लाइफस्टाइल: मानसून में हिट हो रहा है 'टी-ब्यूटी-डीटॉक्स', जानें- इसके फायदे
टी ब्यूटी डीटॉक्स थेरेपी एक साधारण सौंदर्य उपचार है। इसमें चाय के पानी व उसके भीगे हुए दानों से स्क्रब व समाज दिया जाता है।
By Edited By: Updated: Fri, 19 Jul 2019 03:05 PM (IST)
गुरुग्राम [प्रियंका दुबे मेहता]। ग्रीन टी के स्वास्थ्य लाभ को देखते हुए लोग अब चाय को जीवन शैली का हिस्सा बनाने लगे हैं। जहां चाय की चुस्कियों में लोग स्वास्थ्य शरीर की तलाश कर रहे हैं, वहीं मानसून में इससे ब्यूटी-डीटॉक्स भी हो रहा है। इसे टी-ब्यूटी-डीटॉक्स का नाम दिया गया है।
इस थेरेपी को लेकर सैलून व पार्लरों में काफी गहमागहमी है। लोग इस समय बरसात में त्वचा को संक्रमण से बचाने के लिए इस उपचार की मांग कर रहे हैं।क्या है टी-ब्यूटी-डीटॉक्स?
टी ब्यूटी डीटॉक्स थेरेपी एक साधारण सौंदर्य उपचार है। इसमें चाय के पानी व उसके भीगे हुए दानों से स्क्रब व समाज दिया जाता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट के साथ साथ बैक्टीरियानाशक गुण भी होते हैं। चाय के शुद्धिकारक गुण न केवल त्वचा को बरसात की परेशानियों से बचाते हैं बल्कि उसमें कांति व नई आभा भी ला सकते हैं।
टी ब्यूटी डीटॉक्स थेरेपी एक साधारण सौंदर्य उपचार है। इसमें चाय के पानी व उसके भीगे हुए दानों से स्क्रब व समाज दिया जाता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट के साथ साथ बैक्टीरियानाशक गुण भी होते हैं। चाय के शुद्धिकारक गुण न केवल त्वचा को बरसात की परेशानियों से बचाते हैं बल्कि उसमें कांति व नई आभा भी ला सकते हैं।
क्यों पड़ती है जरूरत?
नम मौसम में बैक्टीरिया पनपते हैं। त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ. सचिन धवन के मुताबिक मानसून सीजन में नमी के कारण यह बैक्टीरिया त्वचा के संपर्क में आते ही त्वचा की आंतरिक परतों में प्रवेश कर जाते हैं। इसके बाद उस हिस्से पर कील और मुहांसे हो जाते हैं। अगर इस पर कोई दवा लगाई जाती है तो वह केवल ऊपरी स्तर से इसे ठीक कर सकती है और थोड़े ही दिनों में फिर से कील-मुहांसे हो जाते हैं। ऐसे में टी-ब्यूटी-डीटॉक्स बेहतरीन उपचार साबित हो रहा है। क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
ब्यूटी एक्सपर्ट नूपुर के अनुसार, इस मौसम में हिट हो रही इस थेरेपी को लेकर कई नए प्रयोग भी हो रहे हैं। केवल टी डीटॉक्स के अलावा इसे अन्य प्रक्रियाओं के साथ भी किया जा रहा है। इसमें टी ट्री आइल मसाज से लेकर ग्रीन टी क्लीनअप जैसी चीजें भी शामिल हैं।
नम मौसम में बैक्टीरिया पनपते हैं। त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ. सचिन धवन के मुताबिक मानसून सीजन में नमी के कारण यह बैक्टीरिया त्वचा के संपर्क में आते ही त्वचा की आंतरिक परतों में प्रवेश कर जाते हैं। इसके बाद उस हिस्से पर कील और मुहांसे हो जाते हैं। अगर इस पर कोई दवा लगाई जाती है तो वह केवल ऊपरी स्तर से इसे ठीक कर सकती है और थोड़े ही दिनों में फिर से कील-मुहांसे हो जाते हैं। ऐसे में टी-ब्यूटी-डीटॉक्स बेहतरीन उपचार साबित हो रहा है। क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
ब्यूटी एक्सपर्ट नूपुर के अनुसार, इस मौसम में हिट हो रही इस थेरेपी को लेकर कई नए प्रयोग भी हो रहे हैं। केवल टी डीटॉक्स के अलावा इसे अन्य प्रक्रियाओं के साथ भी किया जा रहा है। इसमें टी ट्री आइल मसाज से लेकर ग्रीन टी क्लीनअप जैसी चीजें भी शामिल हैं।
वहीं, ब्यूटी एक्सपर्ट साक्षी सूद कहती हैं कि लोग नेचुरल थेरेपीज की तरफ बढ़ रहे हैं। हमारे किचन में इतनी चीजें होती हैं कि कहीं बाहर जाने की जरूरत ही नहीं पड़ती। ग्रीन टी और टी ट्री ऑइल थेरेपी इस समय सबसे ज्यादा कारगर साबित हो रही है। मानसून के दौरान लोगों में इस थेरेपी को लेकर काफी क्रेज देखने को मिल रहा है।दिल्ली-NCR की ताजा खबरों को पढ़ने के लिए यहां पर करें क्लिक
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