गर्मी सहने की क्षमता पर रिसर्च कर रहा नामी संस्थान, जानें- आप कैसे हो सकते हैं शामिल
सीएएस के प्रोफेसर सागनिक डे ने बताया कि ऑनलाइन और ऑफलाइन इस शोध में देश का कोई भी व्यक्ति भाग ले सकता है।
नई दिल्ली, जेएनएन। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) दिल्ली का पर्यावरणीय विज्ञान केंद्र (सीएएस) लोगों में गर्मी सहने की क्षमता पर शोध कर रहा है। इसमें देश के अन्य पांच संस्थान भी मदद कर रहे हैं। आइआइटी दिल्ली यह शोध विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार के तहत वित्तपोषित प्रोजेक्ट ‘हीट स्ट्रेस इंडेक्स फॉर इंडिया प्रोजेक्शन फॉर नियर फ्यूचर’ के तहत कर रहा है।
सीएएस के प्रोफेसर सागनिक डे ने बताया कि हम देश के विभिन्न इलाकों में लोगों के गर्मी को सहने की क्षमता को लेकर एक शोध कर रहे हैं। शोध में खासकर इलाकों की परिस्थितियों, वहां के पहनावे आदि का भी खास ध्यान रखा जाएगा।
उन्होंने बताया कि ऑनलाइन और ऑफलाइन इस शोध में देश का कोई भी व्यक्ति भाग ले सकता है। इसके लिए आइआइटी दिल्ली ने विशेष रूप से एक वेबसाइट और एंड्रॉयड एप तैयार किया है। वहीं, जो लोग कंप्यूटर या मोबाइल नहीं चलाते, वे ऑफलाइन फॉर्म के माध्यम से इस शोध से जुड़ सकते हैं। प्रो. डे ने बताया कि हम सुरक्षा कर्मियों, पुलिस और सेना के जवानों को भी इस शोध में शामिल कर रहे हैं।
गर्मी से बचने की तैयारी पर भी बनाएंगे योजना
सीएएस के प्रो. सागनिक डे ने बताया कि हम शोध के नतीजों के आधार पर गर्मी से बचने की योजना तैयार करने की दिशा में काम करेंगे। जब हमारे पास नतीजे आ जाएंगे तो उनके आधार पर हम लोगों को समय-समय पर गर्मी से कैसे बचें जैसे परामर्श जारी कर सकेंगे।
उन्होंने बताया कि जलवायु परिवर्तन के साथ-साथ तापमान बढ़ेगा और इसका सीधा असर मनुष्यों के स्वास्थ्य पर पड़ेगा। इस स्थिति से निपटने के लिए इस शोध को किया जा रहा है। इसमें आइआइटी दिल्ली का साथ आइआइटी कानपुर, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च (आइआइएसआर) भोपाल, रामाकृष्णा मिशन विवेकानंद एजूकेशनल एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट (आरकेएमवीयू) कोलकाता, श्री रामचंद्र यूनिवर्सिटी (एसआरयू) चेन्नई और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक हेल्थ (आइआइपीएच) गांधीनगर शामिल हैं।
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