क्रिकेटर धौनी की कंपनियों की जांच के लिए नेफोवा ने लिखा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र
Nefowa Write to nirmala sitharaman नेफोवा ने आम्रपाली मामले में क्रिक्रेटर महेंद्र सिंह धौनी और उनकी पत्नी साक्षी के कंपनियों की जांच की मांग की है।
By Mangal YadavEdited By: Updated: Thu, 25 Jul 2019 03:38 PM (IST)
नई दिल्ली, जेएनएन। Nefowa Write to nirmala sitharaman: फ्लैट खरीददारों की संस्था नोएडा एक्सटेंशन फ्लैट ओनर्स वेलफेयर एसोसिएशन (नेफोवा) ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी को पत्र लिखा है। नेफोवा ने आम्रपाली मामले में क्रिकेेटर महेंद्र सिंह धौनी और उनकी पत्नी साक्षी के कंपनियों की जांच की मांग की है।
पत्र में कहा गया है कि 23 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट के आदेश में फोरेंसिंक ऑडिट के हवाले से कहा गया है कि होम बॉयर्स के पैसों को डायवर्ट करने के मकसद से आम्रपाली ग्रुप ने महेंद्र सिंह धौनी और उनकी पत्नी साक्षी धौनी की कंपनी रिति स्पोर्ट्स मैनेजमेंट प्रा. लि.(आरएसएमपीएल) और आम्रपाली माही डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड के साथ बेमानी समझौते किए और होम बॉयर्स के पैसे अवैध तरीके से इन कंपनियों में डायर्वट किया गया।
पत्र में कहा गया है कि ऑडिट रिपोर्ट में आम्रपाली माही डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड को नकद में शेयर पूंजी दी और सभी खर्चों का भुगतान भी नकद में किया गया। जो कि जांच के घेरे में है। पत्र के माध्यम से नेफोवा ने केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय और वित्त मंत्रा मंत्रालय से इस मामले को अविलम्ब हस्तक्षेप की मांग करते हुए जांच की मांग की है।
कैट ने पासवान से की कार्रवाई की मांग
उधर, केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान को बृहस्पतिवार को भेजे गए एक ज्ञापन में कन्फेडरेशन ऑफ़ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट ) ने आम्रपाली समूह को बढ़ावा देने वाले अपने विज्ञापन के लिए भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धौनी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। कैट ने कहा है कि धौनी द्वारा आम्रपाली ग्रुप को विज्ञापनों के माध्यम से समर्थन देने पर आम्रपाली परियोजनाओं में फ्लैट खरीदने के लिए लोगों को बहुत प्रभावित किया है और चूंकि बिल्डर दोषी पाया गया है, इसलिए धौनी पर जवाबदेही भी आती है। धौनी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग करते हुए कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री बी सी भरतिया और राष्ट्रीय महामंत्री श्री प्रवीन खंडेलवाल ने पासवान से संसद के वर्तमान सत्र में उपभोक्ता सुरक्षा विधेयक पारित करने को सुनिश्चित करने की मांग की, ताकि मशहूर हस्तियों द्वारा भ्रामक और भ्रामक एंडोर्समेंट और विज्ञापनों से देश के लोगों को बचाया गया जा सके।
धौनी की कंपनी से वसूला जाए आम्रपाली के घर खरीदारों का पैसा: सुप्रीम कोर्ट
दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली समूह और क्रिकेटर महेंद्र सिंह धौनी की कंपनी रिति स्पोर्ट्स मैनेजमेंट प्रा. लि.(आरएसएमपीएल) में हुए समझौते को कानूनन सही नहीं माना है। कोर्ट से नियुक्त फोरेंसिक ऑडिटर की रिपोर्ट के बाद शीर्ष अदालत ने आरएसएमपीएल से रियल एस्टेट समूह द्वारा भुगतान की गई राशि वापस लेने को कहा है।फोरेंसिक ऑडिटर पवन कुमार अग्रवाल और रवि भाटिया ने रिपोर्ट में कहा है कि आम्रपाली समूह ने धौनी के ब्रांड को प्रमोट करने वाली उनकी कंपनी से संदिग्ध समझौता किया था। फ्लैट खरीदारों का पैसा दूसरी जगह भेजने के लिए ऐसा किया गया था। आम्रपाली सफारी डेवलपर्स प्रा.लि. ने कंपनी को 2009-2015 के बीच 42.22 करोड़ में से 6.52 करोड़ दिए। आम्रपाली समूह ने 22 नवंबर 2009 के समझौते सहित कई और समझौते किए थे। रिपोर्ट पर कोर्ट की थी ये टिप्पणी
