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हार के बाद अब प्रदेश कांग्रेस में कमेटी पर तकरार

लोकसभा चुनाव में दिल्ली की सातों पर करारी हार के बाद भी प्रदेश कांग्रेस की चाल नहीं बदली है। न कहीं आपसी विश्वास नजर आता है और न ही कोई सामंजस्य। आलम यह है कि हार की समीक्षा करने के लिए प्रदेश अध्यक्ष द्वारा गठित कमेटी भी विवादों में घिर गई है। प्रदेश प्रभारी और कार्यकारी अध्यक्ष जहां इसके गठन की जानकारी ही नहीं होने की बात कह रहे हैं वहीं कई वरिष्ठ नेता कमेटी के सदस्यों को ही पार्टी की हार का जिम्मेदार बता रहे हैं।

By JagranEdited By: Updated: Wed, 29 May 2019 06:24 AM (IST)
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हार के बाद अब प्रदेश कांग्रेस में कमेटी पर तकरार

संजीव गुप्ता, नई दिल्ली

लोकसभा चुनाव में दिल्ली की सातों पर करारी हार के बाद भी प्रदेश कांग्रेस की चाल नहीं बदली है। न कहीं आपसी विश्वास नजर आता है और न ही कोई सामंजस्य। आलम यह है कि हार की समीक्षा करने के लिए प्रदेश अध्यक्ष द्वारा गठित कमेटी भी विवादों में घिर गई है। प्रदेश प्रभारी और कार्यकारी अध्यक्ष जहां इसके गठन की जानकारी ही नहीं होने की बात कह रहे हैं वहीं कई वरिष्ठ नेता कमेटी के सदस्यों को ही पार्टी की हार का जिम्मेदार बता रहे हैं।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने सोमवार को ही पांच सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। कमेटी में पूर्व सांसद परवेज हाशमी, पूर्व मंत्री डॉ एके वालिया, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष योगानंद शास्त्री, एआइसीसी प्रवक्ता पवन खेड़ा और पूर्व विधायक जयकिशन को शामिल किया गया है। कमेटी दस दिन के भीतर शीला दीक्षित को रिपोर्ट देगी। रिपोर्ट में हार के कारणों सहित पार्टी या प्रत्याशियों की खामियों और मौजूदा स्थिति में सुधार के उपाय भी शामिल होंगे।

शीला ने यह कमेटी गठित तो कर दी, लेकिन न तो प्रदेश प्रभारी पीसी चाको को इसकी जानकारी दी और न ही कार्यकारी अध्यक्षों को भरोसे में लिया। और तो और कमेटी में जिन नेताओं को सदस्य बनाया गया है, उनमें से ज्यादातर पर अपने-अपने लोकसभा प्रत्याशी को सहयोग एवं समर्थन नहीं करने का आरोप लग रहा है। शायद यही वजह है कि सात में से कई उम्मीदवार भी कमेटी को सहयोग करने के लिए तैयार नहीं नजर आ रहे। पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि कमेटी के कई सदस्य खुद ही टिकट के दावेदार थे। टिकट नहीं मिली तो उन्होंने अपने लोकसभा उम्मीदवार के लिए काम भी नहीं किया। ऐसे में उनसे निष्पक्ष समीक्षा की उम्मीद रखी ही नहीं जा सकती। एक सदस्य ऐसे हैं जिनका दिल्ली की राजनीति से कोई सरोकार नहीं है। -----------

आज होगी हर लोकसभा सीट की बैठक, शामिल नहीं होंगे कई उम्मीदवार

शीला के नेतृत्व में कमेटी ने बुधवार को सातों लोकसभा सीटों पर हार के कारणों पर चर्चा करने के लिए बैठकें रखी गई हैं। सुबह 11 बजे से यह बैठकें शुरू होंगी। हर लोकसभा सीट के लिए आधे-आधे घंटे का समय रखा गया है। इन बैठकों में शीला और कमेटी सदस्यों के साथ-साथ संबंधित लोकसभा सीट के उम्मीदवार और उस सीट के दोनों जिलाध्यक्ष भी उपस्थित रहेंगे। पार्टी सूत्रों के मुताबिक इन बैठकों में कई उम्मीदवारों ने नहीं आने के पहले ही संकेत दे दिए हैं। वहीं कई जिला अध्यक्षों ने तो इस बैठक में खुलकर बोलने का मन बनाया है। ऐसे में इन बैठकों में भी खूब तकरार होने के आसार हैं। -------------

प्रदेश अध्यक्ष को यह कमेटी गठित करने से पहले मुझसे बात करनी चाहिए थी। मैं प्रदेश प्रभारी ही नहीं, एआइसीसी महासचिव भी हूं। प्रदेश अध्यक्ष के साथ मेरी कमोबेश हर रोज बात भी होती है। लेकिन, इस कमेटी के लिए न मुझसे पूछा गया और न ही बाद में बताया। होना तो यह चाहिए था कि मेरे पास इस कमेटी का प्रस्ताव भेजा जाता। इसलिए इस कमेटी का कोई मतलब नहीं रह जाता।

-पीसी चाको, प्रभारी, दिल्ली कांग्रेस

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हार की समीक्षा के लिए जो कमेटी गठित की गई है, उसके बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं है। न ही मुझे विश्वास में लिया गया और न ही बाद में बताया गया।

-हारून यूसुफ, कार्यकारी अध्यक्ष, दिल्ली कांग्रेस

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पांच सदस्यीय कमेटी के गठन को लेकर मुझे कुछ नहीं पता। न मुझसे कोई सलाह ली गई और न ही कुछ बताया गया।

-देवेंद्र यादव, कार्यकारी अध्यक्ष, दिल्ली कांग्रेस -----------

मुझे जो ठीक लगा, मैंने वही किया। आगे की रणनीति पर पार्टी हाईकमान ही निर्णय लेंगे। मैं इस्तीफा दे चुकी हूं और उसे वापस भी नहीं लूंगी। अब जो भी निर्णय लेना है, वह हाईकमान को ही लेना है।

-शीला दीक्षित, प्रदेश अध्यक्ष, दिल्ली कांग्रेस

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