अनियमित कॉलोनी में रहने वाले 50 लाख लोगों के लिए AAP सरकार का तोहफा, शुरू होगी रजिस्ट्री
CM अरविंद केजरीवाल ने एलान किया है कि दिल्ली की अनियमित कॉलोनी में रहने वाले लोगों के लिए अच्छी खबर है। जल्दी ही रजिस्ट्री खोली जाएगी और उन्हें मालिकाना हक भी मिलेगा।
By JP YadavEdited By: Updated: Thu, 18 Jul 2019 08:27 PM (IST)
नई दिल्ली, जेएनएन। आम आदमी पार्टी (aam aadmi party) के मुखिया और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली की तकरीबन 2000 अनियमित कॉलोनियों में रहने वाले 50 लाख से अधिक लोगों को बड़ी सौगात देते हुए एलान किया है कि जल्द ही यहां पर रजिस्ट्री शुरू हो सकेगी।
AAP सरकार के इस एलान को अगले छह महीने में होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव-2020 (Delhi Assembly Election-2020) के मद्देनजर बड़े दांव के रूप में देखा जा रहा है। बताया जा रहा है कि तकरीबन 2000 कॉलोनियों में बन लाखों घरों की रजिस्ट्री से न केवल 50 लाख से अधिक लोग लाभान्वित होंगे, बल्कि इससे सरकार को भी करोड़ों के कर (TAX) की प्राप्ति हो सकेगी।इस बाबत बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पत्रकार वार्ता कर कहा कि चार साल में हमलोग भी कोशिश करते रहे और केंद्र सरकार भी कोशिश करती रही। दिल्ली का विकास तभी हो सकता है, जब केंद्र और दिल्ली सरकार मिलकर काम करें। ये अच्छी बात है कि केंद्र सरकार दिल्ली सरकार प्रस्तावों को मंजूरी दे रही है।
इसी के साथ केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली की अनियमित कॉलोनी में रहने वाले लोगों के लिए अच्छी खबर है। जल्दी ही रजिस्ट्री खोली जाएगी और उन्हें मालिकाना हक भी मिलेगा। उन्होंने यह भी कहा कि कच्ची कॉलोनी में रह रहे लोगों के साथ धोखा होता रहा है। केंद्र और दिल्ली सरकार दोनों चुनाव में वादा कर भूल जाते थे। इससे पहले 2 नवंबर, 2015 को कैबिनेट में प्रस्ताव पारित कर केंद्र को भेजा था।इस बाबत 12 नवंबर को चिठ्टी केंद्र को भेजी थी। इस मुद्दे पर बुधवार शाम को केंद्र की ओर से उसपर सकारात्मक जवाब आया है। इस पर केजरीवाल ने दिल्ली के लोगों की तरफ से केंद्र सरकार का शुक्रिया कहा है।
कच्ची कॉलोनियों के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि मालिकाना हक का सालों का सपना दिल्ली सरकार पूरा करने जा रही है। पहले इन कॉलोनियों में काफी बुरे हालात थे। कभी पानी , सीवर, नाली सड़क की व्यवस्था नहीं थी। हमारी सरकार ने पहली बार इन कॉलोनियों पर 3500 करोड़ खर्च कर चुकी है। 2500 करोड़ लगाकर पानी की लाइन डाल रहे हैं। पहली बार 6 हज़ार करोड़ कॉलोनियों में खर्च हो रहा है। इसमे देरी हुई। किस वजह से हुई इस चर्चा में पड़ना नहीं चाहते। ये जश्न मनाने का वक़्त है।बता दें कि दिल्ली की अनधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले 50 लाख लोगों को इनके नियमित होने का इंतजार था, जो अब पूरा होने जा रहा है। सत्ता में आने के चार साल बाद भी AAP सरकार एक भी कॉलोनी को नियमित नहीं कर सकी थी, लेकिन अब कुछ महीने के बाद इनमें अब तक संपत्ति की रजिस्ट्री का कार्य भी शुरू हो सकेगा। बता दें कि दिल्ली में अनियमित कॉलोनियों की संख्या 1649 से बढ़कर अब 1797 हो चुकी है।
यहां फंसा है पेंच
केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने इन कॉलोनियों को नियमित करने की दिशा में दिल्ली सरकार से कुछ जानकारी मांगी थी। इसमें कॉलोनियों की सीमा निर्धारित करने के लिए सभी प्लाटों की अलग-अलग जानकारी मांगी गई थी। इसमें अनियमित कॉलोनी का नाम, वर्ग मीटर में एरिया, आबादी, अगर सरकारी जमीन पर है तो उसका उल्लेख, प्रत्येक कॉलोनी में प्लाटों की संख्या, जिला का नाम, किस निगम या स्थानीय निकाय के अंतर्गत है, इसकी जानकारी देना आदि शामिल है। कॉलोनी के सर्वे की रिपोर्ट और 1 जनवरी-2015 तक बिल्टअप एरिया का फीसद आदि की जानकारी देने को कहा गया था। 2008 में सरकार ने 1639 अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने की बात कही थी। 2008 के विधानसभा चुनाव से पहले 1239 कॉलोनियों को प्रोविजनल सर्टिफिकेट जारी किए गए थे। उस वक्त नियम था कि 2002 में इनका बिल्टअप एरिया 10 फीसद तो 2007 में 50 फीसद होना चाहिए।दिल्ली-NCR की ताजा खबरों को पढ़ने के लिए यहां पर करें क्लिक
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने इन कॉलोनियों को नियमित करने की दिशा में दिल्ली सरकार से कुछ जानकारी मांगी थी। इसमें कॉलोनियों की सीमा निर्धारित करने के लिए सभी प्लाटों की अलग-अलग जानकारी मांगी गई थी। इसमें अनियमित कॉलोनी का नाम, वर्ग मीटर में एरिया, आबादी, अगर सरकारी जमीन पर है तो उसका उल्लेख, प्रत्येक कॉलोनी में प्लाटों की संख्या, जिला का नाम, किस निगम या स्थानीय निकाय के अंतर्गत है, इसकी जानकारी देना आदि शामिल है। कॉलोनी के सर्वे की रिपोर्ट और 1 जनवरी-2015 तक बिल्टअप एरिया का फीसद आदि की जानकारी देने को कहा गया था। 2008 में सरकार ने 1639 अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने की बात कही थी। 2008 के विधानसभा चुनाव से पहले 1239 कॉलोनियों को प्रोविजनल सर्टिफिकेट जारी किए गए थे। उस वक्त नियम था कि 2002 में इनका बिल्टअप एरिया 10 फीसद तो 2007 में 50 फीसद होना चाहिए।दिल्ली-NCR की ताजा खबरों को पढ़ने के लिए यहां पर करें क्लिक