फोरेंसिक ऑडिटर ने रिपोर्ट में कहा है कि ‘यह शर्त पूरी करने के लिए कोई दस्तावेज रिकॉर्ड पर नहीं है। स्पष्ट है कि ये समझौते सिर्फ रिति स्पोर्ट्स को राशि का भुगतान करने के लिए किए गए थे। ’ जस्टिस अरुण मिश्र और जस्टिस यूयू ललित की पीठ ने अपने 270 पृष्ठों के आदेश में कहा है, ‘हम महसूस कर रहे हैं कि घर खरीदारों का पैसा गलत तरीके से आरएसएमपीएल को दिया गया था। वहां से उसे वापस लिया जाए। इसका कारण यह है कि हमारे विचार से ये समझौते कानून की कसौटी पर खरा नहीं उतरते हैं।’अप्रैल में कोर्ट पहुंचे थे धौनी
इसी साल अप्रैल में धौनी शीर्ष कोर्ट पहुंचे थे। उन्होंने 5500 वर्ग फीट के पैंथर हाउस पर मालिकाना हक के संरक्षण की मांग की थी। आम्रपाली की एक परियोजना में उन्होंने 10 साल पहले इसे बुक कराया था।दिल्ली-NCR की ताजा खबरों को पढ़ने के लिए यहां पर करें क्लिक
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।उधर, केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान को बृहस्पतिवार को भेजे गए एक ज्ञापन में कन्फेडरेशन ऑफ़ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट ) ने आम्रपाली समूह को बढ़ावा देने वाले अपने विज्ञापन के लिए भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धौनी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। कैट ने कहा है कि धौनी द्वारा आम्रपाली ग्रुप को विज्ञापनों के माध्यम से समर्थन देने पर आम्रपाली परियोजनाओं में फ्लैट खरीदने के लिए लोगों को बहुत प्रभावित किया है और चूंकि बिल्डर दोषी पाया गया है, इसलिए धौनी पर जवाबदेही भी आती है। धौनी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग करते हुए कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री बी सी भरतिया और राष्ट्रीय महामंत्री श्री प्रवीन खंडेलवाल ने पासवान से संसद के वर्तमान सत्र में उपभोक्ता सुरक्षा विधेयक पारित करने को सुनिश्चित करने की मांग की, ताकि मशहूर हस्तियों द्वारा भ्रामक और भ्रामक एंडोर्समेंट और विज्ञापनों से देश के लोगों को बचाया गया जा सके।
धौनी की कंपनी से वसूला जाए आम्रपाली के घर खरीदारों का पैसा: सुप्रीम कोर्ट
दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली समूह और क्रिकेटर महेंद्र सिंह धौनी की कंपनी रिति स्पोर्ट्स मैनेजमेंट प्रा. लि.(आरएसएमपीएल) में हुए समझौते को कानूनन सही नहीं माना है। कोर्ट से नियुक्त फोरेंसिक ऑडिटर की रिपोर्ट के बाद शीर्ष अदालत ने आरएसएमपीएल से रियल एस्टेट समूह द्वारा भुगतान की गई राशि वापस लेने को कहा है।फोरेंसिक ऑडिटर पवन कुमार अग्रवाल और रवि भाटिया ने रिपोर्ट में कहा है कि आम्रपाली समूह ने धौनी के ब्रांड को प्रमोट करने वाली उनकी कंपनी से संदिग्ध समझौता किया था। फ्लैट खरीदारों का पैसा दूसरी जगह भेजने के लिए ऐसा किया गया था। आम्रपाली सफारी डेवलपर्स प्रा.लि. ने कंपनी को 2009-2015 के बीच 42.22 करोड़ में से 6.52 करोड़ दिए। आम्रपाली समूह ने 22 नवंबर 2009 के समझौते सहित कई और समझौते किए थे। रिपोर्ट पर कोर्ट की थी ये टिप्पणी
फोरेंसिक ऑडिटर ने रिपोर्ट में कहा है कि ‘यह शर्त पूरी करने के लिए कोई दस्तावेज रिकॉर्ड पर नहीं है। स्पष्ट है कि ये समझौते सिर्फ रिति स्पोर्ट्स को राशि का भुगतान करने के लिए किए गए थे। ’ जस्टिस अरुण मिश्र और जस्टिस यूयू ललित की पीठ ने अपने 270 पृष्ठों के आदेश में कहा है, ‘हम महसूस कर रहे हैं कि घर खरीदारों का पैसा गलत तरीके से आरएसएमपीएल को दिया गया था। वहां से उसे वापस लिया जाए। इसका कारण यह है कि हमारे विचार से ये समझौते कानून की कसौटी पर खरा नहीं उतरते हैं।’अप्रैल में कोर्ट पहुंचे थे धौनी
इसी साल अप्रैल में धौनी शीर्ष कोर्ट पहुंचे थे। उन्होंने 5500 वर्ग फीट के पैंथर हाउस पर मालिकाना हक के संरक्षण की मांग की थी। आम्रपाली की एक परियोजना में उन्होंने 10 साल पहले इसे बुक कराया था।दिल्ली-NCR की ताजा खबरों को पढ़ने के लिए यहां पर करें क्लिक