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बदसुलूकी से टूटी 12वीं की छात्रा ने दी जान, कमरा बंद कर चुन्‍नी से लगा ली फांसी

बच्‍चों में हीन भावना बहुत जल्‍दी घर जाती है। ऐसा ही एक वाक्‍या दक्षिणी दिल्‍ली में देखने को मिला। जहां सहपाठियों की लड़ाई में बड़ों से लगी डांट को सहन नहीं कर पाई और सुसाइट कर ली।

By Prateek KumarEdited By: Updated: Thu, 01 Aug 2019 09:24 AM (IST)
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बदसुलूकी से टूटी 12वीं की छात्रा ने दी जान, कमरा बंद कर चुन्‍नी से लगा ली फांसी

नई दिल्ली, जेएनएन। साकेत थाना क्षेत्र स्थित केंद्रीय विद्यालय में पढ़ने वाली 12वीं कक्षा की छात्र ने फांसी लगा ली। वह 11वीं की एक छात्र के परिजनों द्वारा स्कूल में घुसकर की गई बदलुसूकी से क्षुब्ध थी। दक्षिणी दिल्ली के डीसीपी विजय कुमार ने बताया कि मूलरूप से उत्तराखंड निवासी चंदन सिंह बिष्ट बीएसएफ में कांस्टेबल हैं। वह पुष्प विहार सेक्टर-3 में परिवार सहित रहते हैं। उनकी 17 वर्षीय बेटी नेहा बिष्ट केंद्रीय विद्यालय में 12वीं कक्षा में पढ़ती थी। मंगलवार शाम नेहा ने घर में कमरा बंद कर पंखे से चुन्नी बांधकर फांसी लगा ली। शाम करीब पौने छह बजे पिता के घर पहुंचने पर घटना की जानकारी मिली।

पुलिस के मुताबिक नेहा ने 29 जुलाई को स्कूल की छुट्टी होने के बाद दो बाहरी लड़कों के साथ मिलकर स्कूल के बाहर 11वीं कक्षा में पढ़ने वाली एक लड़की को पीटा था। नेहा के भाई अखिल ने बताया कि 11वीं कक्षा में पढ़ने वाली लड़की की मां व अन्य परिजन 30 जुलाई को जब स्कूल में आए तब लैब में पहुंच गए। नेहा का गिरेबान पकड़कर उसे लैब से बाहर निकाला और घसीटते हुए कॉरिडोर में ले आए।

यहां उसके परिजनों ने उसके साथ बदसुलूकी की। वह उसे स्कूल से बाहर ले जाकर पीटना चाहते थे लेकिन स्कूल के शिक्षकों द्वारा बीच-बचाव करने के बाद चले गए। इसके बाद स्कूल के शिक्षकों ने नेहा की मां जानकी देवी को फोन कर स्कूल बुलाया। वह पहुंची तो नेहा वहां नहीं मिली।

शिक्षकों ने उनसे नेहा के साथ 31 जुलाई को स्कूल आने की बात कही। वहीं अखिल ने बताया कि 11वीं कक्षा की छात्रा के परिजनों की तरफ से नेहा पर लगाए आरोप निराधार हैं। इसके अलावा स्कूल के अन्य छात्रों ने भी बताया है कि 11वीं कक्षा में पढ़ने वाली छात्रा ने ही नेहा को पीटा था। यहीं नहीं, करीब एक साल पहले भी उस छात्रा ने नेहा को पीटा था।

मां ने बताया, बस स्टैंड पर बैठकर रो रही थी नेहा

नेहा विष्ट की मां ने बताया कि जब वह स्कूल से वापस आई तब भी उनकी बेटी घर नहीं पहुंची थी। वह बस स्टैंड पर बैठकर रो रही थी। किसी राहगीर ने उसे रोते देखा तो उसके स्कूल आइडी कार्ड से परिजनों का नंबर लिया और फोन किया। मां के कहने पर राहगीर ने नेहा को घर पहुंचाया। घर आते ही वह रोने लगी। उसने बताया कि उसके स्कूल में पढ़ने वाली एक छात्र की मां व अन्य परिजनों ने उसके साथ बहुत बदतमीजी की है।

बच्चों का झगड़ा समझ गंभीरता से नहीं लिया

नेहा बिष्ट की मां ने बताया कि बच्चों का झगड़ा समझते हुए उन्होंने मामले को गंभीरता से नहीं लिया और नेहा को समझाकर शांत रहने के लिए कहा। इसके बाद किसी काम से वह घर से बाहर चली गईं। शाम करीब पौने छह बजे नेहा के पिता घर आए तो उसके खुदकशी करने की जानकारी मिली।

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