अलका लांबा का भावुक ट्वीट- 2020 में समाप्त हो जाएगा AAP के साथ शुरू हुआ सफ़र
AAP विधायक ने बगावती अंदाज में एक ट्वीट किया है जिसमें उन्होंने AAP मुखिया और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल से राष्ट्रीय संयोजक का पद संजय सिंह को सौंपने की बात कही है।
By JP YadavEdited By: Updated: Sun, 26 May 2019 03:47 PM (IST)
नई दिल्ली, जेएनएन। Lok Sabha Election Results 2019: लोकसभा चुनाव-2019 में दिल्ली की सभी सातों सीटों (नई दिल्ली, पूर्वी दिल्ली, पश्चिमी दिल्ली, दक्षिणी दिल्ली, उत्तर पूर्वी दिल्ली, उत्तर पश्चिमी दिल्ली और चांदनी चौक) पर बुरी तरह हारने वाली आम आदमी पार्टी (aam aadmi party) में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है।
वाट्सऐप ग्रुप से निकाले जाने के बाद दिल्ली की चांदनी चौक से AAP विधायक अलका लांबा की नाराजगी बढ़ती जा रही है। इस कड़ी में रविवार सुबह उन्होंने कई ट्वीट किए हैं, लेकिन एक बेहद भावुक ट्वीट किया है और उससे लगता है वह पार्टी छोड़ने के मूड़ में हैं।
AAP विधायक का ट्वीट है- '2013 में आप के साथ शुरू हुआ मेरा सफ़र 2020 में समाप्त हो जायेगा। मेरी शुभकामनाएं पार्टी के समर्पित क्रांतिकारी ज़मीनी कार्यकर्ताओं के साथ हमेशा रहेगीं, आशा करती हूं आप दिल्ली में एक मजबूत विकल्प बने रहेगें। आप के साथ पिछले 6साल यादगार रहगें-
आप से बहुत कुछ सीखने को मिला। आभार।'
आप से बहुत कुछ सीखने को मिला। आभार।'
क्या योगेंद्र यादव की राह पर हैं अलका लांबा, केजरीवाल से कर डाली इतनी बड़ी मांग
वहीं, इससे पहले शनिवार को शाम को वॉट्सऐप ग्रुप से हटाने के बाद नाराज चल रहीं चांदनी चौक से AAP विधायक ने 'बगावती' अंदाज में रविवार को एक ट्वीट किया है, जिसमें उन्होंने AAP मुखिया और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल से राष्ट्रीय संयोजक का पद संजय सिंह को सौंपने की बात कही है। यह ट्वीट चांदनी चौक से AAP विधायक की मुसीबत बढ़ा सकता है, क्योंकि इसी मांग के चलते वर्ष-2015 में योगेंद्र यादव को पार्टी से निकाल दिया गया था। योगेंद्र यादव ही नहीं, ऐसी ही मांगों ने आनंद कुमार, प्रशांत भूषण जैसे कई दिग्गज नेताओं को आम आदमी पार्टी से निकाले जाने की भूमिका तैयार की थी। रविवार सुबह अलका लांबा ने ट्वीट किया- 'मैं पार्टी के भीतर नही हूं,इसलिये पार्टी के बाहर से ही एक शुभचिंतक की तरह सुझाव देती रहूंगी, मानो-ना मानो आप की मर्जी। अगर दिल्ली जीतनी है तो अरविंद जी को दिल्ली पर फ़ोकस करना चाहिये और संविधान के मुताबिक़ पार्टी कन्वीनर का पद संजय सिंह जी को सोप देना चाहिये,संगठन का अनुभव भी है।' यहां पर बता दें कि आम आदमी पार्टी से नाराज चल रहीं चांदनी चौक से विधायक अलका लांबा ने शनिवार को दावा किया था कि उन्हें पार्टी विधायकों के वॉट्सऐप ग्रुप से एक बार फिर हटा दिया गया है। इस वॉट्सऐप ग्रुप में पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल भी शामिल हैं। अलका की मानें तो ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को पांचवें कार्यकाल के लिए मिली जीत पर उन्हें बधाई देने की वजह से उन्हें वॉट्सऐप ग्रुप से हटा दिया गया है। उनका कहना है कि इस तरह का कदम AAP नेतृत्व के लिए ठीक नहीं है। वॉट्सऐप ग्रुप का स्क्रीनशॉट ट्विटर पर साझा करते हुए उन्होंने केजरीवाल की निंदा की और पूछा कि आखिर उन्हें ही क्यों लोकसभा चुनावों में मिली पार्टी की हार का जिम्मेदार ठहराया जा रहा है? यह अलग बात है कि एक स्क्रीनशॉट में यह साफ दिख रहा है कि उत्तर पूर्वी दिल्ली से AAP के उम्मीदवार रहे दिलीप पांडे ने उन्हें हटाया है। वहीं, इस पर दिलीप पांडे इस मामले में कोई जवाब नहीं दिया है। केजरीवाल पर भड़कते हुए लांबा ने कहा कि उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए जो बंद कमरे में तमाम फैसले लेते हैं। 'गुस्सा मुझ पर कुछ यूं निकाला जा रहा है, अकेली मैं ही क्यों?