दिल्ली में भी सूरत जैसा हादसा होते-होते बचा, हॉस्टल में आग, 6 छात्राओं की तबीयत बिगड़ी
सात छात्राओं ने तो पहली मंजिल से गार्ड रूम के ऊपर छलांग लगा दी। गनीमत रही कि ऊंचाई कम होने के कारण किसी को चोट नहीं आई।
नई दिल्ली, जेएनएन। सूरत के एक कोचिंग सेंटर में आग लगने से करीब 20 छात्रों की मौत का मामला ठंडा भी नहीं पड़ा है कि दिल्ली में जनकपुरी के एक गर्ल्स हॉस्टल के इलेक्ट्रिक पैनल में आग लग गई। इससे हॉस्टल में धुआं फैल गया और छह छात्रओं की तबीयत बिगड़ गई। वहीं, सात छात्राओं ने पहली मंजिल से गार्ड रूम के ऊपर छलांग लगा दी। गनीमत रही कि ऊंचाई कम होने के कारण किसी को चोट नहीं आई। अग्निशमन विभाग, पुलिस व जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की टीम ने हॉस्टल से छात्राओं को बाहर निकाला और करीब एक घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। बचाव टीम ने छह छात्रओं को कैट्स एंबुलेंस से पास के ही आर्या अस्पताल पहुंचाया गया।
डॉक्टरों के अनुसार, दो छात्राओं को छुट्टी दे दी गई, जबकि सांस लेने में दिक्कत के कारण चार छात्रओं का इलाज जारी है। जनकपुरी में कावेरी गल्र्स हॉस्टल में मेडिकल व इंजीनियरिंग की तैयारी करने वाली छात्राएं रहती हैं। बुधवार तड़के तीन बजे हॉस्टल के बेसमेंट के पास लगे इलेक्ट्रिक पैनल में जोरदार धमाके के साथ बिजली के तारों में आग लग गई। गेट पर तैनात सुरक्षाकर्मी ने संबंधित विभागों को अवगत कराया। इसके बाद दमकल की तीन गाड़ियां, जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की टीम, सात कैट्स एंबुलेंस व पुलिस मौके पर पहुंची।
घटना के वक्त थीं 50 छात्राएं
घटना के समय हॉस्टल में 50 छात्राएं मौजूद थीं। आग लगने के बाद जब छात्राओं की आंखें खुलीं तो उन्होंने खुद को धुएं से घिरा पाया। बचाव टीम ने सबसे पहले ग्राउंड फ्लोर, फिर प्रथम तल से छात्राओं को बाहर निकाला।
शॉर्ट सर्किट माना जा रहा घटना का कारण
घटना के बाद क्राइम व फोरेंसिक टीम ने भी मौके का मुआयना किया और आग के कारणों की जांच की। उनके साथ अग्निशमन विभाग के अधिकारी भी मौजूद थे। प्रथम दृष्टया घटना का कारण शॉर्ट सर्किट माना जा रहा है।
हॉस्टल में नहीं थे आग से सुरक्षा के इंतजाम
दक्षिणी पश्चिमी जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के डीपीओ विनोद भारद्वाज ने बताया कि हॉस्टल में आग से निपटने के लिए सुरक्षा के पर्याप्त साधन नहीं थे। सीढ़ियां कम चौड़ी थीं। वहीं रोशनदान भी नहीं था। इस कारण ग्राउंड फ्लोर पर धुआं ही धुआं नजर आने लगा था। उन्होंने बताया कि इसके अलावा फायर सेफ्टी के नाम पर जितने उपकरण चाहिए वे भी मौजूद नहीं थे। वहीं, आगजनी से निपटने के लिए पानी का टैंक भी होना जरूरी है, लेकिन यह सुविधा भी यहां नहीं है। हॉस्टल संचालक को आपदा प्रबंधन प्राधिकरण नोटिस भेजने की तैयारी कर रहा है।
दो दिन पहले ही किया गया था सतर्क
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि सूरत में हुए हादसे को देखते हुए इलाके में कोचिंग सेंटर व अन्य शिक्षण संस्थानों का निरीक्षण किया गया था। इस बीच कोचिंग सेंटर व हॉस्टल के संचालक के साथ जनकपुरी थाने में एक बैठक की गई थी और सुरक्षा के उपायों पर चर्चा की गई थी। इस बैठक में कावेरी हॉस्टल की केयर टेकर भी मौजूद थीं। छात्राओं ने बताया कि आपदा प्रबंधन को लेकर उन्हें बुधवार को प्रशिक्षण दिया जाना था। लेकिन, उससे पहले ही यह घटना हो गई।
इसके अलावा छात्राओं ने कहा कि हॉस्टल में उनका मोबाइल जमा करवा लिया जाता है। दिन में एक बार ही अपने परिजनों से बातचीत की इजाजत दी जाती है, ताकि छात्राएं हॉस्टल में ज्यादा से ज्यादा समय तक पढ़ाई कर सकें।
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