लाइफस्टाइल: अब फिटनेस नहीं, खूबसूरती के लिए डाइटरी सप्लीमेंट्स का क्रेज
आधुनिक दौर में लोग फिटनेस और खूबसूरती पाने के लिए प्रोटीन व विटामिन सप्लीमेंट्स ले रहे हैं।
गुरुग्राम[प्रियंका दुबे मेहता]। आधुनिक दौर में लोग फिटनेस और खूबसूरती पाने के लिए प्रोटीन व विटामिन सप्लीमेंट्स ले रहे हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक अब लोग सोचने लगे हैं कि प्रोटीन व विटामिन की कमी सप्लीमेंट्स के माध्यम से दूर कर देने से उनकी खूबसूरती लौट आएगी। ऐसी खूबसूरती पाने की चाह में गलत तरीकों को रुटीन में शामिल कर रहे हैं।
इसकी वजह से लोगों में तनाव व डिप्रेशन के अलावा अन्य बीमारियों के लक्षण देखे जा रहे हैं। सेहत बिगाड़ते सप्लीमेंट्स इन दिनों कई जिम इंस्ट्रक्टर भी लोगों को स्टेरॉयड और प्रोटीन शेक का सुझाव देते हैं जो कि पूरी तरह से गलत है।
त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ. निवेदिता दादू का कहना है कि हालांकि कुछ प्रोटीन या विटामिन की कमी से बालों से लेकर त्वचा तक पर प्रभाव पड़ता है लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि आप डाइटरी सप्लीमेंट्स लेना शुरू कर दें। इन चीजों का अधिक मात्रा में उपयोग स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डालता है। डॉ. निवेदिता दादू का कहना है कि स्टेरॉयड की वजह से लोगों में एंजाइटी और तनाव जैसी चीजें बढ़ रही हैं जो सीधा हार्ट पर प्रभाव डाल रही हैं।
ऐसे में कम उम्र के लोगों में इस तरह की समस्याएं बढ़ रही हैं। खानपान नहीं, हेल्दी रुटीन दे सकता है खूबसूरती त्वचा या बालों को प्रोटीन चाहिए होता है लेकिन वह प्रोटीन ताजे भोजन से लिया जाना चाहिए, न कि डाइटरी सप्लीमेंट्स से। बालों को किरेटिन और त्वचा को कोलैजन जैसे प्रोटीन चाहिए होते हैं जो कि प्राकृतिक रूप से शरीर में ही बनते हैं, अगर प्राकृतिक भोजन लिया जाए तो।
लोगों को नहीं पता कि उनके शरीर में किस प्रोटीन, विटामिन या मिनिरल की कमी है ऐसे में बिना परामर्श के कोई भी सप्लीमेंट लेना शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है। बच्चों को माताएं संतुलित आहार के नाम पर जिस तरह से अंधाधुंध तरीके से आंखें बंद करके प्रोटीन शेक व अन्य चीजें देती हैं, वह नुकसान कर सकता है। यही वजह है कि बच्चों में बीमारियां बढ़ रही हैं।
हेयर एक्सपर्ट डॉ. अरविंद पोसवाल का कहना है कि बालों को प्रोटीन या विटामिन सप्लीमेंट से न तो झड़ने से बचाया जा सकता है और न ही उनकी खोई चमक व खूबसूरती वापस पाई जा सकती है। खान-पान व बेहतर रूटीन से बालों की खूबूसरती पाई जा सकती है। इसके अलावा आजकल बालों को प्रभावित करने वाले कारकों में एंजाइटी और प्रदूषण भी है, इन चीजों से बचाव करना ज्यादा बेहतर है।
एए डर्मा साइंस, निरवाणा कंट्री के डॉ. बिप्लव अग्रवाल का कहना है कि क्लीनिक प्रोटीन या विटामिन का लेवल कम होने के कई कारण हो सकते हैं। किसी प्रकार की बीमारी, रूटीन सही न होना और खान-पान की अनियमितता। ऐसे में इन चीजों से बचाव करना चाहिए। बीमारियों की अवस्था में दवाइयों के साथ यह सप्लीमेंट्स दिए जाते हैं। इसका मतलब यह नहीं है कि लोग अपनी मर्जी से यह चीजें बिना किसी जांच या परामर्श के लें।