मनीष सिसोदिया ने बिजली के दाम पर कहा- देश में सिर्फ दिल्ली में है सस्ती बिजली
बिजली की नई दरें घोषित होने के बाद उपमुख्यमंत्री सिसोदिया ने सचिवालय में पत्रकार वार्ता की। उन्होंने कहा कि पिछले पांच साल में बिजली के दाम भी बढ़ने नहीं दिए हैं।
नई दिल्ली, जेएनएन। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा है कि दिल्ली की जनता बधाई की पात्र है, जिसने ऐसी सरकार चुनी है, जो न सिर्फ देश में सबसे सस्ती बिजली दे रही है। बल्कि, पिछले पांच साल में बिजली के दाम भी बढ़ने नहीं दिए हैं। दिल्ली अकेला ऐसा राज्य है, जहां पिछले पांच साल से बिजली के दाम घटे हैं।
बिजली की नई दरें घोषित होने के बाद उपमुख्यमंत्री सिसोदिया ने सचिवालय में पत्रकार वार्ता की। इसमें उन्होंने कहा कि दिल्ली में 2010 में 200 यूनिट बिजली के दाम 539 रुपये थे। साल 2013 में यह 928 रुपये हुए, जबकि साल 2018 में ये घटकर 660 रुपये हुए और अब आज के बाद ये 408 रुपये हो जाएंगे।
यानी अब दिल्ली में 200 यूनिट बिजली के दाम 2010 के मुकाबले भी कम हो गए हैं। उन्होंने कह कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने चार महीने पहले घोषणा की थी कि स्थाई शुल्क कम कर दिया जाएगा, जिसे बुधवार को पूरा कर दिया। इसके अलावा छोटी दुकान वालों के बिजली के रेट कम कर दिए गए हैं।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के बिजली उपभोक्ताओं को दिल्ली विद्युत विनियामक आयोग (डीईआरसी) ने बड़ी राहत दी है। डीईआरसी ने बिजली की फिक्स्ड दरों में भारी कटौती की है। दो किलो वाट तक (प्रति माह) अब सिर्फ 20 रुपये ही देने पड़ेंगे, जबकि इसके लिए पहले उपभोक्ताओं को 125 रुपये देने पड़ते थे।
इसी तरह तीन से पांच किलोवाट की खपत पर लोगों को 50 रुपये देने पड़ेंगे। पहले दो से पांच किलोवाट (प्रति माह) बिजली की खपत पर 140 रुपये देने पड़ते थे। इसके अलावा छह से 15 किलोवाट तक 175 रुपये प्रति किलोवाट की जगह 100 रूपये प्रति किलोवाट स्थायी शुल्क लिया जाएगा।
एक अगस्त से नई दरें लागू
दिल्ली में बिजली की नई दरें एक अगस्त से लागू होंगी। ई वाहन को बढ़ावा देने के लिए चार्जिंग शुल्क में भी कमी की गई है। 5.50 रुपये प्रति यूनिट की जगह 4.50 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से बिजली शुल्क लिया जाएगा।
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