गाजियाबाद-नोएडा में 1 जुलाई से मनचलों को मिलेगा 'रेड कार्ड', जानिए- इसके बारे में
उत्तर प्रदेश सरकार के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए यूपी पुलिस ने दिल्ली से सटे नोएडा और गाजियाबाद में एंटी रोमियो स्कवॉड को दोबारा सक्रिय करने का फैसला किया है।
नई दिल्ली, जेएनएन। दिल्ली से सटे नोएडा और गाजियाबाद में एक जुलाई से एंटी रोमियो स्कवॉड (Anti Romeo squads) फिर से सक्रिय होने जा रहा है। इसके तहत सोमवार से छात्राओं, युवतियों-महिलाओं के साथ छेड़छाड़ करने के साथ अभद्रता करने वाले मनचलों को पुलिस रेड कार्ड देगी। शनिवार को गौतमबुद्धनगर के एसएसपी वैभव कृष्ण ने मनचलों को दिया जाने वाला रेड कार्ड जारी कर दिया। इस दौरान उन्होंने कहा-'जो भी शख्स युवतियों-महिलाओं को छेड़ता, फब्तियां कसता या फिर परेशान करता नजर आएगा, उसे नोएडा पुलिस रेड कार्ड जारी करेगी।' उन्होंने कहा- 'एंटी रोमियो स्कवॉड जिलेभर में सक्रिय रहेगा। ऐसे मनचलों को कार्ड जारी करने के साथ चेतावनी भी दी जाएगी कि अगर दोबारा एेसा किया तो कानून सम्मत कार्रवाई होगी।'
बता दें कि इस योजना के तहत एंटी रोमियो स्क्वॉड (Anti Romeo squads) को मजबूत करने के इरादे से नोएडा पुलिस नया प्रयोग कर रही है। इसके तहत इसके साथ जिन इलाकों में छेड़छाड़ की वारदात ज्यादा होती है, वहां इसे रोकने के लिए पुलिस अलग-अलग इलाकों में लोगों से मशविरा भी लेगी। यह प्रयोग एक महीने तक चलेगा, फिर इस पर महिलाओं, युवतियों और लड़कियों से फीडबैक भी लिया जाएगा। फिर इसी फीडबैक के आधार पर आगे इसमें सुधार भी किया जाएगा। यह रेड कार्ड एंटी रोमियो स्क्वॉड के तहत पुलिसकर्मी देंगे। ऐसे पुलिसकर्मी (महिला व पुलिस) सादी वर्दी में सार्वजनिक स्थलों पर तैनात रहेंगे।
शक के आधार पर भी मिलेगा रेड कार्ड
एसपी देहात विनीत जयसवाल की मानें तो रेड कार्ड शक के आधार पर भी दिया जाएगा। इसके तहत स्क्वॉड से जुड़ा पुलिसकर्मी स्कूल और कॉलेज के बाहर खड़े किसी भी व्यक्ति से वहां पर उपस्थिति का कारण पूछ सकता है। वहीं, संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर उन्हें रेड कार्ड दिया जा सकता है। पुलिस का कहना है कि स्क्वॉड द्वारा पकड़े गए आरोपियों का डिजिटल रेकॉर्ड भी पुलिस के पास रखा जाएगा।
रेड कार्ड का मतलब चेतावनी
इस बड़े कदम के तहत रेड कार्ड उन लोगों को दिए जाएंगे जो स्कूलों, कॉलेजों और पब्लिक प्लेस पर लड़कियों पर फब्तियां कसते हैं। बताया जा रहा है कि यह कार्ड उन लोगों को एक चेतावनी की तरह होगा। यदि इन लोगों को फिर से इस तरह की हरकत/करतूत करते हुए पाया गया तो उनके खिलाफ कानून सम्मत कार्रवाई की जाएगी।
यह भी तय किया गया है कि पुलिस स्टेशन के क्षेत्रों के हिसाब से स्थानों का चयन किया जाएगा, जहां पर एंटी रोमियो स्क्वॉड के तहत पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे। बताया जा रहा है कि इस योजना के पूरी तरह से क्रियान्यवयन की प्रक्रिया की कड़ी में एक महीने के बाद दोबारा लड़कियों से फीडबैक लिया जाएगा।
यहां पर बता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए यूपी पुलिस ने दिल्ली से सटे नोएडा और गाजियाबाद में एंटी रोमियो स्कवॉड को दोबारा सक्रिय करने का फैसला किया है। दोनों ही जिलों में एक साथ 1 जुलाई से इसी सिलसिले में एक महीने का विशेष अभियान भी चलाया जाएगा।
यूपी पुलिस से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक, यह तय किया है कि नोएडा और गाजियाबाद में इस अभियान के तहत इससे जुड़े सदस्यों (पुलिसकर्मियों) को एक विशेष जैकेट भी दी जाएगी। एक महीने तक चलने वाले इस विशेष अभियान में महिलाओं के लिए गुलाबी रंग के लेटर बॉक्स स्कूल और कॉलेजों के बाहर लगाए जाएंगे, ताकि वे अपने नाम का खुलासा किए बगैर कोई भी शिकायत पुलिस तक पहुंचा सके।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने के तकरीबन एक महीने बाद ही मई, 2017 में सीएम योगी आदित्यनाथ ने मनचलों पर रोक लगाने के लिए एंटी रोमियो स्कवॉड शुरू किया गया था। कुछ पुलिसकर्मियों की गलतियों के चलते इसकी आलोचना हुई फिर इसे वापस भी लेना पड़ा। इस दौरान यूपी पुलिस पर आरोप लगा था कि एंटी रोमियो स्कवॉड के तहत यूपी पुलिस ने युवक-युवतियों और प्रेमी युग्लों को बेवजह परेशान किया था। बता दें कि इस अभियान के फिर शुरू होने की जानकारी गाजियाबाद पुलिस ने अपने ट्वीटर अकाउंट पर दी है।