21वीं सदी में दिल्ली का ये हाल, 2.5 किमी रेल पटरी बिछाने में लग गए 6 साल
समस्या बढ़ी और जब सांसदों ने भी मामला उठाया तो पिछले वर्ष अगस्त में काम पूरा करने का लक्ष्य रखा गया जिसे बाद में बढ़ाकर जून 2019 कर दिया गया। काम फिर भी अधूरी ही है।
नई दिल्ली [संतोष कुमार सिंह]। ट्रेनों को समय पर चलाने के लिए तिलक ब्रिज से नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के बीच दो अतिरिक्त लाइन शुरू होने में अभी और समय लगेगा। इन दोनों स्टेशनों के बीच फिलहाल चार लाइनें हैं जो ट्रेनों की संख्या के लिहाज से कम हैं। इससे आउटर पर एक के पीछे एक ट्रेनें खड़ी हो जाती हैं। इस समस्या को दूर करने के लिए इन दोनों रेलवे स्टेशनों के बीच लगभग पांचवीं व छठी लाइन बिछाने का काम चल रहा है।
काफी समय तक यह काम अतिक्रमण की वजह से अटका रहा। बाद में रेलवे ने ट्रैक को इस तरह से बिछाने की योजना बनाई कि अतिक्रमण हटाए बिना भी दोनों लाइनें बिछाई जा सकें। लगभग 2.65 किलोमीटर लंबी इन दोनों रेल लाइनों का काम छह वर्ष बाद भी पूरा नहीं हो सका है।
आउटर पर ट्रेनें खड़ी रहने की समस्या बढ़ी और जब सांसदों ने भी मामला उठाया तो पिछले वर्ष अगस्त में काम पूरा करने का लक्ष्य रखा गया, जिसे बाद में बढ़ाकर जून, 2019 कर दिया गया। जून भी समाप्त होने को है, लेकिन अब तक काम पूरा नहीं हुआ है।
बताते हैं कि 27 से 30 जून तक नन इंटरलॉकिंग का काम किया जाना था, जिसके लिए इस रूट पर ट्रैफिक ब्लॉक लेने का प्रस्ताव भी तैयार हुआ था। लेकिन, सिविल वर्क पूरा नहीं होने के कारण नन इंटरलॉकिंग का काम फिलहाल टाल दिया गया है।
दरअसल दिल्ली में पहुंचने के बाद भी ट्रेनें प्लेटफार्म और लाइन खाली नहीं होने की वजह से आउटर पर खड़ी रहती हैं। नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर पहुंचने वाली ट्रेनें भी अक्सर तिलक ब्रिज या शिवाजी ब्रिज पर रोक दी जाती हैं। ट्रेनों की आवाजाही बेहतर बनाने के लिए तिलक ब्रिज और नई दिल्ली के बीच पांचवीं और छठी लाइन के साथ ही आनंद विहार और नई दिल्ली के बीच भी अतिरिक्त लाइनें बिछाई जा रही हैं। इन दोनों का काम पूरा होने के बाद लाइन खाली नहीं होने से ट्रेनों को किसी अन्य स्टेशनों पर खड़ी करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
कटड़ा-नई दिल्ली के बीच विशेष ट्रेन
श्री माता वैष्णो देवी कटड़ा और नई दिल्ली के बीच सफर करने वाले यात्रियों के लिए रेलवे ने हाई स्पीड विशेष रेलगाड़ी चलाने का फैसला किया है। यह रेलगाड़ी 130 किलोमीटर प्रति घंटे तक की रफ्तार से दौड़ेगी और दोनों रेलवे स्टेशनों के बीच महज आठ घंटे में सफर पूरा कराएगी। इससे रेल यात्रियों का कम से कम दो घंटे का समय बचेगा। वर्तमान में चल रही रेलगाड़ियों से दिल्ली से कटड़ा जाने में दस से बारह घंटे लग जाते हैं।
इस विशेष रेलगाड़ी को चलाने के लिए रेलवे पहले ट्रायल करेगा। ट्रायल कब होगा, यह ट्रेन नियमित होगी या कुछ दिनों के लिए ही चलाया जाएगा, इसके बारे में भी कोई सूचना नहीं है।
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