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जानिए- 135 करोड़ लोगों से बॉलीवुड एक्‍टर्स क्यों कर रहे गुजारिश, 'हवा आने दो'

केंद्रीय वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक वायु प्रदूषण का आलम यह है कि देश भर में 92 फीसद लोग प्रदूषित हवा में ही सांस ले रहे हैं।

By Edited By: Updated: Sat, 01 Jun 2019 09:04 AM (IST)
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जानिए- 135 करोड़ लोगों से बॉलीवुड एक्‍टर्स क्यों कर रहे गुजारिश, 'हवा आने दो'

नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। संयुक्त राष्ट्र द्वारा इस साल विश्व पर्यावरण दिवस का थीम वायु प्रदूषण रखे जाने के मद्देनजर केंद्र सरकार का फोकस भी दिल्ली-एनसीआर सहित देश के सर्वाधिक प्रदूषित 102 शहरों पर ही होगा। यूं तो स्वच्छ वायु अभियान के तहत इन शहरों में प्रदूषण दूर करने के उपायों पर पहले से ही काम चल रहा है, लेकिन अब सरकार की कोशिश जन जागरूकता बढ़ाने पर भी रहेगी। इसके लिए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) तो नोडल एजेंसी के रूप में काम करेगा ही, बॉलीवुड की जानी मानी शख्सियतों की मदद से तैयार ऑडियो-वीडियो विजुअल की मदद भी ली जाएगी।

केंद्रीय वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक वायु प्रदूषण का आलम यह है कि देश भर में 92 फीसद लोग प्रदूषित हवा में ही सांस ले रहे हैं। हालांकि 2024 तक पीएम 2.5 और पीएम 10 को 20 से 30 फीसद घटाने का लक्ष्य रखा गया है।

लक्ष्य प्राप्ति के लिए पर्यावरण संरक्षण, जल संरक्षण, ई- कचरा, पौधरोपण, प्लास्टिक कचरा, सार्वजनिक परिवहन, ईधन और प्राकृतिक स्त्रोत बचाने से संबंधित विषयों पर 12 ऑडियो और 19 वीडियो क्रिएटिव भी तैयार कराए गए हैं। ज्यादातर 30 सेकेंड से पांच मिनट की समयावधि वाले हैं। रेडियो और टीवी पर इनके प्रसारण से जनजागरूकता बढ़ाने का प्रयास किया जाएगा। पर्यावरण संरक्षण और हरियाली बढ़ाने के लिए दो जिंगल फिल्म स्टार अमिताभ बच्चन की आवाज में रिकॉर्ड किए गए हैं। बुधवार को मंत्रालय में विश्व पर्यावरण दिवस की थीम पर ही आधारित एक थीम गीत 'हवा आने दो' भी लांच किया गया।

तीन मिनट 33 सेकेंड के इस वीडियो में फिल्म अभिनेता अक्षय कुमार, गायक शंकर महादेवन और शान सहित कई अन्य कलाकारों का सहयोग लिया गया है। इस थीम गीत में सभी स्वच्छ हवा की अहमियत का संदेश देते नजर आते हैं। सीपीसीबी की ओर से वायु प्रदूषण पर एक व्याख्यान और पौधरोपण का कार्यक्रम आयोजित करने का शिड्यूल बनाया गया है।

इसके अलावा सीपीसीबी वायु गुणवत्ता की निगरानी के लिए एक मोबाइल वैन भी तैयार करा रहा है। इस वैन का औपचारिक उद्घाटन विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर ही होगा। इस वैन की मदद से दिल्ली-एनसीआर के उन इलाकों में भी वायु प्रदूषण के स्तर की निगरानी हो सकेगी, जहां एयर क्वालिटी मॉनिट¨रग संयंत्र नहीं लगे हैं।

मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि पांच जून को ईद की छुंट्टी होने के बावजूद विज्ञान भवन में विश्व पर्यावरण दिवस का मुख्य कार्यक्रम रहेगा। इसमें व्याख्यान और चर्चा सत्र होने के साथ-साथ ही पर्यावरण आधारित फिल्मों की एक प्रतिस्पर्धा भी घोषित की जाएगी। चूंकि केंद्रीय मंत्रिमंडल का गठन बृहस्पतिवार शाम को ही हुआ है, लिहाजा, इस राष्ट्रीय स्तर के आयोजन में अतिथि एक दो दिन बाद तय हो पाएंगे। 

पीजे माइकल (निदेशक (मीडिया, संरक्षण-सर्वे, आइटी) केंद्रीय वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय) ने बताया कि विश्व पर्यावरण दिवस और इसकी थीम पर आधारित विभिन्न कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार है। सरकार के गठन के बाद इनकी औपचारिक घोषणा भी जल्द हो जाएगी। थीम के अनुरूप निस्संदेह इस बार पूरे वर्ष वायु प्रदूषण की रोकथाम पर विशेष फोकस रहेगा। राज्य सरकारों के साथ मिलकर केंद्र सरकार भी हर संभव सहयोग एवं प्रयास करेगी।

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