका के साथ खड़ा है। अपने भाषण के अंत मे उन्होंने एक गाना भी गाया जिसके जरिये उन्होंने दुनिया मे प्यार, एकता व भाईचारा के महत्व के बारे में बताया।
इससे पहले जेटीए के सचिव प्रो. मजीद जमील ने सभी मेहमानों का स्वागत करते हुए कहा कि जामिया के शिक्षकों ने हर प्रकार के आतंक का हमेशा विरोध किया है चाहे वह किसी व्यक्ति अथवा संगठन द्वारा किया गया हो। पुलवामा हमला हो, न्यूजीलैंड में मस्जिद में हमला हो या श्रीलंका में आतंकी हमला हो, जामिया टीचर्स एसोसिएशन ने हमेशा इसकी भर्त्सना की है, इनके खिलाफ बयान भी जारी किया। जेटीए के अध्यक्ष प्रो. अमीर आजम ने कहा कि हम यह मानते हैं कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता और आतंक फैलाने वालों का पुरजोर विरोध होना चाहिए। कुरआन की उस आयत को पढ़ कर इस कार्यक्रम की शुरुआत हुई जिसका मतलब है कि अगर किसी ने एक भी बेगुनाह का कत्ल किया तो यह समझें कि पूरी इंसानियत का कत्ल हुआ और अगर किसी ने एक बेगुनाह को बचाया तो यह समझें कि पूरी इंसानियत को बचाया। वहीं जेटीए के संयुक्त सचिव डॉ. इरफान कुरैशी ने विश्वविद्यालय के 99 साल पुराने इतिहास से लोगों रूबरू कराया।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।