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दिल्ली में अजब हादसा : बदमाश के पिता ने थाने की तीसरी मंजिल से कूदकर दे दी जान

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि थाने में खुदकशी का मामला है। ऐसे में इसकी जांच डीसीपी स्तर के अधिकारी करेंगे। फिलहाल थाने में लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज को कब्जे में ले लिया है।

By JP YadavEdited By: Updated: Tue, 28 May 2019 10:20 AM (IST)
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दिल्ली में अजब हादसा : बदमाश के पिता ने थाने की तीसरी मंजिल से कूदकर दे दी जान
नई दिल्ली, जेएनएन। हत्या के प्रयास के मामले में भगोड़ा घोषित बदमाश के पिता ने बवाना थाने की तीसरी मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली। पुलिस उन्हें फरार चल रहे बेटे के बारे में पूछताछ के लिए लाई थी। मृतक की पहचान बलराज (55) के रूप में हुई है। मामले की मजिस्ट्रेटी जांच शुरू हो गई है। प्रारंभिक जांच में लापरवाही सामने आने पर जांच अधिकारी एसआइ गजेंद्र माथुर को लाइनहाजिर व सिपाही प्रवीण को निलंबित कर दिया गया है। परिजनों का आरोप है कि थाने में बलराज की पिटाई से मौत हुई है और घटना को आत्महत्या का रूप दे दिया गया है।

बलराज बाजितपुर गांव में परिवार के साथ रहते थे। वह पहले बवाना औद्योगिक क्षेत्र में चौकीदारी करते थे, लेकिन करीब एक साल से कोई काम नहीं कर रहे थे। उनका छोटा बेटा राहुल गत साल हुए कुख्यात बदमाश मोनू बाजितपुरिया की हत्या के प्रयास के मामले में रोहिणी कोर्ट से भगोड़ा घोषित है। इसी माह 22 मई को बाजितपुर गांव में मोहित नाम के युवक को चार गोलियां मारी गई थीं।। इस मामले में भी राहुल का नाम सामने आया था। ऐसे में बवाना थाना में मामला दर्ज कर पुलिस राहुल की तलाश कर रही थी।

पुलिस ने राहुल के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए रविवार की सुबह 11 बजे बलराज व उनके दामाद मुकेश को थाने लेकर गई थी। शाम करीब साढ़े सात बजे बलराज ने पुलिसकर्मियों से पानी पीने जाने की बात कही। वह थाने की तीसरी मंजिल पर गए और नीचे छलांग लगा दी। अचानक हुए इस हादसे से थाना परिसर में भगदड़ मच गई। आननफानन में बलराज को रोहिणी के बाबा साहेब अंबेडकर अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।

वहीं वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों का कहना है कि थाने में खुदकशी का मामला है। ऐसे में इसकी जांच डीसीपी स्तर के अधिकारी करेंगे। फिलहाल थाने में लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज को कब्जे में ले लिया गया है, जिनमें बलराज तीसरी मंजिल से नीचे गिरते नजर आ रहे हैं। इसके साथ बलराज के घर पर लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज को जब्त कर लिया गया है। इस फुटेज में बलराज एक पुलिसकर्मी के साथ जाते हुए दिखाई दे रहे हैं। सोमवार को मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज में पोस्टमार्टम कराने के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया है।

गौरव शर्मा (पुलिस उपायुक्त, उत्तरी बाहरी जिला) ने बताया कि राहुल के पिता बलराज को पूछताछ के लिए बुलाया गया था। पूछताछ के बाद उन्हें घर जाने के लिए कह दिया गया था, लेकिन उन्होंने खुदकशी कर ली। वह पुलिस हिरासत में नहीं थे। घटना की मजिस्ट्रेटी जांच कराई जा रही है।

पिता को फोन किया था

आत्महत्या करने से करीब 20 मिनट पूर्व बलराज ने बड़े बेटे सुनील को फोन किया था। सुनील ने बताया कि करीब सात बजकर दस मिनट पर पिता ने फोन पर कहा था कि पुलिस वाले उनकी पिटाई कर रहे हैं और उसे भी खोज रहे हैं। ऐसे में अगर पुलिस वाला बुलाए तो थाने मत आना। पिता को पुलिस पहले दरियापुर चौकी लेकर गई थी, इसके बाद उन्हें बवाना थाने ले जाया गया था।

सुनील ने बताया कि घटना के समय उनकी मां राजरानी भी बवाना थाने के बाहर मौजूद थीं। शाम पांच बजे तक पिता थाने से वापस नहीं आए थे, ऐसे में उनके बारे में पता लगाने वह गई थीं, लेकिन उन्हें थाने के अंदर जाने नहीं दिया गया। गेट पर तैनात पुलिस कर्मियों ने बताया कि बलराज को कुछ देर में छोड़ दिया जाएगा, लेकिन कुछ देर ही बाद देखा कि पुलिस खून से लथपथ उनके पति को पुलिस वाहन से अस्पताल ले जाकर जा रही है। मां के साथ अन्य परिजन भी वहां मौजूद थे।

सुनील का आरोप है कि उसके पिता खुदकशी नहीं कर सकते हैं, बल्कि पुलिसकर्मियों ने पिटाई के कारण उनकी मौत हुई है। उन्होंने जिम्मेदार पुलिस कर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की।

नौ दिन पहले की थी बेटी की शादी

वारदात से ठीक नौ दिन पूर्व ही बलराज ने बेटी लक्ष्मी की शादी की थी। पुलिस ने उनके परिवार पर दबाव बनाने के लिए दामाद मुकेश को भी थाने बुलाया था।

गैंगवार से जुड़ा है घटनाक्रम

यह पूरा घटनाक्रम गैंगवार से जुड़ा हुआ है। बताया जाता है कि बलराज का बेटा राहुल हितेश उर्फ हैप्पी गैंग से जुड़ा है। हैपी गैंग व मोनू बाजितपुरिया गैंग के बीच 2012 से अदावत चली आ रही है। हैप्पी ने मोनू की नाबालिग चचेरी बहन का अपहरण कर लिया था। बाद में अपहरण की धारा में मुकदमा दर्ज हुआ और हैप्पी गिरफ्तार हो गया था। जेल बाहर आते ही उसने मोनू के बहन की हत्या कर दी थी, तभी से दोनों के बीच दुश्मनी शुरू हुई थी। दोनों फिलहाल जेल से गिरोह का संचालन कर रहे हैं। 2018 के दिसंबर में बवाना इलाके में हैप्पी के इशारे पर मोनू पर जानलेवा हमला हुआ था। इसमें राहुल का नाम सामने आया था और इसी में वह भगोड़ा घोषित है। इसके बाद एक फरवरी को होलंबी खुर्द में राहुल के चचेरे भाई विकास की गोली मार हत्या कर दी गई थी तो 22 मई को मोनू के दोस्त मोहित पर जानलेवा हमला हुआ था।

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