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अर्थला झील के अवैध मकानों पर चला बुलडोजर, आसियाना उजड़ता देख 3 महिलाएं बेहोश

गाजियाबाद में तालाब की जमीन पर बने 15 अवैध मकानों को प्रशासनिक टीम ने बुधवार शाम ध्वस्त कर दिया।

By Mangal YadavEdited By: Updated: Wed, 29 May 2019 08:14 PM (IST)
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अर्थला झील के अवैध मकानों पर चला बुलडोजर, आसियाना उजड़ता देख 3 महिलाएं बेहोश

गाजियाबाद, जेएनएन। अर्थला के बालाजी विहार में तालाब की जमीन पर बने 15 अवैध मकानों को प्रशासनिक टीम ने बुधवार शाम ध्वस्त कर दिया। भारी पुलिसबल और आरआरएफ की उपस्थिति में यह कार्रवाई की गई। सुबह करीब नौ बजे पहुंची प्रशासनिक टीम ने लोगों को घर खाली करने का समय दिया। दोपहर बाद अवैध मकानों पर बुल्डोजर चला दिया गया। इस दौरान लोगों ने कार्रवाई का विरोध किया लेकिन पुलिसबल ने लोगों को शांत करवा दिया।

प्रशासनिक अधिकारियों के अनुसार, अर्थला की बालाजी विहार, चित्रकूट कालोनी और साधुराम कालोनी के ज्यादातर मकान अर्थला के तालाब के खसरा संख्या पर बने हैं। मामले में एनजीटी में याचिका दायर कर तालाब की जमीन पर बने मकानों को ध्वस्त करने की मांग की गई थी। इसके बाद प्रशासनिक अधिकारियों की जांच में सामने आया है कि तीनों कालोनियों के करीब चार सौ मकान तालाब की जमीन पर स्थित हैं। लंबे समय से इन मकानों को चिह्नित किया जा रहा था।

एनजीटी के आदेश पर अब इन्हें ध्वस्त करने की कार्रवाई की जा रही है। कालोनी के लोग इसका विरोध कर रहे हैं। बुधवार सुबह तक कालोनी के लोगों ने प्रशासन के विरोध के लिए बैठकें कीं।

सुबह से जुटने शुरू हुए अधिकारी
सुबह नौ बजे से ही प्रशासनिक अधिकारी, पुलिसल और सुरक्षाबल कालोनी में जुटने शुरू हो गए। अधिकारियों और पुलिसबल के आते ही बालाजी विहार के लोग प्रशासन के खिलाफ हंगामा और प्रदर्शन करते रहे। वहीं इलाके के गणमान्य लोग अधिकारियों से मिले और कार्रवाई रोकने को कहा। हालांकि आला अधिकारियों का आदेश नहीं मिलने के चलते टीम ने कोई कार्रवाई नहीं की।

ढाई बजे हुई बैठक, लिया गया निर्णय
दोपहर करीब ढाई बजे प्रशासनिक अधिकारियों और इलाके के लोगों के साथ हिंडन पुलिस चौकी पर बैठक हुई। इसमें अधिकारियों ने लोगों से अपील की कि वह प्रशासन की कार्रवाई का विरोध करें। इसके बाद झील के किनारे बने मकानों को खाली करने को कहा गया। लोगों ने इन मकानों को खाली किया और अपना सामान समेटा। दोपहर करीब 3.30 बजे दो जेसीबी मौके पर पहुंचीं।

जेसीबी ने झील के किनारे खसरा नंबर-1445 पर बने मकानों को गिराना शुरू किया। लोगों ने सामान निकालने के लिए कुछ समय मांगा। इसके बाद चार बजे जेसीबी ने मकान तोड़ने की कार्रवाई शुरू की। 15 मकानों को ध्वस्त किया गया। एनजीटी में मामले की सुनवाई 31 मई को होनी है। जिसमें इस कार्रवाई का ब्यौरा पेश किया जाएगा।

एलआइयू की रिपोर्ट, हो सकता भारी विरोध
एक ओर एनजीटी ने तालाब पर बने मकानों को ध्वस्त करने का आदेश दिया है, दूसरी ओर लोकल इंटेलिजेंस यूनिट ने भारी विरोध की आशंका जता दी है। सूत्रों की मानें तो प्रशासन को एलआइयू ने रिपोर्ट दी है कि अगर कार्रवाई होती है तो भारी विरोध झेलना पड़ सकता है। इससे लॉ एंड ऑर्डर की समस्या उत्पन्न हो सकती है। इसे देखते हुए अधिकारी फूंक-फूंक कर कदम उठा रहे हैं। सुबह नौ बजे ही आरआरएफ की एक कंपनी अर्थला पहुंच गई। हालांकि शाम चार बजे तक उन्हें इंतजार करना पड़ा। भारी पुलिसबल भी इंतजार करता रहा।

महिलाएं हो गई बेहोश
कार्रवाई शुरू होते ही मकानों को ध्वस्त करना शुरू किया गया। मकान गिरते ही बालाजी विहार में रहने वाली जाहिदा, रिहाना, शाहीन और नसरीन बेहोश हो गई। लोगों ने उठाया और पानी पिलाया। इसके बाद उन्हें होश आया। इलाके के लिए पास के क्लीनिक भेजा गया। उधर, जिन लोगों के मकान टूटे उन्हें स्थानीय लोगों ने आश्वासन दिया कि चंदा इकट्ठा कर दूसरी जगह उनके लिए मकान बनाए जाएंगे।

सांसद प्रतिनिधि ने सौपी 250 लोगों की रजिस्ट्री
विरोध को देखते हुए सांसद प्रतिनिधि संजीव शर्मा मौके पर पहुंचे। उन्होंने लोगों की बात सुनी। साथ ही उनकी रजिस्ट्री इकट्ठी कर और निगम के जोनल प्रभारी एसके गौतम को सौंपी। संजीव शर्मा ने बताया कि प्रशासनिक अधिकारियों से बात कर लोगों की समस्या का समाधान खोजा जाएगा। वहीं एसके गौतम ने कहा कि तालाब की जमीन पर बने एक दर्जन से अधिक मकानों को ध्वस्त कर दिया गया है। आगे की कार्रवाई आला अधिकारियों के निर्देश के अनुसार होगी।

लोगों का कहना है कि  प्रशासन को जमीन बेचने वाले भूमाफियाओं को रोकना चाहिए था। गरीबों का आशियाना नहीं छिनना चाहिए। मकान टूट रहे हैं तो प्रशासन को लोगों को अलग से मकान देने चाहिए। लोगों पर प्रशासन कार्रवाई कर रहा है जबकि भूमाफिया आराम से घूम रहे हैं।

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