मैं तो पहले दिन से ही यही सब कह रही थी जो आज हार के बाद आप कह रहे हैं, कभी ग्रुप में जोड़ते हो,कभी निकालते हो,बेहतर होता इससे ऊपर उठकर कुछ सोचते, बुलाते,बात करते,गलतियों और कमियों पर चर्चा करते,सुधार कर के आगे बढ़ते।' गौरतलब है कि यह दूसरी बार है जब लांबा को ग्रुप से हटाया गया है। इससे पहले उन्हें पिछले साल दिसंबर में ग्रुप से हटाया गया था जब उन्होंने भूतपूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को दिए गए भारत रत्न सम्मान को रद्द करने के पार्टी के प्रस्ताव पर आपत्ति जताई थी। हालांकि लोकसभा चुनाव प्रचार से पहले उन्हें ग्रुप में शामिल कर लिया गया था। दिल्ली-NCR की ताजा खबरों को पढ़ने के लिए यहां पर करें क्लिकलोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।वहीं, इससे पहले शनिवार को शाम को वॉट्सऐप ग्रुप से हटाने के बाद नाराज चल रहीं चांदनी चौक से AAP विधायक ने 'बगावती' अंदाज में रविवार को एक ट्वीट किया है, जिसमें उन्होंने AAP मुखिया और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल से राष्ट्रीय संयोजक का पद संजय सिंह को सौंपने की बात कही है। यह ट्वीट चांदनी चौक से AAP विधायक की मुसीबत बढ़ा सकता है, क्योंकि इसी मांग के चलते वर्ष-2015 में योगेंद्र यादव को पार्टी से निकाल दिया गया था। योगेंद्र यादव ही नहीं, ऐसी ही मांगों ने आनंद कुमार, प्रशांत भूषण जैसे कई दिग्गज नेताओं को आम आदमी पार्टी से निकाले जाने की भूमिका तैयार की थी। रविवार सुबह अलका लांबा ने ट्वीट किया- 'मैं पार्टी के भीतर नही हूं,इसलिये पार्टी के बाहर से ही एक शुभचिंतक की तरह सुझाव देती रहूंगी, मानो-ना मानो आप की मर्जी। अगर दिल्ली जीतनी है तो अरविंद जी को दिल्ली पर फ़ोकस करना चाहिये और संविधान के मुताबिक़ पार्टी कन्वीनर का पद संजय सिंह जी को सोप देना चाहिये,संगठन का अनुभव भी है।' यहां पर बता दें कि आम आदमी पार्टी से नाराज चल रहीं चांदनी चौक से विधायक अलका लांबा ने शनिवार को दावा किया था कि उन्हें पार्टी विधायकों के वॉट्सऐप ग्रुप से एक बार फिर हटा दिया गया है। इस वॉट्सऐप ग्रुप में पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल भी शामिल हैं। अलका की मानें तो ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को पांचवें कार्यकाल के लिए मिली जीत पर उन्हें बधाई देने की वजह से उन्हें वॉट्सऐप ग्रुप से हटा दिया गया है। उनका कहना है कि इस तरह का कदम AAP नेतृत्व के लिए ठीक नहीं है। वॉट्सऐप ग्रुप का स्क्रीनशॉट ट्विटर पर साझा करते हुए उन्होंने केजरीवाल की निंदा की और पूछा कि आखिर उन्हें ही क्यों लोकसभा चुनावों में मिली पार्टी की हार का जिम्मेदार ठहराया जा रहा है? यह अलग बात है कि एक स्क्रीनशॉट में यह साफ दिख रहा है कि उत्तर पूर्वी दिल्ली से AAP के उम्मीदवार रहे दिलीप पांडे ने उन्हें हटाया है। वहीं, इस पर दिलीप पांडे इस मामले में कोई जवाब नहीं दिया है। केजरीवाल पर भड़कते हुए लांबा ने कहा कि उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए जो बंद कमरे में तमाम फैसले लेते हैं। 'गुस्सा मुझ पर कुछ यूं निकाला जा रहा है, अकेली मैं ही क्यों?मैं तो पहले दिन से ही यही सब कह रही थी जो आज हार के बाद आप कह रहे हैं, कभी ग्रुप में जोड़ते हो,कभी निकालते हो,बेहतर होता इससे ऊपर उठकर कुछ सोचते, बुलाते,बात करते,गलतियों और कमियों पर चर्चा करते,सुधार कर के आगे बढ़ते।' गौरतलब है कि यह दूसरी बार है जब लांबा को ग्रुप से हटाया गया है। इससे पहले उन्हें पिछले साल दिसंबर में ग्रुप से हटाया गया था जब उन्होंने भूतपूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को दिए गए भारत रत्न सम्मान को रद्द करने के पार्टी के प्रस्ताव पर आपत्ति जताई थी। हालांकि लोकसभा चुनाव प्रचार से पहले उन्हें ग्रुप में शामिल कर लिया गया था। दिल्ली-NCR की ताजा खबरों को पढ़ने के लिए यहां पर करें क्लिकलोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप