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चलाते हैं कार तो जरूर पढ़ें यह खबर, आपको बड़े हादसे से बचा सकती हैं ये जानकारियां

चलती कार में आग लगने की जानकारी लगते ही कार में बैठे लोग सतर्क हो जाएं वरना कार्बन मोनोऑक्साइड गैस की चपेट में आ सकते हैं जो जानलेवा भी है। आग फैलने पर हादसा बड़ा हो सकता है।

By JP YadavEdited By: Updated: Mon, 29 Jul 2019 07:55 AM (IST)
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चलाते हैं कार तो जरूर पढ़ें यह खबर, आपको बड़े हादसे से बचा सकती हैं ये जानकारियां

नई दिल्ली [लोकेश चौहान]। कार के साथ थोड़ी सी लापरवाही और जरा सी अनदेखी जानलेवा साबित हो सकती है। ऐसी तमाम घटनाएं सामने आई हैं, जब सड़क पर चलती कार आग का गोला बन गई और कभी एक व्यक्ति तो कभी पूरा परिवार दम तोड़ देता है। आग लगने की सबसे अधिक घटनाएं शार्ट सर्किट से होती हैं। ऐसे में जरूरी है कि वजह को समझा जाए और कार के साथ बहुमूल्य जीवन को भी आग में खाक होने से बचाया जाए।

ऑटो एक्सपर्ट टूटू धवन बताते हैं कि कार में आग लगने के कई कारण होते हैं। इनमें सबसे प्रमुख शॉर्ट सर्किट है। इसका बड़ा कारण वायरिंग का खराब होना होता है। वह बताते हैं कि लोग अक्सर कार में एसेसरीज और हॉर्न समेत कई तरह का सामान किसी भी मैकेनिक से लगवा लेते हैं। इससे वायरिंग में कटिंग हो जाती है।

ओवर हीट होने पर शॉर्ट सर्किट की आशंका बढ़ जाती है। वायरिंग का कोई भी काम ऐसे मैकेनिक से कराएं, जिसे पूरी जानकारी हो। बेहतर तो यह है कि काम अधिकृत सर्विस स्टेशन पर ही कराएं। वह बताते हैं कि फ्यूल टैंक या पाइप में लीकेज, खराब वायरिंग, खराब रेडिएटर और खराब बैटरी से भी आग लग सकती है। अगर चूहे वायरिंग को काट दें तो भी शॉर्ट सर्किट की आशंका बढ़ जाती है।

सेंट्रल लॉक होने पर कांच तोड़कर निकलना एकमात्र विकल्प

आग लगने के साथ ही कार में लगा सेंट्रल लॉकिंग सिस्टम और पावर विंडो काम करना बंद कर देती है। ऐसे में कार के सामने की विंडस्क्रीन तोड़ने के बजाय खिड़की का कांच तोड़कर निकलने का प्रयास करना चाहिए।

सामने की विंडस्क्रीन मजबूत होने के साथ आसानी से नहीं टूटती है, जबकि खिड़की का कांच आसानी से तोड़ा जा सकता है। इसके लिए गियर या स्टेयरिंग लॉक का लीवर या छोटी हथौड़ी काम आ सकता है। भारी चीज न हो तो कांच पर पैरों से जोर का धक्का मारे, इससे कांच टूट जाएगा। आग लगने के समय सबसे अहम बात यह है कि संयम का परिचय दें।

मिनटों में घुट जाता है दम

कार में आग लगने के कारण कार के अंदर तेजी से धुआं फैलता है। यह धुआं काफी विषैला होता है, जिससे सबसे पहले व्यक्ति को सांस लेने में परेशानी होती है। जैसे ही यह धुआं सांस के साथ अंदर जाने लगता है, वैसे ही बेसुध होने लगता है। कार में धुआं भरने के कारण कुछ ही मिनटों में दम घुटने के कारण व्यक्ति बेहोश भी हो सकता है।यूं तो चलती कार में आग लगने के बहुत से कारण हैं। लेकिन ऐसा नहीं है कि इन घटनाओं से बचा नहीं जा सकता है। कार ड्राइविंग के दौरान या उससे पहले कुछ मुख्य बातों पर यदि ध्यान दिया जाए तो इस प्रकार की दुर्घटनाओं से आसानी से बचा जा सकता है

क्या करें और क्या न करें

  • अलग से लाइट, प्रेशर हॉर्न जैसे एसेसरीज लगवाने से बचें
  • अधिकृत सर्विस स्टेशन पर नियमित सर्विस कराएं
  • समय-समय पर बोनट खोलकर चेक करते रहना चाहिए कि कोई पाइप कटी-फटी न हो
  •  इंजन ऑयल, ब्रेक ऑयल और कूलेंट सही मात्रा में हों
  •  सड़क किनारे बैठे मैकेनिकों से वायरिंग का किसी भी प्रकार का काम कराने से बचें
  • अधिकृत स्टेशन से ही गैस किट (सीएनजी/एलपीजी) लगवाएं
  • घबराने के बजाय खिड़की का कांच तोड़कर निकलें बाहर

आग लगने पर बरतें सावधानी

  •  धुआं बोनट के नीचे हो तो उसे खोलने की कोशिश न करें। इससे आग को और ऑक्सीजन मिल जाएगी और आग तेजी से भड़क सकती है
  •  कार में धुआं या लपटें नजर आएं तो बिना देर किए इंजन बंद कर दें इससे करंट और ईंधन की सप्लाई बंद हो जाएगी और सेंटर लॉक खुल जाएगा
  •  छोटी आग को फायर एक्सटिंग्विशर से बुझा सकते हैं
  •  आग तेज है तो उसे खुद बुझाने की कोशिश न करें
  •  पेट्रोल से लगी आग पर पानी न डालें
  • अगर कार में आग लगने की जानकारी सही वक्त पर न मिली हो तो कार में बैठे लोग कार्बन मोनोऑक्साइड गैस की चपेट में आ सकते हैं, जो जानलेवा भी है।

आग लगने के कारण
 

  • कारों में आग लगने का सबसे बड़ा कारण है शार्ट सर्किट
  • अगर चूहे वायरिंग को काट दें तो भी शॉर्ट सर्किट से आग लग सकती है
  • ओवर हीट होने पर शॉर्ट सर्किट होता है और कार में आग लग जाती है
  • फ्यूल टैंक या पाइप में लीकेज, खराब वायरिंग, खराब रेडिएटर व खराब बैटरी से आग लग सकती है  
  • ज्यादातर आग लगने का बड़ा कारण वायरिंग का खराब होना होता है

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