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SC के फैसले से जगी लाखों लोगों को फ्लैट मिलने की उम्मीद, 5 बिंदुओं में जानें फैसला

आम्रपाली के 42000 निवेशकों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अपने अहम फैसले में कहा कि अधूरे प्रोजेक्ट नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन लिमिटेड (एनबीसीसी) पूरा करेगी।

By JP YadavEdited By: Updated: Tue, 23 Jul 2019 12:22 PM (IST)
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SC के फैसले से जगी लाखों लोगों को फ्लैट मिलने की उम्मीद, 5 बिंदुओं में जानें फैसला
नई दिल्ली, जेएनएन। Supreme Court To Announce Verdict In Amrapali Case: सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली बिल्डर्स प्रोजेक्ट्स के 42 हजार खरीददारों को बड़ी राहत देते हुए मंगलवार को अहम फैसला सुनाया है। इसके तहत कोर्ट ने एनबीसीसी को आदेश दिया है कि वह आम्रपाली की अधूरी परियोजनाओं को पूरा करे। इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों से यह भी कहा है कि समय पर प्रोजेक्ट पूरे नहीं करने वाले सभी बिल्डरों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए। आइए 5 प्वाइंट्स में जानते हैं कि सुप्रीम कोर्ट का यह अहम फैसला।

1. आम्रपाली के अधूरे प्रोजेक्ट नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन लिमिटेड (एनबीसीसी) पूरा करेगी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को आम्रपाली ग्रुप की कंपनियों के रियल एस्टेट रेग्युलेटरी अथॉरिटी (Real Estate Regulatory Authority) में हुए रजिस्ट्रेशन भी रद करने के आदेश दिए। कोर्ट ने कहा कि आम्रपाली ने ग्राहकों से धोखाधड़ी कर उनके पैसे डायवर्ट किए।

2. SC ने फैसले में प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) को निर्देश दिए हैं कि आम्रपाली के सीएमडी अनिल शर्मा, अन्य निदेशकों और अधिकारियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की जांच की जाए। इतना ही नहीं, कोर्ट  ने यह भी कहा कि आम्रपाली ग्रुप ने फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट (फेमा) और एफडीआइ के नियमों का उल्लंघन किया है।

3. कोर्ट ने दिल्ली-NCR समेत देशभर के लाखों केंद्र और राज्य सरकारों से कहा है कि समय पर प्रोजेक्ट पूरे नहीं करने वाले बिल्डरों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए।

4. कोर्ट ने आम्रपाली के सभी प्रोजेक्ट की लीज भी रद कर दी हैं। नोएडा और ग्रेटर नोएडा अथॉरिटीज ने लीज जारी की थीं।

5. कोर्ट ने बैंकों और नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी को बकाया वसूली के लिए आम्रपाली ग्रुप की संपत्तियां बेचने का अधिकार नहीं है। इसी के साथ कोर्ट ने कहा कि जब ये बिल्डर फंड दूसरे मद में ट्रांसफर कर रहे थे तो ये संस्थाएं आंखें मूंदें बैठी थीं।

यहां पर बता दें कि आम्रपाली के हजारों निवेशक सालों पहले पूरी रकम देने के बावजूद आशियाने के लिए तरस रहे हैं। कुछ महीने पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया और आम्रपाली के डायरेक्टर की संपत्तियों को कुर्क करने का आदेश दिया। फिलहाल आम्रपाली के सीएमडी समेत अन्य जेल में बंद हैं।

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