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कहीं अपने वाहन का फर्जी बीमा तो नहीं करा रहे हैं आप, बचने के लिए पढ़ें यह स्टोरी

भारी रकम चुकाने से बचने के लिए लोग ऐसे जालसाजों के झांसे में आ जाते हैं। आखिर में उन्हें भारी रकम जुर्माने के रूप में चुकानी पड़ती है।

By JP YadavEdited By: Updated: Mon, 22 Jul 2019 12:35 PM (IST)
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कहीं अपने वाहन का फर्जी बीमा तो नहीं करा रहे हैं आप, बचने के लिए पढ़ें यह स्टोरी
नई दिल्ली (वीके शुक्ला)। यदि अपने वाहन का बीमा करा रहे हैं तो सावधान रहें। कहीं कोई आपके साथ गड़बड़ी तो नहीं कर रहा है। यदि कोई एजेंट सस्ते में बीमा कराने की बात कहता है या कराता है तो कंपनी के बारे में जांच जरूर कर लें। यह भी पता कर लें कि उस पर क्यूआर कोड है या नहीं। इस तरह के मामले सामने आ रहे हैं कि लोगों ने बसों व ट्रकों के जो बीमा कराए थे, वे फर्जी निकले हैं।

परिवहन विभाग के झुलझुली ऑटोमेटेड फिटनेस सेंटर में एक दर्जन के करीब ऐसे मामले सामने आए हैं। ट्रकों और बसों की बीमा पॉलिसी फर्जी पाई गई हैं। इस पर परिवहन विभाग ने जब कार्रवाई करनी चाही तो बसों व ट्रकों के मालिक लौट गए और उन बीमा पॉलिसी को वापस लेकर नहीं आए। इसके बाद से सेंटर के निरीक्षकों ने बीमा पॉलिसी के बारे में छानबीन शुरू कर दी है। अब हर बस, ट्रक की बीमा की पॉलिसी की जांच की जा रही है। पॉलिसी पर क्यूआर कोड भी देखा जा रहा है।

परिवहन विभाग झुलझुली में बसों व ट्रकों की फिटनेस जांच करता है। बसों व ट्रकों के बीमा के लिए मोटी रकम देनी होती है। एक ट्रक की बीमा पॉलिसी 50 हजार से 60 हजार तक साल की होती है। कई बार ऐसे लोग सस्ता बीमा कराने के चक्कर में आ जाते हैं या अनजाने में भी कई बार लोग ऐसे लोगों से बीमा करा लेते हैं, जो फर्जी होता है, इसलिए बीमा पॉलिसी पर क्यूआर कोड जरूर जांच लें। हम किसी भी वाहन का बीमा इसलिए कराते हैं कि कोई दुर्घटना होने पर इसका लाभ ले सकें। लेकिन अगर दुर्घटना होने या वाहन के चोरी होने पर आपको पता चले कि आपने जो बीमा कराया था, वह फर्जी था तो यह स्थिति किसी मुसीबत से कम नहीं होगी। ऐसे में बीमा अधिकृत कंपनियों से ही कराएं।

हरीश सभ्भरवाल (महासचिव, दिल्ली कांट्रेक्ट बस एसोसिएशन) का कहना है कि कुछ समय पहले से ऐसे मामले आ रहे हैं कि ट्रकों के बीमा की पॉलिसी फर्जी पाई गई हैं। हम लोगों ने इस बात की शिकायत परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत से की है। मैं लोगों से कहना चाहता हूं कि बीमा कराते समय लालच में न आएं, अन्यथा किसी तरह की घटना होने पर मुश्किल में फंस सकते हैं। इस बात की जानकारी मिली है कि झुलझुली फिटनेस सेंटर के आसपास सक्रिय दलाल इस तरह के बीमा के नाम पर घपला कर रहे हैं। बसों व ट्रकों के कम पढ़े-लिखे चालक ऐसे मामलों में फंस रहे हैं। इसकी जांच होनी चाहिए।

QR Code का इस्तेमाल कर सुरक्षित रहें

बता दें कि आप चाहें तो तकनीक की मदद से QR कोड का इस्तेमाल करके अपनी पॉलिसी की जांच कर सकते हैं कि आपकी पॉलिसी सही है या फिर फर्जी। ऐसा करना इसलिए भी जरूरी है कि अगर आपकी पॉलिसी फर्जी है तो आपको दोहरी दिक्कत का सामना करना पड़ेगा। एक ओर आपको फाइन भरना पड़ेगा तो दूसरी ओर फर्जी पॉलिसी के लिए आप पहले से भारी रकम दे चुके होंगे। 

दरअसल, आइआरडीए (Insurance Regulatory and Development Authority)  ने बीमा कंपनियों को वाहन बीमा पॉलिसी पर एक क्यूआर कोड मुद्रित करने के लिए अनिवार्य किया है, जो बीमा पॉलिसी की प्रामाणिकता को सत्यापित करने में मदद करेगा।

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